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मूए

मू-ए-मिझ़ा

पलकों के बाल

मू-ए-ज़िहार

नाभि के नीचे के बाल, पेड़ के बाल, वो बाल जो लिंग के आस-पास होते हैं, झांट, झांटें

मू-ए-निहानी

मूए जान हार

औरतें किसी से घृणा या अप्रसन्नता के अवसर पर कहती हैं, मूव्वा

मू-ए-झ़ोलीदा

बिखरे हुए और उलझे हुए बाल

मू-ए-सर

सर के बाल

मू-ए-आतिश-दीदा

आग में तपाया हुआ बाल, जो टेढ़ा पड़ जाता है, आग का दिखाया हुआ बाल, बाल आग की गर्मी पाकर पेचदार हो जाता है, पेचदार बाल

मू-ए-तन रास्त होना

शरीर के रोंगटे खड़े होना

मू-ए-जिस्म मैला होना

मूए पर

मूए को मारे शाह मदार

रुक : मरे को मारें शाह मदार जो ज़्यादा मुस्तामल है

मूए के मुँह को झुलसा

(अविर) कोसना, इस के मुँह को आग लगे, ग़ारत हो , जैसे : नौज, झाईं पूएं मोए के मुँह को झुलसा

मूए जीते

मरे हुए एवं जीवित

मूए-बदन

बदन के रोंगटे, शरीर के बाल, शरीर का रोवाँ

मूए-क़लम

केंद्र बिंदु, ब्रश का नोक, क़लम का नोक

मू-ए-बदन खड़े होना

शरीर के रौंगटे खड़े होना (भय या परेशानी से)

मू-ए-कमर

मूए जाना

मू-ए-सफ़ेद

सफ़ैद बाल

मू-ए-नजफ़

मू-ए-दराज़

मू-ए-चीनी

वह बाल जो चीनी के प्याले वग़ैरा में चटख़ने से पड़ जाता है

मू-ए-मियान

मू-ए-अलफ़्त

बहुत नीच, कमीना, मुफ़्त में खाने वाला

मू-ए-मुनीफ़

मूए का कोई नहीं, जीते का सब कोई

ज़िंदा की सब ख़ुशामद करते हैं मरे हुए का कोई नाम नहीं लेता, रुपय के सब यार होते हैं कंगाल की मिट्टी पलीद है, ताक़तवर के सब साथी हैं कमज़ोर का कोई साथ नहीं देता

मू-ए-ख़मीर

वह तार जो ख़मीर किए हुए आटे आदि में मोई या पीड़ा तोड़ने पर उठता है

मूए का कोई नाम नहीं जीते का सब कोई

मू-ए-पेचाँ

बल खाए हुए बाल

मू-ए-मुबारक

पैग़ंबर मोहम्मद के सर या दाढ़ी के पवित्र बाल

मू-ए-मुक़द्दस

मू-ए-लुंगारे

(अविर) शहिदे, बदमाश, लुच्चे

मू-ए-मोहम्मद

मूए से बत्तर

ज़िंदा दरगोर

मू-ए-ज़ेर-ए-नाफ़

मूए की रोटी देना

(हिंदू) मौत में कुन्बे वालों को खाना खिलाना

मूए पर तीन दिन भारी

कहा जाता है कि मरुदे की रूह पर तीन दिन तकलीफ़ रहती है, मर्दे से तीन दिन तक आमाल की पुर्सिश होती रहती है

मूए पर सौ दुर्रे लगाना

मुसीबतज़दा को और तकलीफ़ पहुंचाना

मूए के सूरत को झुलसा

(अविर) कोसना, इस के मुँह को आग लगे, ग़ारत हो , जैसे : नौज, झाईं पूएं मोए के मुँह को झुलसा

मूए-शेर से जीती बिल्ली भली

ज़ोर आवर ुमरदे से कमज़ोर ज़िंदा बेहतर, अदना ज़िंदा आला मर्दे से अच्छा, बड़ी चीज़ जो दस्तरस से बाहर हो इस से छोटी चीज़ जो मिल सके अच्छी

मुए बैल की बड़ी बड़ी आँखें

मरे हुए संबंधी की हद से अधिक प्रशंसा करने या किसी चीज़ या घटना के बीत जाने के पश्चात उस की प्रशंसा करने के अवसर पर प्रयुक्त

मूए-शेर से जीती बिल्ली अच्छी

ज़ोर आवर ुमरदे से कमज़ोर ज़िंदा बेहतर, अदना ज़िंदा आला मर्दे से अच्छा, बड़ी चीज़ जो दस्तरस से बाहर हो इस से छोटी चीज़ जो मिल सके अच्छी

मूए बाप की बड़ी बड़ी आँखें

इंसान का मूल्य मृत्यु के बाद होता है

मूए की क़ब्र और जीते का घर

मुर्दे को क़ब्र में आराम और ज़िंदा को घर में, हर व्यक्ति अपनी जगह पर ही ठीक ढंग से रहता है, हर व्यक्ति अपनी जगह पर ख़ुश रहता है, हर चीज़ अपनी उचित जगह पर अच्छी लगती है

मूए जीते उखाड़ना

किसी के मरे हुओं और जीतूँ के उयूब-ओ-सिफ़ात ज़ाहिर करना, मर्दों और ज़िंदों को बुरा-भला कहना

मूए जीते उखाड़े डालना

किसी के मरे हुओं और जीतूँ के उयूब-ओ-सिफ़ात ज़ाहिर करना, मर्दों और ज़िंदों को बुरा-भला कहना

मूए जीते उखाड़ डलना

किसी के मर्दों और ज़िंदों के उयूब ज़ाहिर करना, अगले पिछलों के ऐब निकालना

मूए जीते खान डालना

किसी के मर्दों और ज़िंदों के उयूब ज़ाहिर करना, अगले पिछलों के ऐब निकालना

गिरह-ए-मूए-कमर

अपने मूए राम नहीं

जब ख़ुद मर गए तो फिर किसी ज़ंद, के अंजाम की क्या फ़िक्र, अपनी मौत के बाद ज़िन्दों का हश्र जो हो सौ हो, मुतरादिफ़: अज़ सरमन कुन फ़ैकूँ शुद शुद बा शुद

जीते मूए

ज़िंदगी में और मरने के बाद

मर-मूए

दाये बद-ओ-कलमा-ए- तनफ़्फ़ुर जो हालत अकराह-ए-माशूक़ाना वग़ैरा के मौके़ पर औरतें कहती हैं, ग़ारत हो, कमबख़्त, मोए नाबकार, तुझे ख़ुदा की मार

दुर मूए

(कलमा-ए-तहक़ीर-ओ-तनकर) दूर हो कम्बख़्त !, चला जा ! मूऊए ! दुर् मोए तो

जीते न माते पुत्तर और मूए करे सराध

रुक: जीते पता अलख

बा-मू-ए-परेशाँ

बाल बिखरे हुए

अज़ ख़िर्स मूए बस अस्त

माँ चाहे बेटी को, बेटी चाहे मूए ढींग को

माँ को जितनी मुहब्बत बेटी से होती है उतनी मुहब्बत बेटी को माँ से नहीं होती, शादी के बाद बेटी अपने ख़ावंद को ज़्यादा चाहती है

आप मूए तो जग मुवा

स्वयं मर गये तो कहिये कुल दुनिया मुर गई किसी बात से कुछ उद्देश्य नहीं

जीते का घर और मुए की गोर बता

यानी तुम्हारी चालाकियों को में ख़ूब जानता हूँ

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मूए-क़लम के अर्थदेखिए

मूए-क़लम

muu.e-qalamمُوئے قَلَم

वज़्न : 2212

मूए-क़लम के हिंदी अर्थ

फ़ारसी, अरबी - संज्ञा

  • केंद्र बिंदु, ब्रश का नोक, क़लम का नोक

English meaning of muu.e-qalam

Persian, Arabic - Noun

  • point, tip of the brush

مُوئے قَلَم کے اردو معانی

فارسی، عربی - اسم

  • مرکز، وسط، برش کا نوک، قلم کا نوک

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