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मन की मन में रहना

दिल की हसरत-ए-दिल ही में रह जाना, अरमान पूरा ना होना, शौक़ और अरमान का बेसूद जाना, मक़सद पूरा ना होना

मन का मन में रहना

मन की बात मन में रखना

दिल की बात न कहना, दिल की इच्छा किसी से न कहना, इच्छा व्यक्त न करना

तन कसरत में मन 'औरत में

दो परस्पर विपरीत काम एक साथ नहीं हो सकते अथवा नहीं करना चाहिए

तन-मन की सुध-बुध न रहना

तन-बदन का होश न रहना, महव हो जाना

मन में हँसना

दिल में हँसना, दिल ही दिल में ख़ुश होना

मन की तरंग

दिल की लहर, इच्छा का जोश, दिल का शौक़

मन में छटाँग

मन में समाना

ख़्याल में आना, धुन समाना, मुसम्मम इरादा करना

सर सज्दों में, मन बदियों में

बज़ाहिर नेक बहातन बद, इस मौक़ा पर मुसतामल जब कि बज़ाहिर कोई बड़ा नेक बने मगर दिल में ख़यासत भरी हो

अपने मन से जानिये पराए मन की बात

दूसरे तुम से क्या चाहते हैं अथवा कैसे व्यवहार की आशा रखते हैं इसे स्वयं अपने मन से समझ लेना चाहिए

मन की आसूदगी

आत्म-संतुष्टि, दिल की ख़ुशी, हृदय- सुख- इनमें से अधिकतर मन की शांति को खोजने वाले दिखाई देते हैं

मन में बसे , पिसने दिसे

हज़ार मन की

(औरत की भाषा) इज़्ज़त और सम्मान वाली

मन की हवस

विषयासक्ति, तीव्र इच्छा, लालच

मन की धुंद छटना

हृदय पवित्र होना, दिल साफ़ होना, द्वेष जाते रहना

बनिये की गौन में नौ मन का धोका

मामला थोड़ा सा है मगर भूल बहुत बड़ी है

बात मन में बसना

बात याद रहना, बात दिल को बहुत पसंद आना

मन में रूस पकड़ना

दिल में ग़ुस्सा करना, ब्रहमी दिखाना

मन में बसी , सीने में धंसी

जो बात दिल को पसंद आजाए इस का ख़्याल हरवक़त रहता है

ठूँठ चतेरा मन में झींके

ऐसे मौक़ा पर बोलते हैं जब कोई क़ाबिल आदमी काम ख़राब होते देखे मगर दख़ल ना दे

सुनिए सब की कीजिए अपने मन की

बात हर एक की सुननी चाहिए परंतु करना वही चाहिए जो दिल में आए

मन में मूर्ख़ जून में दुखी कोई नहीं

स्वंय को कोई मूर्ख नहीं समझता है और न कोई जान से तंग आता है

मन में खुब-खुब जाना

दिल को लगना, दिल में उतर जाता, दिल को बहुत पसंद आना

जो मन में बसे सो सपने दिसे

जो वस्तु मनभावन होती है हर समय उसी का ध्यान रहता है और वही वस्तु सपने में भी दिखाई देती है

चातुर का क़र्ज़ मन में निस्तार

चालाक व्यक्ति ऋण ले कर वापस नहीं करता

मन की सी कहना

रुक : मन की बात कहना

तन-मन में आग लगना

रुक : तन बदन में आग लगना

तन मन में एक होना

बहुत दोस्ती होना, बड़ी मित्रता होना

रंग की ख़ुशी, मन का सौदा

दिल को जो पसंद आए वही रंग अच्छा होता है

चोर का मन बुक़्चे में

चोर का ख़्याल हर समय चोरी की तरफ़ रहता है

मन चंगा तो कठौती में गंगा

यदि दिल पक्का और आस्था दृढ़ एवं सच्ची है तो सब जगह ईश्वर है

मन में शैख़ फ़रीद, बग़ल में ईंटें

बाहर कुछ अंदर कुछ, दिखावा करते हैं, ढोंगी हैं

मन के मन में

पापी के मन में पाप ही बसे

उद्दंड व्यक्ति हर समय उद्दंडता ही की बातें सोचता रहता है

मन में

हृदय में, विचार में

चोर के मन में चोरी बसे

हर कोई दूसरे व्यक्ति को भी अपने ही जैसा समझता है

सब्र कर मन में ता सुख रहे तन में

सब्र से तस्कीन-ए-क़लब हासिल होती है

तीन टाँग की घोड़ी नौ मन की लादनी

शक्ति से अधिक काम लेने के समय पर कहते हैं, किसी अयोग्य को कोई बड़ा काम सौंप देना

साँच बराबर तप नहीं और झूट बराबर पाप, जाके मन में पाप है ताके मन में आप

सच से बढ़ कर कोई तपस्या नहीं और झूठ से बढ़ कर कोई गुनाह नहीं

मन ही मन में

मन में माया , मोह का सर निकालना

दिल में धन-दौलत की लालच या हवस पैदा होना

मन में गाँती टसटस रोवे, चूहा ख़सम कर सुख से सोवे

दिखाने को रोती है दिल में प्रसन्न है क्यूँकि पति बच्चा है इस लिए कोई रोक टोक करने वाला नहीं है

काम क्रोध, मध, लोभ की जब मन में होवे खान, का पंडित का मूर्खा दोऊ एक समान

काम वासना, क्रोध, घमंड और लोभ अर्थात लालच अगर दिल में हों तो ज्ञानी एवं अनपढ़ दोनों बराबर हैं

साईं अपने चित्त की भूल न कहिये कोय, तब लग मन में राखिये जब लग कारज होय

अपने दिल का भेद भूल कर भी किसी को नहीं बताना चाहिये जब तक काम न हो जाए उसे दिल में रखना चाहिये

हाँ जी हाँ जी सब से कीजिये , करिये अपने मन की

सब की सुननी चाहिए करना वही चाहिए जो दिल को अच्छा मालूम हो

मन की मुर्री किस से कहूँ पेट मसोसा दे दे रहूँ

अपना दुख या भूक किस से कहूँ पेट दबा कर चुप हो रहती हूँ

प्रीत न टूटे अन-मिले उत्तम मन की लाग, सौ जुग पानी में रहे चकमक तजे न आग

सच्चा प्रेम अनुपस्थिति में नहीं जाती जिस तरह चक़माक़ पानी में रहने से आग नहीं खोता

ख़्वाबों की जन्नत में रहना

ख़ुश फ़हमियों मुबतला रहना, ख़्याली बातों से बेहलना

मन भर का सर हिलाए टके की ज़बान न हिलाए

मन भर का सर हिलाते हैं , पैसा भर की ज़बान नहीं हिलते

इशारे से कहते हैं ज़बान से नहीं बोलते, साफ़ साफ़ नहीं कहते

मन मार रहना

मन भारी रहना

दिल पर बोझ सा रहना; जी उदास रहना, कुढ़ते रहना

मन भर का सर हिलाते हैं , पैसा भर की ज़बान नहीं हिलाई जाती

इस के मुताल्लिक़ कहते हैं जो सलाम के जवाब में सिर्फ़ सर हिला दे , मग़रूर और बेवक़ूफ़ के मुताल्लिक़ कहते हैं

मन भर का सर हिलाते हैं , पैसे भर की ज़बान नहीं हिलाई जाती

दाँतों में ज़बान की तरह रहना

दुश्मन से घिरा होना

राम राम तो कहो मन मेरे , पाप कटेंगे छन में तेरे

ए मेरे दिल ख़ुदा का नाम तो ले तेरे सारे गुनाह पल भर में बख़्शे जाऐंगे

मौक़ा' की ताड़ में रहना

उचित समय की ताक में रहना, उप्युक्त समय की प्रतिक्षा करना

मन की करना

इच्छानुसार काम करना, हट करना (सामान्यतः स्वयं के साथ प्रयोग किया जाता है)

मन की बात

(संकेतात्मक) दिल की बात, छुपी हुई अभिलाषा, गुप्त इच्छा, प्रिय इच्छा, भेद, राज़

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मन की मन में रहना के अर्थदेखिए

मन की मन में रहना

man kii man me.n rahnaaمَن کی مَن میں رَہنا

मुहावरा

मन की मन में रहना के हिंदी अर्थ

  • दिल की हसरत-ए-दिल ही में रह जाना, अरमान पूरा ना होना, शौक़ और अरमान का बेसूद जाना, मक़सद पूरा ना होना

مَن کی مَن میں رَہنا کے اردو معانی

  • دل کی حسرت دل ہی میں رہ جانا ، ارمان پورا نہ ہونا ، شوق اور ارمان کا بے سود جانا ، مقصد پورا نہ ہونا ۔

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