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का
[स्त्री० काथरो] = कथा (गुदड़ी)।
काई
एक जल्दी बीमारी जिस में जल्द पर खुजली बहुत होती है जो ख़ास किस्म के क्रम से पैदा होती है
को
कर्म या संप्रदान का संबंध प्रकट करने वाला परसर्ग।
के
संबंध कारक ' का ' विभक्ति का बहुवचन रूप
कू
गली, कूचा, मार्ग, रास्ता, मोहल्ला, सड़क
कई
अनिश्चित किंतु अल्प मात्रा या छोटी संख्या का सूचक, अनेक, कुछ, चंद, दो-चार, कितने ही, बहुत से, एक से अधिक
क़ा'
ऊँबी-चौड़ी ज़मीन जो समतल भी हो
काए
کسی بات یا کسی چیز میں، کاہے میں
कना
(کنکا کا مخّرب ، کناگت کا مخفف) اسوج کے مہینے کا تاریک نصف.
कता
किसी वस्तु के बनने-बनाने का ढंग; तर्ज़; बनावट; आकार; शैली; तराश; काट
कनी
पकाए हुए चावल का वह अंश जो पूरी तरह से पका न हो
काई होना
टुकड़े टुकड़ होना, रेज़ा रेज़ा होना, तितर बितर होना, तहस नहस होना
काओ-काओ
कठिन परिश्रम एवं पीड़ा, प्रयास, कोशिश, मेहनत खटक, चुभन
कने
पतंग के बीच में लगने वाला धागा
कहाँ
किधर, किस जगह, कब, एक प्रश्नवाचक अव्यय जिसका प्रयोग मुख्यतः स्थान के संबंध में जिज्ञासा या प्रश्न के प्रसंग में होता है
करा'
वर्षा का रुका हुआ पानी, तालाब आदि में मुँह से पानी पीना, (वि.) पतली पिंडलियोंवाला।
कराँ
किनारा, छोर, किनारा, हद, सीमा, इंतिहा
कराई
काम करने या कराने का पारिश्रमिक
कही
उक्ति। कथन। उदा०-कहत न परत कही।-सर।
कहना
अपना उद्देश्य, भाव, विचार आदि शब्दों में व्यक्त करना। जैसे-(क) मुझे जो कुछ कहना था वह मैंने कह दिया। (ख) अब अपनी कहानी कहेंगे। मुहा०-कहना बदना = (क) किसी बात का निश्चय करना। (ख) प्रतिज्ञा करना। कहना-सुनना = बातचीत या वार्तालाप करना। पद-कहने की बात महत्त्वपूर्ण बात। कहने को = (क) नाममात्र को। यों ही। जैसे-कहने को ही यह नियम चल रहा है। (ख) यों ही काम चलाने या बात टालने के लिए। जैसे-उन्होंने कहने को कह दिया कि हम ऐसा नहीं करेंगे। कहने-सुनने को = कहने को।
करना
(एक चीज़ को दूसरी चीज़ से या एक हिस्से को दूसरे से जोड़ना, मुत्तसिल या यकसाँ कर देना)
करती
करना, होना, छान-बीन करना, हो जाना, सहायता देना, काम करना
करनी
वह जो कुछ किया गया हो। कर्म। कार्य। कार्य करने की कला, विद्या या शक्ति। उदा०-उन्ह सौं मैं पाई जब करनी। जायसी। ३. बोल-चाल में, अनुचित या हीन आचरण या व्यवहार। ४. अन्त्येष्टि क्रिया। ५. राजगीरों का एक प्रसिद्ध उपकरण जिससे वे गारा या मसाला उठाकर दीवारों आदि पर थोपते, पोतते या लगाते हैं।
करता
(अर्थात्) सृष्टि-निर्माता
करेगी
किसी काम का भविष्य में (स्त्री द्वारा) किये जाने की सम्भावना
कभूँ
कभी, किसी वक़्त, किसी भी क्षण या समय में