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ढाई घड़ी की आए

झट पर मर जाये, अचानक मौत आए (कोसना

ढाई-अंछर

घर आए की शर्म

ढाई घड़ी की आना

अचानक मरजाना, ढाई घड़ी के अंदर मर जाना, झटपट मर जाना

गए का ग़म, न आए की ख़ुशी

किसी के आने जाने की कोई पर्वा नहीं, बेपर्वाई या लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

न आए की , न गए की

आने जाने वालों की, किसी की कोई इज़्ज़त नहीं

ढाई दिन की बादशाहत

आए की शादी न गए का ग़म

न किसी चीज़ के मिलने की ख़ुशी है न चले जाने का दुख है, सदैव प्रसन्न रहना

गए का ग़म, न आए की शादी

किसी के आने जाने की कोई पर्वा नहीं, बेपर्वाई या लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

चार बुलाए चौदह आए सुनो घर की रीत, भार के आ कर खा गए घर के गाएँ गीत

इस मौक़ा पर मुस्तामल है जब कम लोगों को दावत दी जाये और बहुत ज़्यादा आ जाएं , (कब : तीन बुलाए तेराह आए देखो यहां की रीत, बाहर वाले खा गए और घर के गावें गीत)

ढाई घर का पैंतरा

अपने ढाई बैगन झोंकना

हर मुआमले में दख़ल देना

ढाई बुकाइन मियाँ बाग़ में

थोड़ी इस्तिदाद और मुक़द्दरत पर अपने तईं साहिब इक़तिदार समझना, शेखी ख़ोरे की निस्बत भी बोला करते हैं

ढाई-घर

(शतरंज) बिसात पर घोड़े की तय चाल दो सीधी चालें और एक दाएँ या बाएँ आड़ी चाल

ढाई दिन की बादशाहत करना

۱. दूलहा बनना, नौशा बनना

कुत्ते की मौत आए तो मस्जिद की तरफ़ भागता है

स्वयं जान जोखों में डालना अथवा ख़तरे में पड़ना

ढाई-अक्षर

ढाई अंछर प्रेम के पढ़े सो पंडित हो

उलफ़त और मुहब्बत के चंद हुरूफ़ हैं जो उन पर अमल करेगा वो आलिम फ़ाज़िल होजाएगा

ढाई ढोई का मेंह

ढोया-ढाई करना

बोझ, उधर से उधर करना, भारी बोझ लाद कर लाना ले जाना

ढाई अंछर प्रेम के पढ़े सो पंडित होवे

आए न आए

आने और ना आने में संदेह होने के अवसर पर प्रयुक्त

ढाई दरख़्त बबूल के , मियाँ बाग़ में बैठे हैं

रुक : ढाई पेड़ बकाइन के अलख

अब से आए घर से आए

जो हुआ सो हुआ, आगे से नहीं होगा

आए-साल

हर साल, साल भर के बाद

आए तो क्या आए

थोड़े समय ठहर कर चलते बने, ऐसे आने से न आना अच्छा था

आप आए भाग आए

आप के आने से भाग खुल गए, आप का आना मंगलकारी है

आए मल जी आए

(व्यंगात्मक) ऊल-जलूल वेशभूषा में आने वाले व्यक्ति के लिए प्रयुक्त

आए न आए बराबर

आने से कोई हासिल या फ़ायदा नहीं हुआ, जैसे: लड़के ने सारे रुपय ख़र्च कर डाले हमारे लिए तो आए ना आए बराबर रहे

आँधी आए बैठ जाए, मेंह आए भाग जाए

थोड़ा सा कष्ट जिसे सहन कर सको तो कर लो और अधिक हो तो परे हो जाओ

आए भी तो क्या आए

ज़रा सी देर रुक कर चले जाने के अवसर पर प्रयुक्त

आए वहाँ से

रुक: आए कहीं के

छींकते गए छींकते आए

(हिंदू) बदशगुनी का बुरा ही नतीजा होता है, जैसी बदशगुनी से गए थे, वैसे ही पछताए

क्यों आए हो

मुलाक़ात के समय मित्र से शिकायत व्यक्त करने के लिए इस प्रकार के वाक्य प्रयुक्त

आए कहीं के

रुक: आए बड़े कहीं के

सहीह गए सलामत आए

जैसे गए थे वैसे ही आगए कुछ खोया ना पाया, बगै़र कुछ किए हुए पलट आए

दस आए दस गए

ऐसी जगह बोलते हैं जहां आने जाने का सिलसिला बराबर जारी रहे

अढ़ाई घड़ी की मौत आए

जल्द मर जाए, फ़ौरन मर जाए

निखट्टू आए लड़ता, कमाऊ आए डरता

निकम्मा और न कमाने वाला हर समय बीवी से लड़ता रहता है और कमाऊ आदमी लड़ता झगड़ता नहीं, वह शांत और विनम्र रहता है

दीदों घुटनों के आगे आए

(अविर) एक किस्म का कोसना, बददुआ, अंधा होजाएगा, लंगड़ा होजाए (बतौर सज़ा या पादाश बदी के

आए तो जाए कहाँ

रुक: आओ तो जाओ कहाँ

जो मुँह में आए कहना

सोचे समझे बगै़र बात करना, बोलिए में ग़ौर ताम्मुल ना करना

जो मुँह में आए बकना

सोचे समझे बगै़र बात करना, बोलिए में ग़ौर ताम्मुल ना करना

बड़े-आए

बड़ा आया का बहु., व्यंगात्मक: इतनी हसियत नहीं है, कोई पद नहीं है

आप कहाँ आए

रुक : आप से हम नहीं बोलते

कहाँ से रंगा के आए हैं

(तंज़न) आप में कौनसी ख़ूबी है

कुँवें पर गए और प्यासे आए

जहाँ बड़े फ़ायदे की आशा हो वहाँ से वंचित रहने के अवसर पर बोलते हैं

आए होश-ओ-हवास भूलना

रुक: आए हवास जाना

आए गए

आने जाने वाला, आने जाने वाले, यात्री

जो मुँह में आए सो कहना

कूएँ पर गए और प्यासे आए

जहां बड़े फ़ायदे की उम्मीद हो वहां से महरूम रहना, महरूमी-ओ-तिश्ना कामी

आए-हाय

हाए-आए

मुँह आए जाना

रुक : मुँह आना जो फ़सीह है

आए गए का सौदा

रुक: आई गई का सौदा

दस आए दस चले

ऐसी जगह बोलते हैं जहां आने जाने का सिलसिला बराबर जारी रहे

परसों मोई सासू आज क्यों आए आँसू

रुक : पर को मोय सासू आज क्यों आए आँसू

ढाई अक्षर प्रेम के पढ़े सो पंडित होवे

घर से आए हैं संदेसा लाए हैं

घर से आए हैं संदेसा लाए हैं

जब किसी शख़्स पर कुछ बनी हो और इस से ज़्यादा सर गुज़शता दूसरा आदमी उस को सुनाना चाहे तो उस वक़्त वो ये फ़िक़रा कहते हैं तुम मुझ से ज़्यादा वाकिफ-ए-हाल नहीं हो, कोई ग़ैर मुताल्लिक़ शख़्स दख़ल दे तो कहते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ढाई घड़ी की आए के अर्थदेखिए

ढाई घड़ी की आए

Dhaa.ii gha.Dii kii aa.eڈھائی گَھڑی کی آئے

वाक्य

ढाई घड़ी की आए के हिंदी अर्थ

  • झट पर मर जाये, अचानक मौत आए (कोसना
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ڈھائی گَھڑی کی آئے کے اردو معانی

  • جھٹ پر مر جائے ، اچانک موت آئے (کوسنا)

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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