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गिरह से माल जाए आदमी 'अक़्ल न गँवाए

दौलत पर अक़ल की बरतरी ज़िहार करने के लिए कहते हैं

आप ने मुझे मोल ले कर छोड़ दिया है

आपने मुझ पर बड़ा उपकार किया है, दया प्रकट करने में प्रयुक्त

कौड़ियों के मोल न लेना

मुफ़्त भी ना लेना, बला क़ीमत भी लेने का इरादा ना करना, अज़हद निकम्मा और नाकारा और बेक़दर समझना

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही कफ़न को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही मन को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

पीपल काटे पाल बिनासे भगवा भेस सतावे, काया गढ़ी में दया न ब्यापे जड़ा मूल से जावे

जो व्यक्ति पीपल काटे मकान गिराए नेक आदमीयों को सताए लोगों पर रहम न खाए उसका हर तरह सत्यानास होता है

बुड्ढों ने जो काम सिखाया धोका मोल न वामें पाया

सन रसीदा और तजरबाकार आदमीयों की बताई हुई बात पर अमल करने में फ़ायदा ही होता है

आँख में ज़रा मेल न होना

बहुत निर्दयी होना, बहुत दु:शील एवं अख्खड़ होना, बहुत ही निर्लज होना

आँख में ज़रा मैल न होना

गलती करके आँख मिला कर बात करना

बिद्दिया वो माल है जो ख़र्चत दुगना हो राजा रवा चोर ताछीन न साके को

इलम ऐसा माल है जो (ख़र्च करे) सिखाने से ज़्यादा होता है और उसे राजा राव या चोर कोई नहीं छीन सकता

चोर, जुवारी, गठ-कटा, जार और नार छिनार, सौ सौ सौगंध खाएँ जो मोल न कर इतबार

चोर, जवारी, गठ-कटा, चरित्रहीन मर्द, दुश्चरित्र औरत, ये कितनी ही सौगंध खाएँ कि बुरा काम छोड़ देंगे, कदापि 'एतबार नहीं करना चाहिए

चोर का माल सब खाए, चोर के साथ कोई न जाए

बुरों को अपने काम के कारणवश हानि एवं तकलीफ़ पहुँचती है

दया धर्म का मोल है बाप मोल अभियान, तुलसी दया न छाड़िए जब लग घट में प्राण

दी्या धर्म की जड़ है . ग़रूर गुनाह की, जब तक ज़िंदगी ही दिया करनी चाहीए

वलद-उल-मुला'अना

رک : ولدالزنا

दाँत पर मैल न होना

अत्यधिक लाचार होना, बहुत असहाय एवं कंगाल होना, भूखों मरना

आँख पर मैल न आने देना

थोड़ा सा भी दुखी न होने देना

आदर न भाव , झूटे माल खाओ

a disgraced person has no problem with corruption

आदर न भाव झूटे माल खाओ

कोई नीच व्यक्ति या कमीना अगर बेईमानी करे तो उसके सम्मान पर कोई असर नहीं पड़ेगा

जान जाए माल न जाए

कंजूस व्यक्ति के लिए बोलते हैं

मूल न वा सूँ भाए करो जो नर करे ग़ुरूर, जो नर साईं से डरे वा से डरो ज़रूर

घमंडी व्यक्ति से बिलकुल न डरो परंतु जो ईश्वर से डरे उससे अवश्य डरो

मूल न वा सूँ भय करो जो नर करे ग़ुरूर, जो नर साईं से डरे वा से डरो ज़रूर

घमंडी व्यक्ति से बिलकुल न डरो परंतु जो ईश्वर से डरे उससे अवश्य डरो

दाँतों पर मैल न होना

मुफ़लिस होना, ग़रीब होना, भूखे रहना

शजरा-ए-मल'ऊना

لعنت کیا ہوا شجرہ، جھوٹا شجرہ.

चितवन पर मैल न लाना

hide one's displeasure or sorrow, keep calm

खाते पीते जग मिले, दूसर मिले न कोय

ख़ुशी की हालत में सब साथी या दोस्त होते हैं और परेशानी में कोई नहीं

आँख पर मैल न होना

त्यौरी पर बल न पड़ना, बिल्कुल नागवार न गुज़रना

सब कोई मिले, लंगोटिया न मिले

निकट संबंधी मित्र बहुत नि:संकोच हो कर बात करता है इस लिए न मिले तो बेहतर है क्यूँकि वो सब पोल खोल देगा

मला'इना

‘मलाईन ’ का बहु, दुष्ट और पापाचारी व्यक्ति

मल'ऊना

ملعون (رک) کی تانیث ، ملعون عورت ۔

खाने को न मिले, ख़ैर, पर नशे को मिले

मादक द्रव्यों का व्यसनी व्यक्ति भोजन की अधिक परवाह नहीं करता परंतु मादक द्रव्यों के बिना नहीं रह सकता

मुला'इना

बुरा-भला कहनेवाली पत्नी

मुला'अना

وہ عورت جس پر لعنت کی گئی ہو

मैल न आना

नागवार ना गुज़रना, दूओभर ना होना, बुरा ना मालूम देना (ये मुहावरा दल या आँख के साथ आता है)

मैल न लाना

बुरा ना मानना, रंजीदा ना होना

मूल न रखना

۔ (کنایۃً) بیش بہا ہونا۔ بیش قیمت ہونا۔ ؎

खाते-पीते जग मिले, अवसर मिले न कोए

ख़ुशी की हालत में सब साथी या दोस्त होते हैं और परेशानी में कोई नहीं

अबरू पर मैल न आना

remain steadfast, not to resent, not to show displeasure

सात पाँच मिल कीजिये काज , हारे जीते न आवे लाज

सलाह मश्वरे से काम क्यू जाये तो नाकामी के बाद भी शर्मिंदगी उठाना नहीं पड़ती क्योंकि हार जीत में सभी शामिल होते हैं

अन माँगे मोती मिले, माँगे मिले न भीक

अक्सर बिना मेहनत और तलाश के बड़ा काम बन जाता है और कभी कभी मामूली सा काम भी मेहनत के बावजूद नहीं बनता

धन जोड़न के ध्यान में यूँही 'उम्र न खो, मोती बर्गे मोल के कभी न ठीकर हो

धन जमा करने के चक्कर में आयु नहीं बितानी चाहिए, ठीकरी मोती के समान नहीं हो सकती

हल्क़ का न तालू का ये माल मियाँ काटू का

इस चीज़ के मुताल्लिक़ कहते हैं जो किसी के काम ना आए, खाया ना पिया यूं ही कुत्तों को दे कर ज़ाए किया

मिल जुल करते रहिए काज जीते हारे न आवे लाज

जो काम सब के सलाह मश्वरे से हो अगर इस में नाकामी भी हो, किसी पर इल्ज़ाम नहीं आता

तवंगरी ब दिल अस्त न ब माल बुज़ुर्गी बा 'अक़्ल अस्त न ब साल

تون٘گری دل سے ہوتی ہے مال سے نہیں، بزرگی عقل سے ہوتی ہے عمر سے نہیں.

मिल जुल कीजिए काज जीते हारे न आवे लाज

जो काम सब के सलाह मश्वरे से हो अगर इस में नाकामी भी हो, किसी पर इल्ज़ाम नहीं आता

मिल-जुल करते रहिए काज जीते हारे न आवे लाज

सब के सलाह और मश्वरे की बात में कोई इल्ज़ाम नहीं दे सकता

बिन माँगे मोती मिलें और माँगे मिले न मूत

जो कुछ भाग्य में होता है बह बिना किसी रणनीति के मिल जाता है

बिन माँगे मोती मिलें और माँगे मिले न भीक

जो कुछ भाग्य में होता है बह बिना किसी रणनीति के मिल जाता है

झूटे की कुछ पत नहीं सजन झूट न बोल, लख-पति का झूट से दो कौड़ी हो मोल

झूठे का कोई सम्मान नहीं होता

झूटे की कुछ पत नहीं सजन झूट न बोल, लख-पति का झूट से दो कौड़ी का हो मोल

झूठे का कोई सम्मान नहीं होता

तिरया तुझ से जो कहे मोल न तू वो मान, तिरया मत पर जो चलें वो नर हैं निर्ज्ञान

स्त्री के कहने पर नहीं चलना चाहिए जो उन के कहने पर चले वो मूर्ख है

गुरू, बैद और ज्योतिषी, देव मंत्री और राज, उन्हें भेन्ट बिन जो मिले, होए न पूरन काज

गुरू, वैद्य، ज्योतिषी, देवता, वज़ीर और राजा से उस वक़्त तक काम नहीं निकलता जब तक उन को भेंट न दी जाए, अर्थात इनके पास ख़ाली हाथ नहीं जाना चाहिए

प्रीतम प्रीतम सब कहें प्रीतम जाने न कोय, एक बार जो प्रीतम मिलें सदा अनंदी होय

हर एक प्रेम करता है परंतु प्रेम की समझ किसी को नहीं

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गिरह से माल जाए आदमी 'अक़्ल न गँवाए

दौलत पर अक़ल की बरतरी ज़िहार करने के लिए कहते हैं

आप ने मुझे मोल ले कर छोड़ दिया है

आपने मुझ पर बड़ा उपकार किया है, दया प्रकट करने में प्रयुक्त

कौड़ियों के मोल न लेना

मुफ़्त भी ना लेना, बला क़ीमत भी लेने का इरादा ना करना, अज़हद निकम्मा और नाकारा और बेक़दर समझना

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही कफ़न को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही मन को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

पीपल काटे पाल बिनासे भगवा भेस सतावे, काया गढ़ी में दया न ब्यापे जड़ा मूल से जावे

जो व्यक्ति पीपल काटे मकान गिराए नेक आदमीयों को सताए लोगों पर रहम न खाए उसका हर तरह सत्यानास होता है

बुड्ढों ने जो काम सिखाया धोका मोल न वामें पाया

सन रसीदा और तजरबाकार आदमीयों की बताई हुई बात पर अमल करने में फ़ायदा ही होता है

आँख में ज़रा मेल न होना

बहुत निर्दयी होना, बहुत दु:शील एवं अख्खड़ होना, बहुत ही निर्लज होना

आँख में ज़रा मैल न होना

गलती करके आँख मिला कर बात करना

बिद्दिया वो माल है जो ख़र्चत दुगना हो राजा रवा चोर ताछीन न साके को

इलम ऐसा माल है जो (ख़र्च करे) सिखाने से ज़्यादा होता है और उसे राजा राव या चोर कोई नहीं छीन सकता

चोर, जुवारी, गठ-कटा, जार और नार छिनार, सौ सौ सौगंध खाएँ जो मोल न कर इतबार

चोर, जवारी, गठ-कटा, चरित्रहीन मर्द, दुश्चरित्र औरत, ये कितनी ही सौगंध खाएँ कि बुरा काम छोड़ देंगे, कदापि 'एतबार नहीं करना चाहिए

चोर का माल सब खाए, चोर के साथ कोई न जाए

बुरों को अपने काम के कारणवश हानि एवं तकलीफ़ पहुँचती है

दया धर्म का मोल है बाप मोल अभियान, तुलसी दया न छाड़िए जब लग घट में प्राण

दी्या धर्म की जड़ है . ग़रूर गुनाह की, जब तक ज़िंदगी ही दिया करनी चाहीए

वलद-उल-मुला'अना

رک : ولدالزنا

दाँत पर मैल न होना

अत्यधिक लाचार होना, बहुत असहाय एवं कंगाल होना, भूखों मरना

आँख पर मैल न आने देना

थोड़ा सा भी दुखी न होने देना

आदर न भाव , झूटे माल खाओ

a disgraced person has no problem with corruption

आदर न भाव झूटे माल खाओ

कोई नीच व्यक्ति या कमीना अगर बेईमानी करे तो उसके सम्मान पर कोई असर नहीं पड़ेगा

जान जाए माल न जाए

कंजूस व्यक्ति के लिए बोलते हैं

मूल न वा सूँ भाए करो जो नर करे ग़ुरूर, जो नर साईं से डरे वा से डरो ज़रूर

घमंडी व्यक्ति से बिलकुल न डरो परंतु जो ईश्वर से डरे उससे अवश्य डरो

मूल न वा सूँ भय करो जो नर करे ग़ुरूर, जो नर साईं से डरे वा से डरो ज़रूर

घमंडी व्यक्ति से बिलकुल न डरो परंतु जो ईश्वर से डरे उससे अवश्य डरो

दाँतों पर मैल न होना

मुफ़लिस होना, ग़रीब होना, भूखे रहना

शजरा-ए-मल'ऊना

لعنت کیا ہوا شجرہ، جھوٹا شجرہ.

चितवन पर मैल न लाना

hide one's displeasure or sorrow, keep calm

खाते पीते जग मिले, दूसर मिले न कोय

ख़ुशी की हालत में सब साथी या दोस्त होते हैं और परेशानी में कोई नहीं

आँख पर मैल न होना

त्यौरी पर बल न पड़ना, बिल्कुल नागवार न गुज़रना

सब कोई मिले, लंगोटिया न मिले

निकट संबंधी मित्र बहुत नि:संकोच हो कर बात करता है इस लिए न मिले तो बेहतर है क्यूँकि वो सब पोल खोल देगा

मला'इना

‘मलाईन ’ का बहु, दुष्ट और पापाचारी व्यक्ति

मल'ऊना

ملعون (رک) کی تانیث ، ملعون عورت ۔

खाने को न मिले, ख़ैर, पर नशे को मिले

मादक द्रव्यों का व्यसनी व्यक्ति भोजन की अधिक परवाह नहीं करता परंतु मादक द्रव्यों के बिना नहीं रह सकता

मुला'इना

बुरा-भला कहनेवाली पत्नी

मुला'अना

وہ عورت جس پر لعنت کی گئی ہو

मैल न आना

नागवार ना गुज़रना, दूओभर ना होना, बुरा ना मालूम देना (ये मुहावरा दल या आँख के साथ आता है)

मैल न लाना

बुरा ना मानना, रंजीदा ना होना

मूल न रखना

۔ (کنایۃً) بیش بہا ہونا۔ بیش قیمت ہونا۔ ؎

खाते-पीते जग मिले, अवसर मिले न कोए

ख़ुशी की हालत में सब साथी या दोस्त होते हैं और परेशानी में कोई नहीं

अबरू पर मैल न आना

remain steadfast, not to resent, not to show displeasure

सात पाँच मिल कीजिये काज , हारे जीते न आवे लाज

सलाह मश्वरे से काम क्यू जाये तो नाकामी के बाद भी शर्मिंदगी उठाना नहीं पड़ती क्योंकि हार जीत में सभी शामिल होते हैं

अन माँगे मोती मिले, माँगे मिले न भीक

अक्सर बिना मेहनत और तलाश के बड़ा काम बन जाता है और कभी कभी मामूली सा काम भी मेहनत के बावजूद नहीं बनता

धन जोड़न के ध्यान में यूँही 'उम्र न खो, मोती बर्गे मोल के कभी न ठीकर हो

धन जमा करने के चक्कर में आयु नहीं बितानी चाहिए, ठीकरी मोती के समान नहीं हो सकती

हल्क़ का न तालू का ये माल मियाँ काटू का

इस चीज़ के मुताल्लिक़ कहते हैं जो किसी के काम ना आए, खाया ना पिया यूं ही कुत्तों को दे कर ज़ाए किया

मिल जुल करते रहिए काज जीते हारे न आवे लाज

जो काम सब के सलाह मश्वरे से हो अगर इस में नाकामी भी हो, किसी पर इल्ज़ाम नहीं आता

तवंगरी ब दिल अस्त न ब माल बुज़ुर्गी बा 'अक़्ल अस्त न ब साल

تون٘گری دل سے ہوتی ہے مال سے نہیں، بزرگی عقل سے ہوتی ہے عمر سے نہیں.

मिल जुल कीजिए काज जीते हारे न आवे लाज

जो काम सब के सलाह मश्वरे से हो अगर इस में नाकामी भी हो, किसी पर इल्ज़ाम नहीं आता

मिल-जुल करते रहिए काज जीते हारे न आवे लाज

सब के सलाह और मश्वरे की बात में कोई इल्ज़ाम नहीं दे सकता

बिन माँगे मोती मिलें और माँगे मिले न मूत

जो कुछ भाग्य में होता है बह बिना किसी रणनीति के मिल जाता है

बिन माँगे मोती मिलें और माँगे मिले न भीक

जो कुछ भाग्य में होता है बह बिना किसी रणनीति के मिल जाता है

झूटे की कुछ पत नहीं सजन झूट न बोल, लख-पति का झूट से दो कौड़ी हो मोल

झूठे का कोई सम्मान नहीं होता

झूटे की कुछ पत नहीं सजन झूट न बोल, लख-पति का झूट से दो कौड़ी का हो मोल

झूठे का कोई सम्मान नहीं होता

तिरया तुझ से जो कहे मोल न तू वो मान, तिरया मत पर जो चलें वो नर हैं निर्ज्ञान

स्त्री के कहने पर नहीं चलना चाहिए जो उन के कहने पर चले वो मूर्ख है

गुरू, बैद और ज्योतिषी, देव मंत्री और राज, उन्हें भेन्ट बिन जो मिले, होए न पूरन काज

गुरू, वैद्य، ज्योतिषी, देवता, वज़ीर और राजा से उस वक़्त तक काम नहीं निकलता जब तक उन को भेंट न दी जाए, अर्थात इनके पास ख़ाली हाथ नहीं जाना चाहिए

प्रीतम प्रीतम सब कहें प्रीतम जाने न कोय, एक बार जो प्रीतम मिलें सदा अनंदी होय

हर एक प्रेम करता है परंतु प्रेम की समझ किसी को नहीं

बोलिए

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