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मुफ़्लिस

ऐसा व्यक्ति जिसके पास कुछ भी धन-संपत्ति न हो, जिस के पास पैसा और माल न हो, धनहीन, दरिद्र, निर्धन, ग़रीब, ख़ाली हाथ

मुफ़्लिसी

मुफ़्लिस होने की अवस्था या भाव, दरिद्रता, निर्धनता, कंगाली, ग़रीबी

मुफ़्लिसाना

ग़रीबों की तरह, निर्धनों के जैसा, कंगालों की प्रकार, कंगाल

मुफ़्लिस करना

ग़रीब कर देना, मुहताज बना देना, कौड़ी पास न छोड़ना, लूट कर खा जाना

मुफ़्लिस होना

बहुत ग़रीब होना, कंगाल होना

मुफ़्लिस का माल

मुफ़्लिस का चराग़

ग़रीब का चिराग़ जो तेल न होने की वजह से रौशन नहीं होता

मुफ़्लिस की आबरू

अर्थात : ज़रा सी ठेस लगने से ख़राब और बर्बाद हो जाने वाली चीज़, जल्द ही मलिया मेट हो जाने वाली

मुफ़्लिस-कच-धात

(रसायन विज्ञान) ऐसी कच्ची धातु जिससे मूल धातु बहुत कम मात्रा में मिले

मुफ़्लिस बना देना

पैसा कोड़ी पास ना छोड़ना, लौट कर खा जाना, मुहताज कर देना, ग़रीब कर देना, फ़क़ीर बना देना

मुफ़्लिस हमेशा ख़्वार

निर्धन व्यक्ति सदैव अपमानित होता है

मुफ़्लिस का माल है

सस्ता माल है कोड़ीयों के मूल है, अर्ज़ां माल है (बेचने वालों की आवाज़) ख़रीदार सस्ता समझ ख़रीद लीं

मुफ़्लिसी-ज़दा

ग़रीबी से परेशान, ग़रीब बेचारा, आश्रित, कंगाल, फ़क़ीर

मुफ़्लिस की जोरू सदा नंगी

ग़रीब हमेशा तकलीफ़ में रहता है, ग़रीब के पास कुछ नहीं होता

मुफ़्लिस से सवाल हराम हे

निर्धन अथवा मजबूर को किसी तरह का दुख देना ठीक नहीं

मुफ़्लिस और फ़ाल्से का शर्बत

रुक : मुफ़लिस और हॉट की सैर

मुफ़्लिस और हाट की सैर

ग़रीब का फुज़ूलखर्ची करना, लँगोटी में फाग खेलना, मुफ़लिसी में अमीरों की सी आदतें

मुफ़्लिस का चराग़ रौशन नहीं होता

ग़रीब के पास चिराग़ जलाने के लिए भी कुछ नहीं होता, ग़रीब हमेशा तकलीफ़ में रहता है

मुफ़्लिस की जोरू सब की भाबी

ग़रीब की चीज़ को हर कोई हथियाने की कोशिश करता है, ग़रीब की चीज़ पर हर कोई दावा करना शुरू कर देता है

मुफ़्लिस तू ख़ुश कि ज़र न दारी

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) ए मुफ़लिस तू ही अच्छा है कि दौलत नहीं रखता, यानी दौलत के झगड़ों से तुझे नजात है

मुफ़्लिसी छाना

नादारी में फँसना, फ़लाकत में गिरफ़्तार होना

मुफ़्लिस की जवानी और जाड़ों की चाँदी किस ने देखी

जाड़े की चांदनी से लुतफ़ नहीं उठाया जा सकता, बेफ़ाइदा चीज़ जिस से लुतफ़ ना उठा या जा सके तो ये कहावत कहते हैं

मुफ़्लिस की जवानी , जाड़े की चाँदनी यूँ ही जाती है

चीज़ का बे कार और बेफ़ाइदा ज़ाए होना

मुफ़्लिसी बरसना

ग़रीबी या बदहाली का इज़हार होना, नादारी ज़ाहिर होना

मुफ़्लिसी और हाट की सैर

ग़रीब का फुज़ूलख़र्ची करना, लँगोटी में फाक

मुफ़्लिसी-आटा-गीला

मुफ़्लिसी में आटा गीला होना

ग़ुर्बत में मसारिफ़ पेश आना, दिक़्क़त में फँसना

मुफ़्लिसी सब बहार खोती है, मर्द का ए'तिबार खोती है

ग़रीबी में जीवन का कोई मज़ा नहीं आदमी अविश्वस्त हो जाता है

मुफ़्लिसी का रोना रोना

हरवक़त मोहताजी की बातें करना, ग़ुर्बत का ढंडोरा पीटना

मुफ़्लिसी में खोटा पैसा काम आता है

ज़रूरत पर वो चीज़ भी काम आती है जिसे आदमी नाचीज़ समझ कर फेंक देता है, यगाना कैसा ही बुरा क्यों ना हो आड़े वक़्त में ज़रूर मदद है।

मुफ़्लिसी में आटा गीला करना

नादारी में ज़्यादा ख़र्च करना, ग़ुर्बत में बुला ज़रूरत ज़्यादा ख़र्च करा देना

मुफ़्लिसी में बसर करना

ग़ुर्बत में गुज़ारा करना, बुरे हॉलों बसर करना

मुफ़्लिसी में आटा गीला

ग़रीबी में ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्च होना, ग़रीबी की स्थिति में ऐसे ख़र्च आना जिससे बचा नहीं जा सकता

जुवारी हमेशा मुफ़्लिस

जुआ खेलने वाला हमेशा कंगाल रहता है

'आली हिम्मत सदा मुफ़्लिस

दानी और ख़र्चीले व्यक्ति के पास कुछ नहीं रहता

रास्त-गो मुफ़्लिस मज्लिस में झूटा

ग़रीब आदमी यदि सच भी बोले तो उसे झूट समझा जाता है अथवा 'अदालत में झूटा माना जाता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में बड़े आदमी ने दाल खाई तो कहा सादा-मिज़ाज है ग़रीब ने दाल खाई तो कहा कंगाल है के अर्थदेखिए

बड़े आदमी ने दाल खाई तो कहा सादा-मिज़ाज है ग़रीब ने दाल खाई तो कहा कंगाल है

ba.De aadmii ne daal khaa.ii to kahaa saada-mizaaj hai Gariib ne daal khaa.ii to kahaa kangaal haiبَڑےآدْمی نے دال کھائی تو کَہا سادَہ مِزاج ہے غَرِیب نے دال کھائی تو کَہا کَنْگال ہے

بَڑےآدْمی نے دال کھائی تو کَہا سادَہ مِزاج ہے غَرِیب نے دال کھائی تو کَہا کَنْگال ہے کے اردو معانی

  • ایک ہی کام میں ایک کے لیے بدنامی دوسرے کے لیے نیکنامی ہوتی ہے

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