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दिन रात सूली पर गुज़रना

हरवक़त बेचैन रहना, किसी वक़्त चैन ना मिलना

रात सूली पर बसर करना

सख़्त अज़ीयत में रात गुज़ारना, बहुत बेचैनी से रात बसर करना

सूली पर गुज़रना

बेचैनी में या तड़प तड़प कर बसर होना

सूली पर टंगना

रुक : सूओली पर चढ़ना, मुसीबत में मुबतला होना

सूली पर खींचना

सूओली पर खींचना (रुक) का तादिया

दिन 'ईद रात शब-ए-बरात

हर समय ख़ुशी और विलासिता के लिए प्रयोग किया जाता है, रात-दिन कि विलासिता

अंधे के हिसाब दिन-रात बराबर

मूर्ख भले-बुरे में अंतर नहीं कर सकता, मंद-बुद्धि को अच्छे-बुरे के अंतर का ज्ञान नहीं होता

दिन रोज़-ए-'ईद रात शब-ए-बरात

दिन दो-गुना रात चौ-गुना

रोज़ बरोज़, लम्हा बह लम्हा ज़्यादा, बहुत ज़्यादा तरक़्क़ी या कमाल पर

ना'श सूली पर लटकाना

बतौर सज़ा के लाश को बहुत तकलीफ़ देना

सूली पर नींद आना

इंतिहाई दुख, तकलीफ़, रंजोग़म या ख़ौफ़ विहिर उस की हालत मेंं भी नींद का ग़ालिब होना

दिन-रात

एक दिन और एक रात

रात-दिन

आठों पहर, रात-दिन, हर समय, सदैव, हमेशा

झोंके नींद के सूली पर आते हैं

नेन् के वक़्त नेन् पर हाल में आती है

रात-दिन शेर का सामना है

हर रोज़ नई मुसीबत है

रात-दिन उस की तस्बीह है

हर वक़्त उसको याद करता है

मीठी बातों में दिन रात कटते मा'लूम नहीं देते

अच्छी बातों या ख़ुशहाली में वक़्त जलद गुज़र जाता है

रात सूली पर काटना

सख़्त मुसीबत में रात बसर करना, बहुत बेचैनी से रात गुज़ारना

रात सूली पर कटना

रात सूली पर काटना (रुक) का लाज़िम

हर दिन 'ईद हर रात शब-ए-बरात

रुक : हर शब शब-ए-बरात अलख

दिन को दिन रात को रात न समझना

हरवक़त मेहनत करना, ख़िदमत या मेहनत में अपने आराम या तकलीफ़ की पर्वा ना करना, दिन रात काम करना

सारे दिन ऊनी-ऊनी रात को चर्ख़ा पूनी

इस शख़्स की निस्बत बोलते हैं जो वक़्त पर काम ना करे और बेवक़त काम करे

रात को रात दिन को दिन न समझना

सख़्त मेहनत करना, बहुत सुई-ओ-कोशिश करना

सूली पर की रोटी खाते हैं

उनकी कमाई बड़े ख़तरनाक तरीक़ों से होती है

सूली पर रात कटना

रात निहायत मुसीबत में गुज़रना, रात इंतिहाई बेचैनी में तड़प तड़प कर बसर होता

सूली पर रात काटना

बहुत परेशानी और बेचैनी में बसर करना, अधिक परेशानी में रहना, बहुत बेचैनी से समय काटना

सूली पर बसर करना

बहुत बह चैने से गुज़राना, तड़प तड़प कर गुज़ारना

अंधे को दिन रात बराबर है

नासमझ जाहिल और अज्ञानी या अक्षम व्यक्ति, बुरे और भले में अंतर नहीं कर सकता

सूली पर चढ़ाना

निहायत तकलीफ़ देना, बहुत अज़ीयत पहुंचाना बहुत सख़्त सज़ा देना

दिन दूना रात चौ-गुना

दिन प्रतिदिन और घड़ी-घड़ी अधिक, किसी विषय में उन्नति की शीर्ष अवस्था के संबंध में बोलते हैं

चंदा तेरी चाँदनी और तारों भरी रात, चाहे कितनी चटको चाँदनी क्या दिन बराबर रात

तुम कितनी ही तदबीर करो, हमारी बराबर ना होगी

नींद सूली पर भी आती है

नींद एक फ़ित्री अमल है जो हर हालत में आ जाती है , आदत कभी नहीं रुकती

सूली पर भी नींद आती है

दिन को दिन और रात को रात न समझना

दिन का काम रात को अंजाम देना

असमय काम करना, बेवक़्त काम करना

न दिन को दिन समझा , न रात को रात

बहुत ज़्यादा मेहनत करने के मौके़ पर मुस्तामल

नींद सूली पर भी आ जाती है

नींद एक फ़ित्री अमल है जो हर हालत में आ जाती है , आदत कभी नहीं रुकती

सूली पर भी नींद आ जाती है

रात काँटों पर बसर करना

सख़्त अज़ीयत में रात गुज़ारना, निहायत बेचैनी से रात गुज़ारना

सूली पर बसर होना

निहायत इज़तिराब और बेचैनी में गुज़रना

सूली पर चढ़ना

फांसी पाना, दार पर लटकना , (कनाएन) मुसीबत में गिरफ़्तार होना, निहायत तकलीफ़-ओ-अज़ियत पाना या सहना

दिन का भूला रात को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

रात दिन एक करना

इंतिहाई मेहनत करना, किसी काम में बड़ी दौड़ धूप करना, पूरी क़ुव्वत और मेहनत से काम करना

रात पड़े उपासी, दिन को खाए बासी

बहुत ग़रीब है रात को भूका सविता है और दिन को बासी खाता है

चार दिन की चाँदनी आख़िर अँधेरी रात

चंद रोज़ा ऐश है, फिर वही तकलीफ़, चंद रोज़ उरूज है फिर ज़वाल

समा करे न क्या करे समैं समैं की बात, किसी समय के दिन बड़े किसी समय की रात

हर मौसम अपना उचित काम करता है, मनुष्य कुछ नहीं कर सकता, कभी दिन बड़ा होता है कभी रात अर्थात हालात के आगे मनुष्य लाचार है

दिन का भूला रात को घर आया तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

रात पड़े उपासी, दिन को खोजे बासी

बहुत ग़रीब है रात को भूका सविता है और दिन को बासी खाता है

दिन-रात का बखेड़ा

हर समय की उलझन, हर घड़ी का झगड़ा, हर समय का झगड़ा, आठ-पहर का झंझट

रात-दिन बराबर होना

/ अप्रैल और२३ / सितंबर को दिन और रात की लंबाई पूरे बारह घंटे होती है, दिन और रात में कोई फ़र्क़ ना समझना जो काम दिन को होना चाहिए वही रात भी करना

चार दिन की चाँदनी और फिर अँधेरी रात

हर दिन 'ईद हर रात शबरात

रुक : हर शब शब-ए-बरात अलख

रात को जमाई आए, दिन को मुँह फैलाए

काम में सस्ती करने वाला है

रात को जमाई आए, दिन को मुँह फुलाए

काम में सस्ती करने वाला है

रात-दिन बराबर चक्कर

जो साधू के माने बात रहे आनंद वो दिन रात

जो नेक आदमीयों की नसीहत माने वो हमेशा आराम से रहेगा

रात-दिन का फ़र्क़ है

बहुत बड़ा फ़र्क़ नुमायां है

दिन को शर्म रात को बग़ल गर्म

दिन में पत्नी के घूंघट निकालने पर हँसी में कहते हैं कि दिन में पत्नी लाज करती है परंतु रात को कोई हिचकिचाहट नहीं होती

कहो दिन की सुने रात की

आसौज बयाला दिन धूप रात पाला

इस महीने में दिन को गर्मी और रात को ठंड होती है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में दिन रात सूली पर गुज़रना के अर्थदेखिए

दिन रात सूली पर गुज़रना

din raat suulii par guzarnaaدِن رات سُولی پَر گُزَرْنا

मुहावरा

दिन रात सूली पर गुज़रना के हिंदी अर्थ

  • हरवक़त बेचैन रहना, किसी वक़्त चैन ना मिलना
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دِن رات سُولی پَر گُزَرْنا کے اردو معانی

  • ہر وقت بے چین رہنا ، کسی وقت چین نہ ملنا .

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