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मुफ़्लिस की जोरू सब की भाबी

ग़रीब की चीज़ को हर कोई हथियाने की कोशिश करता है, ग़रीब की चीज़ पर हर कोई दावा करना शुरू कर देता है

ग़रीब की जोरू सब की भाबी, ज़बर्दस्त की जोरू सब की दादी

ग़रीब का साथी भी सब में कम रुतबा और ज़बरदस्त का यार सब पर ज़बरदस्त होता है

निबल की जोरू सब की सलहज

मुफ़लिस की कोई इज़्ज़त नहीं करता

मुफ़्लिस की जोरू सदा नंगी

ग़रीब हमेशा तकलीफ़ में रहता है, ग़रीब के पास कुछ नहीं होता

एक जोरू की जोरू एक जोरू का ख़सम, एक जोरू का सीस फूल एक जोरू की पश्म

कुछ पति पत्नियों पर हावी होते हैं और कुछ पत्नियाँ पतियों पर, पत्नीव्रता अर्थात स्त्रीजित व्यक्ति का सम्मान नहीं होता

जोरू ज़ोर की नहीं किसी और की

जोरू उसी शख़्स के अपने वश में रहती है जिसकी कमर में बल होता है

बुड़बक की जोरू, सब की भौजाई

मूर्ख की औरत से सब छोड़-छाड़ करते हैं

सिपाही की जोरू हमेशा राँड

घर की जोरू की चौकसी कहाँ तक

अपने ही घर में रहने वाले व्यक्ति की रखवाली करना बहुत कठिन है, घर के चोर की रखवाली बहुत कठिन है

कौड़ी गाँठ की, जोरू साथ की

रुपया और पत्नी अपने पास हो तो अपनी होती है

दो ख़स्म की जोरू चौसर की गोट

जिस औरत का ताल्लुक़ दो आदमीयों से हो वो चौसर की गोट की तरह मारी जाती है

अबरा की जोरू सब की भावज

निर्धन की हर वस्तु को हर कोई बिना किसी संकोच के प्रयोग करता है

नखटू की जोरू सदा नंगी

जिस की जोरू अंदर, उस का नसीबा सिकंदर

रुक : जिस की बढ़िया महल के अंदर इस का नसीबा बड़ा सिकन्दर

रंडी किस की जोरू , भड़वा किस का साला

ख़राब औरत या मर्द किसी के हो कर नहीं रहते

सम्पत की जोरू , बप्त का यार

कामयाबी में बीवी और मुसीबत में दोस्त साथ देता है

जोरू पास की

पत्नि वही है जो पति के साथ हो

अंधे की जोरू का ख़ुदा रखवाला

बेवक़ूफ़ का माल जिस का जी चाहता है खाता है

सब की माँ शाम

शाम को सब घर आकर आराम पाते हैं, इस लिए शाम सब की माँ की तरह है कि इस से सुख मिलता है

सुनिए सब की कीजिए अपने मन की

बात हर एक की सुननी चाहिए, मगर करना वही चाहिए जो दिल में आए

बच्चे की माँ बूढ़े की जोरू सलामत रहे

जिस तरह माँ की मौत के बाद बच्चा आराम से महरूम होजाता है इसी तरह बीवी की मौत से बूढ़ा आदमी बेसहारा होजाता है

ग़रीब की जोरू 'उम्दा ख़ानम नाम

ग़रीबी में नाम से इज़्ज़त नहीं बढ़ती, औक़ात से ज़्यादा मिज़ाज रखना

जोरू-ख़सम की लड़ाई क्या

पति-पत्नि की लड़ाई साधारण सी बात है

सब कहने की बातें हैं

बनावट की बातें हैं, असत्य बातें हैं, वास्तविकता नहीं है, असलियत कुछ नहीं

सब का भला सब की ख़ैर

क़िस्मत सब की सब के साथ होती है

हर एक की तक़दीर अलग होती है, हर शख़्स का मुक़द्दर अलग अलग होता है

चोर की जोरू कूए में मुँह दे कर रोती है

बेचारी (बीवी) को हरवक़त शौहर के पकड़े जाने की फ़िक्र होती है

अंधे की जोरू का अल्लाह बेली

बेवक़ूफ़ का माल जिस का जी चाहता है खाता है

सास की चेरी सब की झेड़ी

जो सास की ख़िदमत करे वो सब पर हुकूमत करती है

सारी रामायण पढ़ गए सुन के पूछा सीता किस की जोरू थी

रुक : सारी ज़ुलेख़ा सुन ली और ना मालूम हुआ कि ज़ुलेख़ा औरत थी या मर्द

बुड्ढे की न मरे जोरू, बाले की न मरे माँ

बुड्ढे की बीवी और बच्चे की माँ मर जाए तो दोनों का सहारा ख़त्म हो जाता है

सख़ी की कमाई में सब का साझा

सखी सब को देता है

सब शक्ल है लंगूर की , इक दुम की कसर है

किसी की बदसूरती पर तंज़न कहते हैं

तेली की जोरू हो कर क्या पानी से नहाए

ऐसे अमीर के रफ़ीक़ हो कर भी हाथ ह रंगीं तो कब रंगींगे

सब की सुन लेना

रिज़ाली की जोरू को सदा तलाक़

कमज़र्फ़ की दोस्ती का कभी ए-ए-एतबार नहीं करना चाहिए, कमीना और सुफ़्ला को अपने अह्द का कुछ पास नहीं होता

साझे की होली सब से भली

जब ज़्यादा लोग मिलते हैं, तो होली अच्छी तरह से मनाई जाती है, त्योहार या ख़ुशी का आनंद केवल संयोग और एकता से आता है

भले माँस की सब तरह से ख़राबी है

ज़ियाद रब की , ख़ैर सब की

सदाए फ़क़ीर, यानी ख़ुदा का नाम लेते और सब का भला मनाते हैं कुछ है तो ऐसे लोगों को भी दलवाओ

नाइयों की बरात में सब ठाकुर ही ठाकुर

बूढ़े ख़सम की जोरू गले का ढोलना

बुढ़ापे में शादी करने का नतीजा ज़न मुरीदी होता है

कायथों में सब से छोटे और भाँडों में सब से बड़े की कमबख़्ती है

काएथ छोटों से बहुत काम कराते हैं भांडों में बड़े को करना पड़ता है

उसको सब की फ़िक्र है

ईश्वर सभी का ख़याल रखता है, भगवान सबकी ख़बर लेता है

सब की मय्या शाम

शाम को सब घर आकर आराम पाते हैं, इस लिए शाम सब की माँ की तरह है कि इस से सुख मिलता है

सब से बेहतर है मियाँ साहिब सलामती दूर की

दूर-दूर रहना ही अच्छा है, घनिष्ठता अच्छी नहीं

जोरू-ख़सम की लड़ाई दूध की सी मलाई

पति-पत्नि की अन-बन भी मज़ा देती है

शब की शब

रात की रात, सिर्फ़ एक रात में, रात भर में

सब की सुनना अपनी करना

इंसान सुने सब की मगर करे वही जो अपने लिए बेहतर समझे

हाँ जी हाँ जी सब से कीजिये , करिये अपने मन की

सब की सुननी चाहिए करना वही चाहिए जो दिल को अच्छा मालूम हो

फ़क़ीर की झोली में सब कुछ

फ़क़ीर के अधिकार में सारी ईश्वरत्व है

नाई की बरात में सब ही ठकुर

वहां मुस्तामल है जहां हर शख़्स काम करने को अपनी इमतियाज़ी हैसियत से पस्त समझता हो, अपने घर या क़ौम में सब इज़्ज़तदार होते हैं

तमाम की सूइयाँ निकाले वो कोई नहीं, जो आँखों की निकाले वो सब कोई

जब बहुत सा काम तो एक शख़्स करले और मेहनत-ओ-तकलीफ़ उठाए और ज़रा सा काम कर लेने या हाथ बटाने से नाम दूसरे का होजाए तो बोलते हैं

तुलसी पैसा पास का सब से नीको होय, होते के सब कोय हैं, अन-होते की जोय

गाँठ का पैसा ही काम आता है

चोर की बूमड़ी सब से आगे

जो क़सूरवार होता है वो अपनी बेगुनाही साबित करने को ज़्यादा शोर मचाता है

अपने-अपने क़दह की सब ख़ैर मनाते हैं

हर कोई अपनी भलाई चाहता है, सब अपना प्याला भरा रखना चाहते हैं, सब अपना स्वार्थ तकते हैं

भले मानस की सब तरह ख़राबी है

नेक इंसान को हर तरह शख़्स दबाता और बुरा भला कहता है, शरीफ़ आदमी को हर हालत में दिक्कतें पेश आती हैं

दौलतमन्द की ड्योढ़ी को सब सज्दा करते हैं

अमीर आदमी के सब ख़ुशामद करते हैं

आग़ा मीर की दाई सब सीखी सिखाई

जो औरत सब गुणों में पूरी, निहायत चालाक और मक्कार हो उस के लिए कहते हैं

दिल में नहीं डर तो सब की पगड़ी अपने सर

यदि दिल में किसी बात का डर नहीं तो आदमी किसी की परवाह नहीं करता, दिल में भय या सम्मान न हो तो मनुष्य निर्भय एवं धृष्ट हो जाता है

ख़ुदा सब की मेहनत सुवारत करता है अकारत नहीं करता

ईश्वर हर एक को उसके परिश्रम का फल देता है, ईश्वर सब का परिश्रम सफल करता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मुफ़्लिस की जोरू सब की भाबी के अर्थदेखिए

मुफ़्लिस की जोरू सब की भाबी

muflis kii joruu sab kii bhaabiiمُفلِس کی جورُو سَب کی بھابی

कहावत

मुफ़्लिस की जोरू सब की भाबी के हिंदी अर्थ

  • ग़रीब की चीज़ को हर कोई हथियाने की कोशिश करता है, ग़रीब की चीज़ पर हर कोई दावा करना शुरू कर देता है
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English meaning of muflis kii joruu sab kii bhaabii

  • poor man's wife is everybody's maid
  • the weakest and the poor are taken lightly

مُفلِس کی جورُو سَب کی بھابی کے اردو معانی

  • غریب کی چیز پر ہر شخص قبضہ کرنے کی کوشش کرتا ہے، غریب کی چیز پر سب لوگ حق جتانے لگتے ہیں

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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