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झंडी
कपड़े, कागज आदि का बना हुआ बहुत छोटा झंडा जिसका ब्यवहार प्रायः दीवारों पर सजावट आदि के लिए लगाने और सेना आदि में संकेत करने के लिए होता है, छोटा झंडा; पताका; ध्वजा
तो को न मो को ले चूल्हे में झोंको
जब कोई चीज़ अपने या किसी और के काम की न रहे तो बोलते हैं, चीज़ को ऐसा बर्बाद करना जो किसी काम की न रहे
दिल्ली में रह कर भाड़ झोंका
जब कोई अच्छे स्थान या वातावरण में काफ़ी दिनों तक रह कर भी कुछ न सीख सके तो उसके प्रती व्यंग में ऐसा कहते हैं. अनाड़ी ही रहा, अच्छी जगह रह कर भी कुशलता नहीं प्राप्त कर सका, अनभिज्ञ व्यक्ति कभी उन्नति नहीं कर सकता
आप सूबेदार , बीवी झोंके भाड़
ऐसा व्यक्ति जो सामर्थ्य के बावजूद पत्नी के शांति और संतोष का ध्यान ना रखे, (स्त्रियों की भाषा में निखट्टू)
दिल्ली में बारह बरस रह कर भाड़ झोंका
जब कोई अच्छे स्थान या वातावरण में काफ़ी दिनों तक रह कर भी कुछ न सीख सके तो उसके प्रती व्यंग में ऐसा कहते हैं. अनाड़ी ही रहा, अच्छी जगह रह कर भी कुशलता नहीं प्राप्त कर सका, अनभिज्ञ व्यक्ति कभी उन्नति नहीं कर सकता
बारह बरस दिल्ली में रहे भाड़ झोंका
उस अवसर पर प्रयुक्त है जब कोई निरंतर अवसर मिलने पर भी विकास न करे या न सीखे
बारह बरस दिल्ली में रहे और भाड़ वही झोंका
उस अवसर पर प्रयुक्त है जब कोई निरंतर अवसर मिलने पर भी विकास न करे या न सीखे
दिल्ली में रह कर क्या भाड़ झोंका
जब कोई अच्छे स्थान या वातावरण में काफ़ी दिनों तक रह कर भी कुछ न सीख सके तो उसके प्रती व्यंग में ऐसा कहते हैं. अनाड़ी ही रहा, अच्छी जगह रह कर भी कुशलता नहीं प्राप्त कर सका, अनभिज्ञ व्यक्ति कभी उन्नति नहीं कर सकता
दिल्ली में रह कर भी भाड़ झोंका
जब कोई अच्छे स्थान या वातावरण में काफ़ी दिनों तक रह कर भी कुछ न सीख सके तो उसके प्रती व्यंग में ऐसा कहते हैं. अनाड़ी ही रहा, अच्छी जगह रह कर भी कुशलता नहीं प्राप्त कर सका, अनभिज्ञ व्यक्ति कभी उन्नति नहीं कर सकता
बारह बरस दिल्ली में रहे, भाड़ ही झोंका
उस अवसर पर प्रयुक्त है जब कोई निरंतर अवसर मिलने पर भी विकास न करे या न सीखे
बारह बरस दिल्ली में रहे और भाड़ ही झोंका
उस अवसर पर प्रयुक्त है जब कोई निरंतर अवसर मिलने पर भी विकास न करे या न सीखे
बाहर मियाँ सूबेदार घर में बीबी झोंके भाड़
मियाँ ठाठ से नवाब बने फिरते हैं बीवी भूखी रहती है या नसीबों को रोती है
आप मियाँ सूबेदार घर में बीवी झोंके भाड़
निर्धलता की स्थिति में अमीराना ठाठ बनाने या डींग हाँकने वाले व्यक्ति के लिए प्रयुक्त
दिल्ली में रहे और भाड़ ही झोंका
जब कोई अच्छे स्थान या वातावरण में काफ़ी दिनों तक रह कर भी कुछ न सीख सके तो उसके प्रती व्यंग में ऐसा कहते हैं. अनाड़ी ही रहा, अच्छी जगह रह कर भी कुशलता नहीं प्राप्त कर सका, अनभिज्ञ व्यक्ति कभी उन्नति नहीं कर सकता
दिल्ली में रह कर भाड़ ही झोंका किए
जब कोई अच्छे स्थान या वातावरण में काफ़ी दिनों तक रह कर भी कुछ न सीख सके तो उसके प्रती व्यंग में ऐसा कहते हैं. अनाड़ी ही रहा, अच्छी जगह रह कर भी कुशलता नहीं प्राप्त कर सका, अनभिज्ञ व्यक्ति कभी उन्नति नहीं कर सकता
झाँका-झोंकी
छुप कर देखना, खिड़की या दरवाज़ा से मुँह निकाल कर देखना, दरोदीवार के रौज़न से देखना, दीवार के माध्यम से देखना
सास झांके दुईं दुईं, बहू चली बैकुन्ठ
उलटी बात है कि सास घर में रहे बहू तीर्थ यात्रा जाए जब कि बूढ़ी महिला को जाना चाहिए
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