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مَزدُور
اجرت پر محنت و مشقت کا کام کرنے والا، تجارت اور صنعت کے شعبوں میں جسمانی محنت کا کام کرنے والا، دوسروں کے کھیتوں میں اجرت پر کام کرنے والا، محنت فروش
آگے ناتھ نَہ پِیچھے پَگا
جس کے آگے پیچھے کوئی نہ ہو، جس کا اپنا کوئی نہ ہو، لا ولد، لاوارث، اکیلا دم
بَسَر اَوْقات
زندگی کے دن (کسی نہ کسی طرح) کاٹنے کا عمل، گزر بسر، معاش و معیشت، گزران، گزر اوقات، گزارہ، رفع ضرورت، وجہ معیشت، قوت بسری، پرورش، روٹی کا سہارا
"दंड" टैग से संबंधित शब्द
"दंड" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
आपे से बाहर करना
निश्चेष्ट एवं बेसुद्ध बना देना (अत्यधिक प्रसन्नता आदि के आवेग या नशे की स्थिति में प्रयुक्त)
कान पकड़ना
۔۱۔तंबीया करना। २।किसी के कमाल या हुस्न वजमाल का क़ाइल होना। कैसा ही कामिल हो मेरे सामने कान पकड़े। ३।(कनाएन) आजिज़ी करना। किसी की इताअत करना। ४।तौबा करना। बाज़ रहना। तर्क करना। ५।सज़ा जिस में शागिर्द अपने दोनों हाथों को दोनों टांगों के बीच से निकाल कर गर्दन झुकाए कानों को पकड़े रहता है
खाल उपाड़ना
किसी के शरीर से खाल अलग करना, गोश्त से खाल अलग करना, (दंड देने या बदला लेने के लिए) चमड़ी उधेड़ देना, जान से मारना, जान लेना, गाहक से अत्यधिक मुल्य प्राप्त करना
जवाहिर
मूल्यवान पत्थर जिनके पाँच प्रकार अत्यधिक उत्तम समझी जाती हैंः लाल, अलमास, याक़ूत, नीलम और ज़मर्रुद, उनके साथ मर्वारीद, मर्जान, अक़ीक़ और फ़ीरोज़े को शामिल करते हैं
तवातुर
(लफ़ज़न) किसी बात या वाक़िया को बहुत से लोगों का नक़ल करना या कसरत और तसलसुल से नक़ल किया जाना कि बाइस यक़ीन हो
ता'न
कटाक्ष, व्यंग, ता'नः, तीर मारना, हदीस: झूटे वर्णन करने वाले की हदीस, वो हदीस जिस का वर्णन करने वाला झूटा हो
ताबि'ई
वह मुसलमान जिसने पैगंबर मुहम्मद के किसी साथी (निकट जन) को देखा हो और उसकी एक मुसलमान के रूप में मृत्यु हो गई हो
देस निकाला देना
देश से निकालने की क्रिया या भाव, किसी को दिया जाने वाला वह दंड जिसमें वह देश के बाहर निकाल दिया जाता है,, जिलावतन करना, शहर बदर करना (सज़ा देने के मौक़ा पर प्रयुक्त है)
फाँसी देना
(रस्सी या रेशम के) फंदे के द्वारा (सज़ा के तौर पर) गला घोंट कर मार डालना, अपराधी के गले में रस्सी का वृत्त डाल कर खींचना, गले में रस्सी डाल कर लटकाना, फंदा लगा देना, गिरह पड़ जाना या डाल देना, जकड़ देना, फांसी देना, फ़ांसी पर लटकाना, सूली देना, प्राणदंड देना
मु'अन'अन
(हदीस) वो हदीस जो ऐसे लोगों से सुनी गई हो जिन का सिलसिला रिवायत में मज़कूर ना हो और सिलसिला-ए-रिवायत को इन लगा कर नक़ल किया गया हो, वो हदीस जिस की रिवायत फ़ुलां इबन फ़ुलां के अलफ़ाज़ से की गई हो और सर अहित से समाव का ज़िक्र ना हो
मु'अल्लल
(हदीस) हदीस की एक क़िस्म जिस में बज़ाहिर सेहत की तमाम शर्तें पाई जाती हैं मगर वो काबिल इस्तिदलाल नहीं होती
मुतवातिर
वो छंदोबद्ध जिसमें एक गतिशील अक्षर दो गतिहीन अक्षरों की मध्य में आएं, जैसे मफाएलीन में 'ऐन और लाम
मुद्रज
आपस में लिपटा हुआ , (हदीस) ऐसी हदीस जिस में रावी ने अपना या किसी और का कलाम भी तशरीह या मानी वग़ैरा की ग़रज़ से शामिल कर दिया हो
मुदल्लिस
(हदीस) वो रावी जिस ने सिलसिला-ए-रिवायत में अपने शेख़ का नाम छोड़ दिया हो , मदलस (रुक) का मुर्तक़िब
मनक़ूल
उल्लेखित, उद्धृत, हवाला देना, उद्धरण करना, प्रतिलिपित, नक़ल या रिवायत किया गया, एक जगह से दूसरी जगह ले जाया गया, नक़ल की हुई इबारत या तस्वीर
मशाइख़
(तसव्वुफ़) वो लोग जो साहिबे हाल हाें, ख़वाजगां, पीरान-ए-तरीक़त, मुत्तक़ी और परहेज़गार लोग, बुज़ुर्ग, सोफिया, शैख का बहुः पीर लोग, सूफ़ी लोग, पार्सा, पाक दामन
मो'ज़ल
समझने में कठिन, पैग़म्बरे-इस्लाम का वह कथन (हदीस), जिसके प्रमाण में दो या इससे अधिक बयान करने वाले (रावी) अस्वीकृत हों
ला-युम्लक
जिस को मलकी्यत ना बनाया जा सके, जिस पर तसर्रुफ़ ना हो सके, जो ममलूक ना हो सके (हदीस अलोक़फ़ लाएमलक) (= माले वक़्फ़ की मिल्कियत नहीं बनाया जा सकता) से माख़ोद)
वतर-सौत
(लिसानियात) हनजरे में ग़शाई अस्तर की चंट जिस से आवाज़ पैदा होती है, नतक़ी असबा । (औताद स्वत का वाहिद)
सरय्या
पैग़म्बर मोहम्मद साहब के समय की वे लड़ाइयाँ जिनमें आप स्वयं सम्मिलित न थे, और किसी सहाबी को सेनापति बना कर भेज दिया हो
सिक़ाहत
शांत स्वभाव, गंभीरता, श्रेष्ठता, बुजुर्गी, विश्व- स्तता, मोंतबरी, (हदीस) रावी की सीरत में इन शर्तों का पाया जाना जो इस का बयान मोतबर होने के लिए ज़रूरी हैं
हदीस-ए-'अज़ीज़
(हदीस) वो हदीस जो (रिवायत के हर मरहले में) कम अज़ कम दो रावियों से मनक़ूल हो लेकिन उसे मुतवातिर या मशहूर अहादीस की तरह रिवाज आम हासिल ना हो
हदीस-ए-'आली
(हदीस) वो हदीस जिस में अस्नाद मुकम्मल हूँ लेकिन बहुत मुख़्तसर हो. इस लिए कि आख़िरी रावी ने इस रिवायत को इबतिदाई रावी से सिर्फ़ चंद अश्ख़ास के वास्ते से हासिल किया है
हदीस-ए-क़ुदसी
हदीस: ऐसी हदीस जिसमें शब्द ईश्वर के होते हैं लेकिन वो पैग़म्बर मोहम्मद साहब के पवित्र जीव्हा से अदा होते हैं
हदीस-ए-क़ौली
(हदीस) इस काम या बात का बयान या ज़िक्र जो पैग़ंबर ख़ुदा सिल्ली अलल्ले अलैहि वसल्लम ने अपनी ज़बान मुबारक से इरशाद फ़रमाया हो
हदीस-ए-मु'अन'अन
(हदीस) वो हदीस जो ऐसे लोगों से सुनी गई हो जिन का सिलसिला-ए-रिवायत में मज़कूर ना हो, और इस सिलसिला-ए-रिवायत को ''इन'' लगा कर नक़ल किया गया हो
हदीस-ए-मक़्तू'
(हदीस) वो हदीस जो रसूल अलल्ले सिल्ली अल्लाह अलैहि वसल्लम के बाद मुस्लमानों की पहली नसल से आगे ना जाती हो यानी जिस का अस्नाद सिर्फ़ किसी ताबई तक पहुंचता हो या जिस में सिर्फ़ ताबईन के अक़्वाल-ओ-अफ़आल का ज़िक्र हो
हदीस-ए-मुंकर
(हदीस) वो हदीस जिस का रावी बहुत ग़लती करता हो, ग़ाफ़िल हो या उस को वहम हो या उस की रिवायत सच्चे लोगों की रिवायत के मुख़ालिफ़ हो या फ़ासिक़ हो या बिद्दती
हदीस-ए-मत्रूक
(हदीस) वो हदीस जिसे सिर्फ़ एक रावी ने नक़ल क्या हो और इलावा बरीं वो हदीस मैन मुत्तहम बालकज़ब हो या किसीरालग़फ़लत हो या कसेरा लो हम हो
हदीस-ए-मुतवातिर
वह हदीस जिसका वर्णन हर काल या समय में उतने लोगों ने किया हो कि उसके ग़लत होने की कोई संभावना न हो
हदीस-ए-मुद्रज
(हदीस) वो हदीस जिस में रावी के अपने अलफ़ाज़ रसूल अलल्ले सिल्ली अलल्ले अलैहि वसल्लम के अलफ़ाज़ के दरमयान दाख़िल हो गए हूँ और मतन के इन दोनों हिस्सों को सिया तौर पर अलग करना मुम्किन ना हो
हदीस-ए-मुदल्लस
(हदीस) वो हदीस जिस में रावी अपने शेख़ का जिस से इस ने हदीस सुनी हो, नाम ले बल्कि इस के ऊपर के रावी से उन अलफ़ाज़ में रिवायत करे जिस से वहम पैदा होता हो कि इस ने इसी ऊपर वाले रावी से सुना है
हदीस-ए-मश्हूर
(हदीस) वो हदीस जिसे हर ज़माने में तीन या तीन से ज़्यादा रावियों ने रिवायत किया हो, यह हदीस-ए-अहाद की एक क़िस्म है
हदीस-ए-मुस्नद
(हदीस) वो हदीस जो सका रावियों के ग़ैर मक़तू सिलसिले के ज़रीये रसूल अलल्ले तक पहुंचाई जा सके
हदीस-ए-मुसलसल
(हदीस) वो हदीस जिस की सनद में अव़्वल से आख़िर तक एक रावी भी साक़ित ना हुआ हो और सब के रावियों के मुताल्लिक़ इस में खास मिला हज़ात हूँ (मसलन रिवायत करने वक़्त सब रावियों ने क़सम खाई हो)
हदीस-ए-मो'ज़ल
(हदीस) वह हदीस जिसमें वर्णित बातों में दो या दो से अधिक कहने वाले अनुपस्थित हों या कुछ विद्वानों के निकट दो कहने वाले ग़ायब हों
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