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क्या भाड़ में झोंकें

बेकार, फ़ुज़ूल

खाने में शर्म क्या और घूँसों में उधार क्या

खाने में संकोच नहीं करना चाहिए और लड़ाई में वार करने में झिझकना नहीं चाहिए

घूँसों में उधार क्या

अपना बदला फ़ौरन ले लेना चाहिए, लड़ाई में वार का जवाब फ़ौरन देना चाहिए

घूसों में क्या उधार

अपना बदला फ़ौरन ले लेना चाहिए, लड़ाई में वार का जवाब फ़ौरन देना चाहिए

घूसों में उधार क्या

अपना बदला फ़ौरन ले लेना चाहिए, लड़ाई में वार का जवाब फ़ौरन देना चाहिए

शर' में क्या शर्म

शर' में शर्म क्या

साफ़ बात कहने या जायज़ काम करने में पिस-ओ-पेश ना करना चाहिए

क्या मुँह में घूँगनियाँ हैं

रुक : क्या मुंह में पंजीरी भरी है

देखने में न सो चखने में क्या

जो चीज़ देखने में अच्छी नहीं वह खाने में कैसे अच्छी होगी

इंसान में क्या रखा है

मर जाने पर उसे कोई नहीं पूछता

घास में क्या साँप नहीं फिरता

अर्थात क्या अच्छे स्थान पर कोई बुराई नहीं हो सकती, यह असंभव बात नहीं है

दिल में क्या कहेंगे

(संकेतात्मक) बुरा कहेंगे

आप दुनिया में हैं क्या मैं दुनिया में नहीं

मैं आप की चालें ख़ूब समझता हूँ मुझ से चालाकी न कीजिए

क्या आँखों में ख़ाक डालते हो

क्या खुल्लम खुल्ला धोका दे रहे हो, क्यों चंद्राते और मुकराते हो

क्या आँखों में ख़ाक डालते हो

इस में क्या शक है

पैरों में मेहंदी लगी है क्या

क्या हाथों में मेहंदी लगी है

(स्त्री) कोई काम से बचे तो कहती हैं

मंडवे के आटे में शर्त क्या

मामूल के मुआमले में किसी बात की शर्त करना फ़ुज़ूल होता है

जिन गलियों में फूल बखेरे उन में धूल क्या बखेरूँ

मुरव्वत तोड़े को दिल नहीं चाहता

क्या काँटों में हाथ पड़ता है

क्या ऐब लगता है, क्या नुक़्सान होता है

ख़ुदा के घर में क्या इंसाफ़ नहीं

ख़ुदा इंसाफ़ करता है वो ज़ुल्म की सज़ा ज़रूर देता है

क्या पाँव में मेहंदी लगी है

जब कोई आने में हीला-ओ-हवाला करता है तो इस की निसबत कहा करते हैं

नफ़री में नख़रा क्या

वाजिबी मज़दूरी में हुज्जत किया यानी मज़दूरी में एहसान किया

क्या शान में जुफ़ते पड़ जाएं गे

क्या शेख़ी सम्मान के साथ बिगड़ जाएगी, शान में जुफ़्ते पड़ना

इन बातों में क्या रखा है

ये सब बातें अबस-ओ-बेकार हैं, ये हरकतें फ़ुज़ूल और बेनतीजा हैं

आप में क्या शाख़-ए-ज़ा'फ़रान लगी है

आप में की दुनिया भर से निराली बात है, आप में की ख़ुसूसीयत है (जो औरों में नहीं

क्या धूप में बाल सफ़ेद किए हैं

बूढ़े और उम्र रसीदा होने पर भी कवी तजुर्बा ना हुआ

नफ़री में नख़रा क्या

वाजिबी हक़ देने में एहसान नहीं होता, सही और दरुस्त बात में क्या तकरार

तुम्हारी एड़ी में क्या लगा है

(ओ) अगर किसी शख़्स के मन से ऐसी बात निकल जाये जिस से किसी बच्चे को नज़र लग जाने का एहतिमाल हो तो औरतें उस शख़्स से कहती हैं ('एड़ी देखना' नज़र बद से बचने का शगून समझा जाता है)

क्या काबुल में गधे नहीं होते

बेवक़ूफ़ हर जगह होते हैं

काबुल में क्या गधे नहीं होते

जहाँ अच्छे होते हैं वहाँ बुरे भी होते हैं, जहाँ बुद्धिमान होते हैं, वहाँ मूर्ख भी होते हैं, मूर्खों की कहीं कमी नहीं

हाथ में लिया काँसा तो पेट का क्या साँसा

जब बेग़ैरती इख़तियार की तो फिर मांगने में क्या श्रम

हाथ में लिया काँसा तो भीक का क्या साँसा

जब बेग़ैरती इख़तियार की तो फिर मांगने में क्या श्रम

हाथ में लिया काँसा तो पेट का क्या आँसा

जब बेग़ैरती इख़तियार की तो फिर मांगने में क्या श्रम

हाथ में लिया काँसा तो भीक का क्या आँसा

जब बेग़ैरती इख़तियार की तो फिर मांगने में क्या श्रम

ओखली में सर दिया तो धमकों से क्या डर

जब स्वयं को ख़तरे में डाल दिया फिर परिणाम की क्या चिंता, जब जान-बूझ कर ख़तरा मोल लिया तो आने वाली समस्याओं की क्या परवाह

ओखल में सर दिया तो धमकों से क्या ख़तरा

जब ख़ुद को ख़तरे में डाल दिया फिर नताइज की क्या फ़िक्र, जब दानिस्ता ख़तरा मूल लिया तो पेश आने वाले मसाइब की क्या पर्वा ('दिया' और 'डर' की जगह इस मफ़हूम के दीगर अलफ़ाज़ भी मुस्तामल हैं)

विलायत में क्या गधे नहीं होते

बेवक़ूफ़ हर जगह होते हैं

क्या शान में बट्टा लग जाएगा

उसको कहते हैं जो किसी काम में संकोच करते हों, अर्थात उस से वैभव या महिमा में फ़र्क़ आ जाएगा या कमी पैदा होगी

जब हाथ में लिया कासा तो रोटियों का क्या साँसा

जब निर्लज्जता अपनाई तो रोटी की क्या कमी

शान में क्या जुफ़्ते पड़ेंगे

क्या शेखी या इज़्ज़त बिगड़ जाएगी

जब अओखली में सर दिया तो धमकों से क्या डर

जब कोई अपने आपको ख़तरे में डाल दिया हो, तो उसे परिणाम से डरना नहीं चाहिए, चाहे परिणाम कुछ भी हो, यदि कठिन कार्य हाथ में ले लिया है तो कठिनाइयों से नहीं डरना चाहिए, कठिन कार्य शुरू करने पर कठिनाई तो सहन करनी ही पड़ती है

छलनी क्या बोले जिस में बहत्तर साै छेद

रुक : छलनी दो से सोप को अलख

गंगा के मेले में चक्की रहे का क्या काम

बड़े लोगों के मजमा में अदना की कौन सुनता है , बेमहल और बे मौक़ा काम की क़दर नहीं होती

छलनी क्या कहे सोप को कि जिस में नो सौ छेद

बेअमल इंसान के मुताल्लिक़ कहते हैं जो दूसरों को नसीहत करता हो और ख़ूब उयूब में मुबतला हो

ख़ुदा के कारख़ाने में क्या दख़्ल

ख़ुदा के मुआमलात में बंदे के दख़ल की गुंजाइश नहीं, अल्लाह के हुक्म में बंदा का बस नहीं

ख़ाली बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में भरे

व्यर्थ और बेकार कामों के संबंध में बोलते हैं

ख़ुदा के घर में क्या कमी है

ईश्वर के पास सब कुछ है, ईश्वर सब कुछ दे सकता है

बैठा बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में भरे

बेकार आदमी फ़ुज़ूल बेनतीजा काम किया करते हैं

बैठा बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में करे

बेकार आदमी फ़ुज़ूल बेनतीजा काम किया करते हैं

ठाली बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में करे

बेकार आदमी फ़ुज़ूल और बेफ़यादा कामों में लगा रहता है, बेकाम आदमी उल्टे‍ सीधे काम करता रहता है

जोगी जुगत जाने नहीं गबरू में कपड़े रंगे तो क्या हुआ

सन्यासी या जोगी बनने के उसूल से नावाक़िफ़ हैं और दिखावे के लिए गेरू में कपड़े रंग लिए हैं, ज़ाहिर आरा की निसबत बोलते हैं

जोगी जुगत जाने नहीं गबरू में कपड़े रंगे तो क्या होगा

सन्यासी या जोगी बनने के उसूल से नावाक़िफ़ हैं और दिखावे के लिए गेरू में कपड़े रंग लिए हैं, ज़ाहिर आरा की निसबत बोलते हैं

शान में क्या जुफ़्ते पड़ जाएँगे

क्या शेखी या इज़्ज़त बिगड़ जाएगी

मुल्ला न होगा तो क्या मस्जिद में अज़ाँ न होगी

जब पेट में खदिया लगी मीठा और सलोना क्या

भूक में जो मिले मीठे और सलोने से कुछ काम नहीं, ज़रूरत ऐसी होती है

क्या लड़ाई में पान फूल बटते हैं

झगड़े फ़साद में खातिरदारी थोड़ी होती है

बैठा बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में धरे

बेकार आदमी फ़ुज़ूल बेनतीजा काम किया करते हैं

चाँद गहन में चक्की राहे का क्या काम

फ़ुज़ूल और बे मौक़ा बात के मुताल्लिक़ कहते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में क्या भाड़ में झोंकें के अर्थदेखिए

क्या भाड़ में झोंकें

kyaa bhaa.D me.n jho.nke.nکیا بھاڑْ میں جھون٘کیں

स्रोत: हिंदी

वाक्य

मूल शब्द: क्या

क्या भाड़ में झोंकें के हिंदी अर्थ

 

  • बेकार, फ़ुज़ूल
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English meaning of kyaa bhaa.D me.n jho.nke.n

 

  • waste, useless

کیا بھاڑْ میں جھون٘کیں کے اردو معانی

 

  • بیکار، فضول

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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