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नदी तू क्यों गहराती है कि मैं पाँव ही नहीं धरता

तुम क्यों उतराते और मज़ाह करते हो में पहले ही तुम से अलग रहता हूँ मुझे तुम्हारी कुछ पर्वा नहीं है

नदी तू क्यों गहराती है कि मैं पाँव ही नहीं डालता

तुम क्यों उतराते और मज़ाह करते हो में पहले ही तुम से अलग रहता हूँ मुझे तुम्हारी कुछ पर्वा नहीं है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में नदी तू क्यों गहराती है कि मैं पाँव ही नहीं धरता के अर्थदेखिए

नदी तू क्यों गहराती है कि मैं पाँव ही नहीं धरता

nadii tuu kyo.n gahraatii hai ki mai.n paa.nv hii nahii.n dhartaaنَدی تُو کیوں گَہراتی ہے کہ مَیں پاؤں ہی نَہیں دَھرتا

कहावत

नदी तू क्यों गहराती है कि मैं पाँव ही नहीं धरता के हिंदी अर्थ

  • तुम क्यों उतराते और मज़ाह करते हो में पहले ही तुम से अलग रहता हूँ मुझे तुम्हारी कुछ पर्वा नहीं है

نَدی تُو کیوں گَہراتی ہے کہ مَیں پاؤں ہی نَہیں دَھرتا کے اردو معانی

  • تم کیوں اِتراتے اور مزاح کرتے ہو میں پہلے ہی تم سے الگ رہتا ہوں مجھے تمہاری کچھ پروا نہیں ہے

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