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مَزدُور
اجرت پر محنت و مشقت کا کام کرنے والا، تجارت اور صنعت کے شعبوں میں جسمانی محنت کا کام کرنے والا، دوسروں کے کھیتوں میں اجرت پر کام کرنے والا، محنت فروش
آگے ناتھ نَہ پِیچھے پَگا
جس کے آگے پیچھے کوئی نہ ہو، جس کا اپنا کوئی نہ ہو، لا ولد، لاوارث، اکیلا دم
بَسَر اَوْقات
زندگی کے دن (کسی نہ کسی طرح) کاٹنے کا عمل، گزر بسر، معاش و معیشت، گزران، گزر اوقات، گزارہ، رفع ضرورت، وجہ معیشت، قوت بسری، پرورش، روٹی کا سہارا
"भूगोल" टैग से संबंधित शब्द
"भूगोल" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
'अक़्बी-टीला
(भुगोल) रेत का टीला जो लंबी झाड़ियों या चट्टानों के पिछले हिस्सों में रेत जमा होने से बनता है
'अमल-ए-तराश
(भूगोल शास्त्र) बारिश के पानी के बहाव और नदी नालों में मौज के कारण भुमि के टूट फूट का क्रिया जिसके कारण ज़मीन का गहरे स्तर पर बर्बाद हो जाती है कि कृषि के योग्य नहीं रहती
'अर्ज़-ए-मकान
(जुग़राफ़िया) अर्ज़ मकान दूरी मकान की है ख़त-ए-इस्तिवा से ख़ाह तरफ़ क़ुतब-ए-शिमाली के ख़ाह तरफ़ क़ुतब-ए-जुनूबी के
'अर्ज़ानी-टीले
(भुगोल) अरज़ानी टीले छोटे-छोटे टीले होते हैं और उनकी दिशा वायु प्रवाह के साथ समकोण बनाता है
क़ुत्ब
पृथ्वी का धुरा, ध्रुव, एक तारा जो अपने स्थान पर स्थिर रहता है, ध्रुव तारा, एक प्रकार के मुसलमान ऋषि जिनके सिपुर्द कोई बड़ा इलाक़ा होता है
कालडीरा
(जुग़राफ़िया) देग़ या देगचे की शक्ल का गाज़ की तरह गहिरा नशेब जो आतिश फ़िशां पहाड़ की चोटी पर बना हुआ होता है, ये आतिश फ़िशां पहाड़ के फटने से बनता है, इस की शक्ल गोल होते है, जब इस में बारिश या नदी नालों का पाना भर जाता है तो ये झील की शक्ल इख़तियार कर लेता है
काला-पत्थर
(जुग़राफ़िया) आतिश फ़िशानी लावे से बनी हुई स्याह रंग की सतून नुमा चट्टान जो बेशतर ज़मीन की सत्तूनी तहों में पाई जाती है
काश्ती-मिट्टी
(जुग़राफ़िया) वो मिट्टी की ता जो ज़मीन की सतह पर पड़ी रहती है और जिस का दिल एक निहायत बारीक ता से लेकर कई फ़ुट तक होता है, ख़ाक, ज़रई मिट्टी (अंग : Sail)
क़िब्रिस
पूर्वी भूमध्य सागर पर ग्रीस के पूर्व, लेबनान, सीरिया और इस्राइल के पश्चिम, मिस्र के उत्तर और तुर्की के दक्षिण में स्थित एक यूरेशियन द्वीप देश, इसकी राजधानी निकोसिया है, इसकी मुख्य और राजभाषाएँ ग्रीक और तुर्की हैं, साइप्रस
ख़ुतूत-ए-ग़ुराँ
(भूगोल) ग्रीष्म मानसूनी हवाओं का पछुआ हवाओं की दिशा पर गहरा प्रभाव पड़ता है और उनकी दिशा बदल जाती है, दक्षिणी गोलार्ध में ये हवाएँ नियमित रूप से ठीक पश्चिम से चलती हैं और उनकी गति बहुत तेज़ होती है ... जिन अक्षांशों में वे चलते हैं, उन्हें "ख़ुतूत-ए-ग़ुर्रा
ख़त्त-ए-फ़ासिल
विभाजन रेखा, दो वाक्यों में अंतराल के तौर पर लगाया जाने वाला निशान, डैश, वो लकीर जो दो चीज़ों के बीच में आकर एक दूसरे को जुदा करे
ख़ारजी-चटानें
(भुगोल) वह चट्टानें जो भूमि-तल के ऊपर लावा ठंडा हो जाने से बनती हैं, ज्वालामुखीय चट्टानें
ग़र्क़ाब-वादी
(जुग़राफ़िया) ग्लेशीयर के अमल से बनने वाली तंग और गहिरी वादी जिस में समुंद्र का पानी भरा होता है या समुंद्र की वो लंबी और पतली शाख़ जो पहाड़ों के दरमयान वाक़्य हो
जदीद-जज़ीरा
(जुग़राफ़िया) जदीद जज़ीरे वो हैं जो पहले किसी बर्र-ए-आज़म से पैवस्ता थे और जिन में नबातात और हैवानात और मिट्टी की वही इक़साम अब तक पाई जाती हैं जो असल बर्र-ए-आज़म में हूँ, बरी जज़ीदा
ज़िल्ल-ए-कुरवी
गोलाई का साया , (जुग़राफ़िया) दुनिया के नक़्शे ती्यार करने के लिए और काग़ज़ पर कितात ख़ुशकी का महल वक़ूअ दिखाए जाने का एक उसूल जिस में एक शीशे के कर्राह पर स्याह लकीरों से दवाइर बने होते हैं और कर्राह के अंदर ठीक वस्त में एक चिराग़ रोशन है . रोशनी से काली लकीरों का साया दीवार पर या किसी काग़ज़ पर पड़ता है इस ज़ुल में लकीरों की जो सूरत नज़र आती है इसी उसूल के मुताबिक़ निस्फ़ कर्राह के नक़्शे पर ख़त बनाए जाते हैं
तूल-उल-बलद
देशान्तर-रेखा, देशान्तर, (भूगोल) एक विश्व मानचित्र (ग्लोब) (विपरीत अक्षांश) पर खींची गई ऊर्ध्वाधर रेखाएँ
तूलानी-टीले
(भुगोल) विशाल टीले, ये टीले अधिकतर मिस्र, लीबिया और ऑस्ट्रेलिया के मरुस्थलीय क्षेत्र में मिलते हैं, ये न केवल एक दूसरे के समानांतर बल्कि हवा के रुख़ के समानांतर भी होते हैं, ये उस समय बनते हैं जब हवा बरख़ान (चंद्रनुमा टीले) को दो भागों में विभाजित करदेती है
तूलानी-दराड़ें
(भुगोल) हिमनद (ग्लेशियर) की वह दराड़ें जो हिमनद की किसी तंग घाटी से गुज़र कर बहुत फैली हुई घाटी में प्रवेश होने और उसके बाद फैल जाने से उसमें पड़ जाती हैं, यह घाटी की समतल सतह और उसकी फैलाव की कारण से पैदा होती हैं
दुम-दार-टीला
(जुग़राफ़िया) एक छोटी सी पहाड़ी जो एक तरफ़ बहुत ऊंची और अमूदी तौर पर ढलवानदार होती है और दूसरी तरफ़ बहुत नीची, (ग्लेशियर आरिश फ़िशां पहाड़ के सामने के हिस्से की चट्टानों को तोड़ तोड़ कर और उन्हें पीस पीस कर पहाड़ या पहाड़ी के उक़बा हिस्सा में जमा करता रहता है जिस के बाइस इस हिस्सा में एक बहुत लंबी और ढलवानदार दुम सी बिन जाती है) ये टीले ज़्यादा तर बर्फ़ से ढके हुए इलाक़ों में नज़र आते हैं
नक़्शा-ए-तब'ई
(भूगोल) ऐसा मानचित्र जिसमें पृथ्वी सतह की रूप-रेखा की स्थिति, समुद्र तल से ऊँचाई और गहराई को अलग-अलग रंगों से दर्शाया जाता, भौतिक मानचित्र
निज़ाम-ए-बतलीमूस
जिसमें यह माना गया है कि पृथ्वी अचल है और चाँद-सूरज आदि ग्रह इसके चारों ओर घूमते हैं
निस्फ़ुन्नहार
भूगोल में ध्रुवों से होकर उत्तर दक्षिण गई हुई किसी सर्व- मान्य मध्य रेखा से पूर्व या पश्चिम की दूरी, लंबांश, मध्याह्न रेखा, देशांतर रेखा
बहर-ए-आ'ज़म
(भूगोल) पानी के पाँच बड़े हिस्सों में से हर एक जो पृथ्वी को चारों तरफ़ से घेरे हुए हैं (जिनके नाम ये हैं: अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, आर्कटिक महासागर, दक्षिणी महासागर
बहरी दर्जा-ए-हरारत
(जुग़राफ़िया) वो मौसम जो समुंद्र से क़रीब या साहिली मुक़ामात और ख़ासकर जज़ीरों में होता है
बाला
(सौ इफ्फी) सके का सीधा रुख़ यानी वो रुख़ जिस उद हाकिम-ए-वक़त का चहरा या इस के हुक्म से कोई ख़ास अलामत बतौर निशानी बनी हो
मु'अल्लक़-वादी
(जुग़राफ़िया) दरिया की काहिसतानी मंज़िल में मौजूद वादी जो बड़ी वादी की मुआविन वादी होती है और बड़ी वादी में लटकती हुई नज़र आती है, इन वादीयों से बर्फ़ या पानी टपकता रहता है और बड़ी वादी में गिरता रहता है
मुंतहा-ए-जज़्र
(भूगोल) समुद्र का पानी बहुत घटने से तट पर बनने वाला निशान, वह चिह्न जो समुद्र के पानी के बहुत घटने से तट पर बन जाते हैं
मुंतहा-ए-मद
(भूगोल) समुद्र का पानी बहुत चढ़ने से तट पर बनने वाला निशान, वह चिह्न जो समुद्र के पानी के बहुत चढ़ने से तट पर बन जाते हैं
मशरिक़-ए-'अक़्सा
मशरिक़ में वाक़्य यूरोप से दूर ममालिक जैसे चीन-ओ-जापान, इंडोनेशिया, मिलाया वग़ैरा , मशरिक़ बईद
मेहवर-ए-ज़मीन
(जुग़राफ़िया) क़ुतबैन के दरमयान ज़मीन का वो फ़र्ज़ी ख़त जो इस के मर्कज़ से गुज़रता है और ज़मीन इस पर गर्दिश करती है
मेहवर-हरकत
(जुग़राफ़िया) हरकत करने वाला महवर या मर्कज़, वो सोई सलाख या धरा वग़ैरा जिस पर कोई पहिया घूमता हो या इस किस्म की कोई सलाख या ख़त या लकीर जो दो मुख़ालिफ़ सुरों से वाबस्ता पहीयों के ज़रीये महव हरकत हो
मिक़्नातीसी-ज़ाविया
(जुग़राफ़िया) मक़नातीसी रुख़ के एतबार से सिम्त (वाज़िह हो कि मक़नातीसी शुमाल जुग़राफ़ियाई शुमाल के मशरिक़ या मग़रिब में वाक़्य होता है
मिंतक़ा-ए-हार्रा
उष्णकटिबंधीय क्षेत्र, वह क्षेत्र जो बहुत गर्म हैं, जहाँ साल भर रात-दिन बराबर रहते हैं और सूर्य की किरण सीधी पड़ने से बहुत गर्म होता है
मिंतक़ा-मो'तदिला-ए-शुमाली
(जुग़राफ़िया) ख़त-ए-सर्तान और दाइरा क़ुतब-ए-शिमाली के दरमयान वाक़्य ख़ित्ता यहां भी मौसम मोतदिल रहता है
मौसम के नक़्शे
(जुग़राफ़िया) वो नक़्शे जो माहिर मौसमियात मौसम के तग़य्युर-ओ-तबद्दुल के बारे में तैय्यार करते हैं
रास-उल-मीज़ान
(जुग़राफ़िया) ख़त-ए-इस्तिवा का वो नुक़्ता जिस पर आफ़ताब हर साल २३ दिसंबर को होता है और इस वक़्त दिन रात बराबर होते हैं
सत्ही-रौ
(जुग़राफ़िया) जब समुंद्री पानी समुंद्र की सतह के साथ साथ हरकत करता है तो उसे सतही रो कहते हैं
हफ़्त-दरिया
प्रचीन भौगोलिक विभाजन के अनुसार सात समुद्र अर्थात: कैस्पियन सागर, पूर्वी दक्षिणी अरब सागर, लाल सागर, बर्बर सागर, अतलांतिक सागर, क़ुस्तुन्तुनिया सागर, श्वेत सागर, कृष्णसागर अर्थात ब्लैक-सी
हुबूत-ए-अर्ज़ी
(जुग़राफ़िया) ज़मीन के किसी कुत्ते का ज़लज़ला वग़ैरा की वजह से गिरना या समुंद्र में डूब जाना, तनज़्ज़ुल ज़मीन
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