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अँखनाना
ईर्षा करना, जलना, हसद करना
अँखाना
अप्रसन्न होना, नाराज़ होना, ग़ुस्सा होना, क्रोधित होना, रुष्ट होना, रिसाना
आँख निकलवाना
आँख के ढेले निकलवाना, अगले ज़माने में ऐसे दंड दिये जाते थे
आँख न छुपना
तेवरों से मिज़ाज की स्थिति मालूम पड़ना
आँख न मिलाओ
गरेबान में मुँह डालो, शर्म करो
आँख न डालना
कृपाकोर न करना, परवाह न करना
आँख न मिला
शर्म करो, अपने गले में मुँह डालो
आँख न पड़ना
ध्यान न होना, प्रवृत्ति या रुचि न होना
आँख न उठ सकना
लज्जा एवं पश्चात्ताप से नज़र ऊपर न करना
आँख नीची रहना
नीचे की ओर देखना, निगाह नीची रखना, लज्जित होना
आँख न खुल सकना
देख न सकना, रौशनी की ताब न ला सकना
आँख नाक से दुरुस्त है
अंगों में कोई दोष नहीं, सुन्दर है न भद्दा
आँख न रखना
नज़र न आना, समझदार न होना
आँख न उठाना
शर्माना, झेंपना, लज्जित या शर्मिन्दा होना
आँख न ठेरना
तीव्र अथवा बहुत उज्ज्वल प्रकाश और चमक-दमक आदि के कारण किसी पर निगाह न टिकना
आँख न ठहरना
तीव्र अथवा बहुत उज्ज्वल प्रकाश और चमक-दमक आदि के कारण किसी पर निगाह न टिकना
आँख नाक से दुरुस्त
जिस इंसान के अंगों में खुला हुआ ऐब न हो, न बहुत ख़ूबसूरत न बदसूरत, साधारण रंग रूप वाला
आँख न देखो बहू चाँद सी
आँख का ख़याल मत करो वैसे बीवी बहुत अच्छी है
आँख नाक से डरना
अंगों की सलामती के लिए ईश्वर से डरते रहना और बुरे काम से बचना, दिव्य दंड से डरना, पाप के दंड से डरना
आँख नीची करना
(शाब्दिक) नीचे की ओर देखना
आँख न दीदा काढ़े कशीदा
शिष्टाचार कुछ नहीं और दावे बड़े बड़े, योग्यता और प्रतिभा कुछ नहीं साहस बहुत है
आँख न नाक बन्नो चाँद सी
उस बदसूरत या कुरूप के लिए व्यंगात्मक तौर पर प्रयुक्त होता है जो अपने को सुंदर जाने
आँख न नाक, बन्नी चाँद-सी
उस बदसूरत या कुरूप के लिए व्यंगात्मक तौर पर प्रयुक्त होता है जो अपने को सुंदर जाने
आँख नाक मुख मूँद के नाम निरंजन ले, भीतर के पट जब खुलें जब बाहर के पट दे
एकाग्रचित होकर जो निरंजन अर्थात कल्मष-शून्य भगवान है उसका ध्यान करना चाहिए
आँख नहीं जिसकी साख नहीं उसकी
आँखों के लिहाज़ से इज़्ज़त होती है
आँख नाक मुख मूँद के नाम निरंजन लेय, भीतर के पट जब खुलें जब बाहर के पट देय
एकाग्रचित होकर जो निरंजन अर्थात कल्मष-शून्य भगवान है उसका ध्यान करना चाहिए
आँखों से
सर आँखों पर, बहुत अच्छा, प्रसन्नता, हृदय से, बड़ी प्रसन्नता से
आँखें सफ़ेद पड़ना
रौशनी जाती रहना (अत्यधिक प्रतीक्षा या अधिक रोने आदि से)
आँखें दौड़ना
चारों तरफ़ या इधर उधर देखना
आँखों में गढ़े पड़ना
वृद्धावस्था एवं दुर्बलता के कारण नेत्रगोलक का अंदर धँस जाना
आँखों में गढ़े पड़ जाना
आँखों के चारों ओर काले धब्बे पड़ जाना
आँखों पर ग़फ़लत के पर्दे पड़ना
अच्छा बुरा ना दिखाई देना, बेख़बर और लापरवाह होना, कुछ न सूझना
आँखों पर गफ़लत का पर्दा पड़ना
अच्छा बुरा ना दिखाई देना, बेख़बर और लापरवाह होना
आँखें कड़वाना
आँखों में हल्की हल्की खुजली सी होना और पानी भर भर आना (जो नींद या मदहोशी आदि का संकेत है)
आँखों पर ग़फ़लत के पर्दे पड़ जाना
अच्छा बुरा ना दिखाई देना, बेख़बर और लापरवाह होना, कुछ न सूझना
आँखों भौं टेड़ी चढ़ाना
خفا ہونا، نفرت ظاہر کرنا، تیوری چڑھانا
आंखें तो बड़ी बड़ी हैं
(व्यंगात्मक) सामने की वसतु नहीं सूझती
आँखें पड़ना
ख़ास तवज्जोह होना, उदारता की नज़र से देखा जाना
आँखों देखा फट पड़ा मुझे कानों सुनने दे
सच्चे को झूटा बनाते हो और दूसरे की आँखों से देखी हुई बात को अपनी सुनी सुनाई पर वरीयता देते हो
आँखें फुड़वाना
अंधा कर देना (पुराने ज़माने की एक सज़ा)
आँखें बड़ी बड़ी हैं
जब सामने पड़ी वस्तु दिखाई न दे
आँखें तलवों से रगड़ना
चापलूसी या प्यार से आँखों को चरणों से लगाना
आँखें तलवों से रगड़ना
चापलूसी या प्यार से आँखों को चरणों से लगाना