खोजे गए परिणाम
",khsM" शब्द से संबंधित परिणाम
'औरत का ख़सम मर्द, मर्द का ख़सम रोज़गार
जिस प्रकार महिला को पति की आवश्यकता होती है उसी प्रकार आदमी को कमाने की आवश्यकता है
ख़सम जोरू की लड़ाई किसी को न भाई
पति-पत्नी को मिलजुल कर रहना चाहिए, पति-पत्नी की लड़ाई सबको नापसंद है
ख़सम देवर दोनों एक सास के पूत, ये हो या वो हो
पति मर जाए तो देवर से शादी कोई बुरी बात नहीं समझी जाती
जोरू-ख़सम की लड़ाई क्या
पति-पत्नि की लड़ाई साधारण सी बात है
थोड़ी पूँजी खसमों खाए
पूँजी की कमी मालिक को हानि पहुँचाती है
थोड़ी पूँजी खसमों खाए
थोड़े रुपये से व्यपार करने में घाटा रहता है, इस लिए कि माल कम होने से लाभ थोड़ा होता है और ख़र्च के कारण अंत में घाटा होता है
ख़सम का खाए भय्या का गीत गाए
शौहर देख भाल करे और नाम हो भाई का
जोरू-ख़सम की लड़ाई दूध की सी मलाई
पति-पत्नि की अन-बन भी मज़ा देती है
बूढ़े ख़सम की जोरू गले का ढोलना
बुढ़ापे में शादी करने का नतीजा ज़न मुरीदी होता है
ख़सम से छूटे तो यारों के जाए
व्यभिचारिणी स्त्री के संबंध में कहते हैं जो अन्य पुरुषों से सम्बन्ध रखती है
ख़सम न पूछे बात मेरा धन्ना सुहागन नाम
कोई मुँह लगाना नहीं पर आप ही इतराता है
अलद्द-उल-ख़िसाम
शत्रुओं से बहुत झगड़ा करने वाला
ख़सम दिल का ज़ख़्म
जो शौहर ख़्वाहमख़्वाह बीवी को तकीफ़ दे
ज़ूद-ख़श्म
शीघ्र क्रोध में आ जाने वाला
ओछी पूँजी ख़सम को खाए
पूँजी की कमी मालिक को हानि पहुँचाती है
ओछी पूँजी ख़सम को खाए
पूँजी की कमी मालिक को हानि पहुँचाती है
वक़्फ़-ए-ख़ास-ओ-'आम
bequest devoted to elites and commoners
ओछी पूँजी ख़समों खाय
पूँजी की कमी मालिक को हानि पहुँचाती है
ख़सम का खाएँ पिएँ गीत गाएँ भय्या जी के
शौहर देख भाल करे और नाम हो भाई का
मन में गाँती टसटस रोवे, चूहा ख़सम कर सुख से सोवे
दिखाने को रोती है दिल में प्रसन्न है क्यूँकि पति बच्चा है इस लिए कोई रोक टोक करने वाला नहीं है
दो जोरू का ख़स्म चौसर का पाँसा
दो पत्नियों का पति चौसर के पाँसे की तरह हमेशा तकलीफ़ में होता है (जैसे कि चौसर का पाँसा बार-बार पटका जाता है)
चस्का दिन दस का, पराया ख़सम किस का
दोस्ती का मज़ा कुछ दिनों का होता है, पराया आदमी अपना नहीं बनता
घस्का दिन दस का, पराया ख़सम किस का
दोस्ती का मज़ा कुछ दिनों का होता है, पराया आदमी अपना नहीं बनता
ख़सम देवर दोनों एक सास के पूत, ये हुआ या वो हुआ
पति मर जाए तो देवर से शादी कोई बुरी बात नहीं समझी जाती
तफ़रक़ा-ए-ख़ास-ओ-'आम
discrimination between elites and commoners
जाएज़ा-ए-ख़ास-ओ-'आम
survey of elites and commoners
नानी ने ख़सम किया नवासा चिट्टी भरे
करे कोई भरे कोई की जगह प्रयुक्त, क़ुसूर किसी का ज़िम्मा किसी के
उगलती तलवार बीस्वा लुगाई ख़सम को मार रखती है
जिस तरह में से तलवार अचानक निकल पड़ने पर इंसान को ज़ख़मी कर देती है इस तरह बदचलन औरत से भी ख़ावंद को ज़रूर पहुंचता है
ख़श्म-गीं
रोष से भरा हुआ, क्रोधातुर, प्रकुपित
ख़सम-वाली
विवाहिता, पति वाली, सुहागन
तफ़रीक़-ए-ख़ास-ओ-'आम
distinction between elites and commoners
ज़बान-ज़द-ए-ख़ास-ओ-'आम
तमाम लोगों में प्रसिद्ध, सभी लोगों के बीच प्रसिद्ध एवं चर्चित
दीवान-ए-ख़ास-ओ-'आम
collective works of elites and commoners
फ़र्क़-ए-ख़ास-ओ-'आम
difference between elites and commoners
बेस्वा 'औरत और उगलती तलवार ख़स्म को मार खाती है
बदचलन औरत और मियान से उगलती हुई तलवार से जहां तक हो सके परहज़ करना चाहिए नहीं तो मार रखेगी
ख़श्म-आलूद
क्रोध से भरा हुआ, क्रोधयुक्त
फ़र्क़-ए-मर्तबा-ए-ख़ास-ओ-'आम
distinction in the ranks of elites and commoners
ख़सम का आसरा कर , आसंगा मत कर
आसरार बमानी उम््ीद, आसनगा बमानी घमंड मतलब ये है कि ग़रूर करना बुरा है
नानी ख़सम करे, नवासा चटी भरे
کرے کوئی خمیازہ کوئی بھرے
मफ़्सिली-ख़ैशूम
(जीव विज्ञान) वह नथुना जो संयुक्त झिल्ली पर स्थित होता है और जिसकी संरचना पेड़ जैसी होती है और जिसमें एक सूँड या एक धुरी होती है
ख़सम मार कर सती हुई
औरतों के मकर वफ़रीब के मुताल्लिक़ केते हैं, दुआ करने के पछताई
नानी ख़सम करे, नवासा डंड भरे
कोई करे, कोई भरे, क़सूर किसी का ज़िम्मे किसी के
नानी ख़सम करे, नवासा डंड भरे
कोई करे कोई भरे, दोष किसी का भार किसी के ऊपर
वक़्त-ए-इम्तियाज़-ए-ख़ास-ओ-'आम
moment of discrimination between special and common
सज्दा-गह-ए-ख़ास-ओ-'आम-ए-शहर
place of prostration of commoners and special persons of city
मोरिद-ए-तज़हीक-ए-ख़ास-ओ-'आम
place of being ridiculed by elites and commoners, anyone and everyone
ख़सम छूटे पर रस्म न छूटे
जहाँ रीति-रिवाजों का सख़्ती से पालन किया जाता हो वहाँ बोलते हैं
अहवाल-ए-ख़ास-ओ-'आम
descriptions of elites and commoners
रवा-ए-ख़ास-ओ-'आम
admissible to both elites and commoners
रोटी को टोटी , पानी को बला , ख़सम को दादा
बहुत भोली या बेवक़ूफ़, तंज़न कहते हैं
ख़सम क्या सुख सहने को या पेट से लग कर रोने को
हरकाम फ़ायदा की उम््ीद पर किया जाता है अगर फ़ायदा ना हो अबस है
ख़िसाम
शत्रु लोग, लड़नेवाले लोग, युद्ध करना, लड़ाई लड़ना, दुश्मनी, मुक़द्दमे बाज़ी
ख़सीम
झगड़ने वाला, शत्रु, दुश्मन
ख़ैशूम
नथना, नासापुट, नाक, नाक का अंदरूनी हिस्सा, नाक की जड़, दोनों नथनों के बीच की हड्डी