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"'औरत न मर्द, मुवा हीजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छीचड़ा है" शब्द से संबंधित परिणाम

नई हुई

अनोखी बात हुई, नई बात हुई

न हो

कहीं ऐसा न हो कि (संदेह या शंका प्रकट करने के लिए प्रयुक्त)

न हुआ

मौजूद नहीं, न रहा, प्राप्त नहीं हुआ, मिला नहीं

न हाथों के , न बातों के

जो किसी की कही ना सुनता हो, ना मानता हो, ऐसे शख़्स के मुताल्लिक़ कहते हैं

न हर कि चेहरा बर अफ़रोख़्त, दिल बरी दानद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) हर शख़्स जो अपना चेहरा चमकाए, दिलबरी नहीं जानता, किसी बाकमाल की सी शक्ल बना लेना आसान है मगर कमाल पैदा करना मुश्किल है, ख़ूबसूरती और चीज़ है नाज़-ओ-अदा-ओ-करिश्मा और चीज़ है

न हारी माने , न जीती

किसी तरह क़ाइल ना होने वाले की बाबत कहते हैं

न हड़ा लगे , न फिटकरी

रुक : ना हल्दी लगे ना फटकरी रंग चौखा आए

न हगे, न रास्ता छोड़े

जब कोई हर तरह से ज़च करे तो इस के मुताल्लिक़ कहते हैं

न हगे, न राह छोड़े

जब कोई हर तरह से ज़च करे तो इस के मुताल्लिक़ कहते हैं

न हाथ हेकड़ा, न पाँव पेकड़ा

बिलकुल क़ल्लाश के मुताल्लिक़ कहते हैं

न हल्दी लगे , न फिटकरी , रंग चोखा आए

कुछ ख़र्च ना हो मगर फ़ायदा ख़ूब हो तो कहते हैं

न हर लगे , न फिटकरी और रंग चोखा आए

रुक : ना हल्दी लगे ना फटकरी रंग चौखा आए

ना हज़ार न

ایک بار انکار کر دیا تو پھر اقرار نہیں ہو گا .

न हड़ हड़ , न खड़ खड़

किसी किस्म का कोई झगड़ा बखेड़ा नहीं

ना हज़ार नहीं

ایک بار انکار کر دیا تو پھر اقرار نہیں ہو گا .

नई हो जाना

ताज़ा हो जाना

ना हुआ पर ना हुआ

۔किसी तौर से ना हुआ।हरगिज़ ना हुआ।

क्यूँ न हो

शाबाश, क्या कहना, अवश्य, ज़रूर, वाह वाह, क्यों नहीं, ऐसा ज़रूर हो

हो न हो

definitely, of course, whatever might happen, it may happen or not

आप ने उड़ाई है हम ने भून भून खाई है

हम तुम से ज़्यादा चालाक हैं, तुम्हारी चालों को ख़ूब समझते हैं

सियाम न छोड़ो , छोड़ो न समेत , दोनों मारो एक ही खेत

दुश्मनों का लिहाज़ करना चाहिए उसे तबाह करना चाहिए ख़ाह वो सिया हो या सफ़ैद

अढ़ाई दिन सक़्क़े ने भी बादशाहत की है

अस्थायी अथवा परिवर्तनशील शासन गर्व करने योग्य नहीं, समय-परिवर्तन से कभी तुच्छ व्यक्ति भी उच्च पद पर पहुँच जाता है

जाड़ा माह न पूह, जाड़ा हवा का हू

सर्दी उस वक़्त ज़्यादा होती है जब हुआ चले

बड़े आदमी ने दाल खाई तो कहा सादा-मिज़ाज है ग़रीब ने दाल खाई तो कहा कंगाल है

ایک ہی کام میں ایک کے لیے بدنامی دوسرے کے لیے نیکنامی ہوتی ہے

काल न छोड़े कोए , गदा हो या राजा होए

मृत्यु राजा हो या फ़क़ीर किसी को नहीं छोड़ती

गुड़ भरा हँसिया, न निगलते बन पड़ता है न उगलते

हर तरह मुश्किल है न करते बनती है न छोड़ते

मर्द वो है जो दे और न ले, और नीम मर्द वो है जो दे और ले, ना-मर्द वो है जो न दे और न ले

बुज़ुर्गों का क़ौल है कि बहादुर वो है जो देता है यानी सख़ावत करता है मगर किसी से लेता नहीं, नीम बहादुर वो है जो देता भी है और लेता भी, बुज़दिल और नालायक़ वो है जो लेता तो है मगर देता किसी को नहीं

दिमाग़ में गीदड़ ने काट खाया है

दीवाना है, पागल हो गया है, सीढ़ी हो गया है

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े हो गए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

सारा गाँव जल गया , लड़के ने आग ही न पाई

वहां कहते हैं जहां कोई काम करने में सुस्ती करे या काम ना करे, बदक़िस्मत आदमी को फ़रावानी और इफ़रात के ज़माना में भी कुछ हासिल नहीं होता

हाकिम की अगाड़ी और घोड़े की पिछाड़ी न खड़ा हो

दोनों तरह काफ़ी नुक़्सान होता है

ग़रीब ने रोज़े रखे दिन बड़े हो गए

असमर्थ व्यक्ति जो काम करता है उसमें हानि ही होती है या मुसीबत में और मुसीबत घेरती है

चिड़िया अपनी जान से गई लड़का ख़ुश न हुआ

इस मौक़ा पर कहते हैं जब नौकर काम करते करते मरजाते और मालिक ख़ुश ना हो या बीवी काम करती करती मर जाय और मियां को पसंद ना आए-ए-

मुँह का थोबड़ा न हो जाए

ऐसा न हो कि पिट जावे

रोज़ा रखे न नमाज़ पढ़े सहरी भी न खाए तो महज़ काफ़िर हो जाए

ये कहावत उन लोगों की है जो इंद्रियों के वश में रहते हैं, रोज़ा नमाज़ न सही मगर सहरी ज़रूर खानी चाहिए

रोज़ा रखे न नमाज़ पढ़े सहरी भी न खाए तो काफ़िर हो जाए

ये कहावत उन लोगों की है जो इंद्रियों के वश में रहते हैं, रोज़ा नमाज़ न सही मगर सहरी ज़रूर खानी चाहिए

शैतान ने भी लड़कों से पनाह माँगी है

लड़के शैतान से अधिक शरीर होते हैं, लड़कों से शैतान ने भी तौबा की है

अमीर ने पादा सेहत हुई ग़रीब ने पादा बे-अदबी हुई

कोई बुरा काम अगर किसी धनवान से हो तो उसको अच्छा समझा जाता है और वही काम कोई निर्धन व्यक्ति करे तो उस पर लान-तान की जाती है

पेड़ 'अली धत्ता जिस की जड़ है न पत्ता

جو گمنام ہو ، جس کی اصل و نسل کا پتا نہ ہو ، ناپائیدار ؛ بے اصل بات جس کا سر پیر نہ ہو.

दमड़ी की दाल बुवा पतली न हो

बहुत अधिक कंजूसी करने वाले पर कटाक्ष

गोरे चमड़े पे न जा ये छछूँदर से बदतर है

गोरे रंग पर रीझना नहीं चाहिए क्योंकि उस की कोई हैसियत नहीं होती है नौजवान आदमी जो रंडी पर आशिक़ हो जाये उसे बतौर नसीहत कहते यहं

'औरत न मर्द, मुवा हीजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छीछड़ा है

महिलाएं डरपोक निर्बल के संबंधित कहती हैं कि डरपोक आदमी किसी काम का नहीं होता

'औरत न मर्द, मुवा हिजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छीछड़ा है

महिलाएं डरपोक निर्बल के संबंधित कहती हैं कि डरपोक आदमी किसी काम का नहीं होता

'औरत न मर्द, मुवा हिजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छिछड़ा है

महिलाएं डरपोक निर्बल के संबंधित कहती हैं कि डरपोक आदमी किसी काम का नहीं होता

'औरत न मर्द, मुवा हीजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छीचड़ा है

महिलाएं डरपोक निर्बल के संबंधित कहती हैं कि डरपोक आदमी किसी काम का नहीं होता

पढ़े तोता पढ़े मैना, कहीं आदमी के पूत ने भी पढ़ा है

फ़ौजियों या उच्च कुल की संतानों के न पढ़ने पर व्यंग है

रोज़े रखें न नमाज़ पढ़ें, सहरी भी न खाएं तो काफ़िर हो जाएं

نفس پرورں کا مقولہ ہے.

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े हुए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

दुम पकड़ी भेड़ की वार हुए न पार

कमज़ोर आदमी की इमदाद से कुछ फ़ायदा नहीं होता , कमज़ोर आदमी का सहारा लेने वाला आदमी नाकाम रहता है

चाँद को भी ख़ुदा ने दाग़ लगा दिया है

संसार में कोई भी निर्दोष, बेगुनाह और बेदाग़ नहीं है

कौड़ी न हो तो कौड़ी के फिर तीन-तीन

निर्धन आदमी को कोई नहीं पूछता, अपने पास पैसा न हो तो अपना कोई मोल या महत्त्व नहीं

होते ही न मुवा जो कफ़न थोड़ा लगता

रुक : होते ही क्यों ना मर गया , ऐसे शख़्स की निसबत बोलते हैं जिस से सख़्त नफ़रत हो, ऐसा शख़्स पैदा ही ना होता तो बेहतर था कि ज़्यादा कफ़न भी ना देना पड़ता या बुरा आदमी अगर पैदा होते ही मर जाये तो अच्छा है

ख़ुदा ने अपने हाथ से जोड़ी बनाई है

वर वधू दोनों सुंदर हैं, दूल्हा दुल्हन दोनों हसीन हैं

आप ने मुझे मोल ले कर छोड़ दिया है

आपने मुझ पर बड़ा उपकार किया है, दया प्रकट करने में प्रयुक्त

जो आज करना हो वो कल पर न छोड़ो

जो काम आज करना है उसे दूसरे वक़्त पर नहीं टालना चाहिए

मा बेटों में लड़ाई हुई लोगों ने जाना बैर पड़ा

अपनों की लड़ाई को लड़ाई नहीं समझना चाहिए, अपनों की लड़ाई या ख़फ़गी देरपा नहीं होती

जिसकी न फटी हो बिवाई वो क्या जाने पीड़ पराई

one who has not suffered cannot understand the sorrows of others or sympathize with them

भूका तुर्क न छेड़िए हो जाए जी का झाड़

भूखे आदमी से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए वर्ना पीछा छुड़ाना कठिन हो जाता है, भूका आदमी बात बात पर लड़ता है

क्या हिजड़ों ने राह मारी है

आने से क्यों डरते हो, डरने की क्या बात है

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही कफ़न को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में 'औरत न मर्द, मुवा हीजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छीचड़ा है के अर्थदेखिए

'औरत न मर्द, मुवा हीजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छीचड़ा है

'aurat na mard, muvaa hiij.Daa hai, haDDii na paslii, muvaa chhiich.Daa haiعَورَت نَہ مَرد، مُوا ہِیجڑا ہے، ہَڈّی نَہ پَسلی، مُوا چِھیچڑا ہے

अथवा : 'औरत न मर्द, मुवा हीजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छीछड़ा है, 'औरत न मर्द, मुवा हिजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छीछड़ा है, 'औरत न मर्द, मुवा हिजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छिछड़ा है

कहावत

'औरत न मर्द, मुवा हीजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छीचड़ा है के हिंदी अर्थ

  • महिलाएं डरपोक निर्बल के संबंधित कहती हैं कि डरपोक आदमी किसी काम का नहीं होता
  • एक प्रकार की गाली है

عَورَت نَہ مَرد، مُوا ہِیجڑا ہے، ہَڈّی نَہ پَسلی، مُوا چِھیچڑا ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • عورتیں بزدل کمزور کے متعلق کہتی ہیں کہ بزدل آدمی کسی کام کا نہیں ہوتا
  • ایک طرح کی گالی ہے

Urdu meaning of 'aurat na mard, muvaa hiij.Daa hai, haDDii na paslii, muvaa chhiich.Daa hai

  • Roman
  • Urdu

  • aurte.n buzdil kamzor ke mutaalliq kahtii hai.n ki buzdil aadamii kisii kaam ka nahii.n hotaa
  • ek tarah kii gaalii hai

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नई हुई

अनोखी बात हुई, नई बात हुई

न हो

कहीं ऐसा न हो कि (संदेह या शंका प्रकट करने के लिए प्रयुक्त)

न हुआ

मौजूद नहीं, न रहा, प्राप्त नहीं हुआ, मिला नहीं

न हाथों के , न बातों के

जो किसी की कही ना सुनता हो, ना मानता हो, ऐसे शख़्स के मुताल्लिक़ कहते हैं

न हर कि चेहरा बर अफ़रोख़्त, दिल बरी दानद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) हर शख़्स जो अपना चेहरा चमकाए, दिलबरी नहीं जानता, किसी बाकमाल की सी शक्ल बना लेना आसान है मगर कमाल पैदा करना मुश्किल है, ख़ूबसूरती और चीज़ है नाज़-ओ-अदा-ओ-करिश्मा और चीज़ है

न हारी माने , न जीती

किसी तरह क़ाइल ना होने वाले की बाबत कहते हैं

न हड़ा लगे , न फिटकरी

रुक : ना हल्दी लगे ना फटकरी रंग चौखा आए

न हगे, न रास्ता छोड़े

जब कोई हर तरह से ज़च करे तो इस के मुताल्लिक़ कहते हैं

न हगे, न राह छोड़े

जब कोई हर तरह से ज़च करे तो इस के मुताल्लिक़ कहते हैं

न हाथ हेकड़ा, न पाँव पेकड़ा

बिलकुल क़ल्लाश के मुताल्लिक़ कहते हैं

न हल्दी लगे , न फिटकरी , रंग चोखा आए

कुछ ख़र्च ना हो मगर फ़ायदा ख़ूब हो तो कहते हैं

न हर लगे , न फिटकरी और रंग चोखा आए

रुक : ना हल्दी लगे ना फटकरी रंग चौखा आए

ना हज़ार न

ایک بار انکار کر دیا تو پھر اقرار نہیں ہو گا .

न हड़ हड़ , न खड़ खड़

किसी किस्म का कोई झगड़ा बखेड़ा नहीं

ना हज़ार नहीं

ایک بار انکار کر دیا تو پھر اقرار نہیں ہو گا .

नई हो जाना

ताज़ा हो जाना

ना हुआ पर ना हुआ

۔किसी तौर से ना हुआ।हरगिज़ ना हुआ।

क्यूँ न हो

शाबाश, क्या कहना, अवश्य, ज़रूर, वाह वाह, क्यों नहीं, ऐसा ज़रूर हो

हो न हो

definitely, of course, whatever might happen, it may happen or not

आप ने उड़ाई है हम ने भून भून खाई है

हम तुम से ज़्यादा चालाक हैं, तुम्हारी चालों को ख़ूब समझते हैं

सियाम न छोड़ो , छोड़ो न समेत , दोनों मारो एक ही खेत

दुश्मनों का लिहाज़ करना चाहिए उसे तबाह करना चाहिए ख़ाह वो सिया हो या सफ़ैद

अढ़ाई दिन सक़्क़े ने भी बादशाहत की है

अस्थायी अथवा परिवर्तनशील शासन गर्व करने योग्य नहीं, समय-परिवर्तन से कभी तुच्छ व्यक्ति भी उच्च पद पर पहुँच जाता है

जाड़ा माह न पूह, जाड़ा हवा का हू

सर्दी उस वक़्त ज़्यादा होती है जब हुआ चले

बड़े आदमी ने दाल खाई तो कहा सादा-मिज़ाज है ग़रीब ने दाल खाई तो कहा कंगाल है

ایک ہی کام میں ایک کے لیے بدنامی دوسرے کے لیے نیکنامی ہوتی ہے

काल न छोड़े कोए , गदा हो या राजा होए

मृत्यु राजा हो या फ़क़ीर किसी को नहीं छोड़ती

गुड़ भरा हँसिया, न निगलते बन पड़ता है न उगलते

हर तरह मुश्किल है न करते बनती है न छोड़ते

मर्द वो है जो दे और न ले, और नीम मर्द वो है जो दे और ले, ना-मर्द वो है जो न दे और न ले

बुज़ुर्गों का क़ौल है कि बहादुर वो है जो देता है यानी सख़ावत करता है मगर किसी से लेता नहीं, नीम बहादुर वो है जो देता भी है और लेता भी, बुज़दिल और नालायक़ वो है जो लेता तो है मगर देता किसी को नहीं

दिमाग़ में गीदड़ ने काट खाया है

दीवाना है, पागल हो गया है, सीढ़ी हो गया है

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े हो गए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

सारा गाँव जल गया , लड़के ने आग ही न पाई

वहां कहते हैं जहां कोई काम करने में सुस्ती करे या काम ना करे, बदक़िस्मत आदमी को फ़रावानी और इफ़रात के ज़माना में भी कुछ हासिल नहीं होता

हाकिम की अगाड़ी और घोड़े की पिछाड़ी न खड़ा हो

दोनों तरह काफ़ी नुक़्सान होता है

ग़रीब ने रोज़े रखे दिन बड़े हो गए

असमर्थ व्यक्ति जो काम करता है उसमें हानि ही होती है या मुसीबत में और मुसीबत घेरती है

चिड़िया अपनी जान से गई लड़का ख़ुश न हुआ

इस मौक़ा पर कहते हैं जब नौकर काम करते करते मरजाते और मालिक ख़ुश ना हो या बीवी काम करती करती मर जाय और मियां को पसंद ना आए-ए-

मुँह का थोबड़ा न हो जाए

ऐसा न हो कि पिट जावे

रोज़ा रखे न नमाज़ पढ़े सहरी भी न खाए तो महज़ काफ़िर हो जाए

ये कहावत उन लोगों की है जो इंद्रियों के वश में रहते हैं, रोज़ा नमाज़ न सही मगर सहरी ज़रूर खानी चाहिए

रोज़ा रखे न नमाज़ पढ़े सहरी भी न खाए तो काफ़िर हो जाए

ये कहावत उन लोगों की है जो इंद्रियों के वश में रहते हैं, रोज़ा नमाज़ न सही मगर सहरी ज़रूर खानी चाहिए

शैतान ने भी लड़कों से पनाह माँगी है

लड़के शैतान से अधिक शरीर होते हैं, लड़कों से शैतान ने भी तौबा की है

अमीर ने पादा सेहत हुई ग़रीब ने पादा बे-अदबी हुई

कोई बुरा काम अगर किसी धनवान से हो तो उसको अच्छा समझा जाता है और वही काम कोई निर्धन व्यक्ति करे तो उस पर लान-तान की जाती है

पेड़ 'अली धत्ता जिस की जड़ है न पत्ता

جو گمنام ہو ، جس کی اصل و نسل کا پتا نہ ہو ، ناپائیدار ؛ بے اصل بات جس کا سر پیر نہ ہو.

दमड़ी की दाल बुवा पतली न हो

बहुत अधिक कंजूसी करने वाले पर कटाक्ष

गोरे चमड़े पे न जा ये छछूँदर से बदतर है

गोरे रंग पर रीझना नहीं चाहिए क्योंकि उस की कोई हैसियत नहीं होती है नौजवान आदमी जो रंडी पर आशिक़ हो जाये उसे बतौर नसीहत कहते यहं

'औरत न मर्द, मुवा हीजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छीछड़ा है

महिलाएं डरपोक निर्बल के संबंधित कहती हैं कि डरपोक आदमी किसी काम का नहीं होता

'औरत न मर्द, मुवा हिजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छीछड़ा है

महिलाएं डरपोक निर्बल के संबंधित कहती हैं कि डरपोक आदमी किसी काम का नहीं होता

'औरत न मर्द, मुवा हिजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छिछड़ा है

महिलाएं डरपोक निर्बल के संबंधित कहती हैं कि डरपोक आदमी किसी काम का नहीं होता

'औरत न मर्द, मुवा हीजड़ा है, हड्डी न पस्ली, मुवा छीचड़ा है

महिलाएं डरपोक निर्बल के संबंधित कहती हैं कि डरपोक आदमी किसी काम का नहीं होता

पढ़े तोता पढ़े मैना, कहीं आदमी के पूत ने भी पढ़ा है

फ़ौजियों या उच्च कुल की संतानों के न पढ़ने पर व्यंग है

रोज़े रखें न नमाज़ पढ़ें, सहरी भी न खाएं तो काफ़िर हो जाएं

نفس پرورں کا مقولہ ہے.

ग़रीबों ने रोज़े रखे, दिन बड़े हुए

कमज़ोर और ग़रीब जो काम करता है उस में नुक़्सान ही होता है या मुसीबत में और मुसीबत घेर लेती है

दुम पकड़ी भेड़ की वार हुए न पार

कमज़ोर आदमी की इमदाद से कुछ फ़ायदा नहीं होता , कमज़ोर आदमी का सहारा लेने वाला आदमी नाकाम रहता है

चाँद को भी ख़ुदा ने दाग़ लगा दिया है

संसार में कोई भी निर्दोष, बेगुनाह और बेदाग़ नहीं है

कौड़ी न हो तो कौड़ी के फिर तीन-तीन

निर्धन आदमी को कोई नहीं पूछता, अपने पास पैसा न हो तो अपना कोई मोल या महत्त्व नहीं

होते ही न मुवा जो कफ़न थोड़ा लगता

रुक : होते ही क्यों ना मर गया , ऐसे शख़्स की निसबत बोलते हैं जिस से सख़्त नफ़रत हो, ऐसा शख़्स पैदा ही ना होता तो बेहतर था कि ज़्यादा कफ़न भी ना देना पड़ता या बुरा आदमी अगर पैदा होते ही मर जाये तो अच्छा है

ख़ुदा ने अपने हाथ से जोड़ी बनाई है

वर वधू दोनों सुंदर हैं, दूल्हा दुल्हन दोनों हसीन हैं

आप ने मुझे मोल ले कर छोड़ दिया है

आपने मुझ पर बड़ा उपकार किया है, दया प्रकट करने में प्रयुक्त

जो आज करना हो वो कल पर न छोड़ो

जो काम आज करना है उसे दूसरे वक़्त पर नहीं टालना चाहिए

मा बेटों में लड़ाई हुई लोगों ने जाना बैर पड़ा

अपनों की लड़ाई को लड़ाई नहीं समझना चाहिए, अपनों की लड़ाई या ख़फ़गी देरपा नहीं होती

जिसकी न फटी हो बिवाई वो क्या जाने पीड़ पराई

one who has not suffered cannot understand the sorrows of others or sympathize with them

भूका तुर्क न छेड़िए हो जाए जी का झाड़

भूखे आदमी से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए वर्ना पीछा छुड़ाना कठिन हो जाता है, भूका आदमी बात बात पर लड़ता है

क्या हिजड़ों ने राह मारी है

आने से क्यों डरते हो, डरने की क्या बात है

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही कफ़न को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

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