खोजे गए परिणाम

सहेजे गए शब्द

"सब दिन ख़ुदा के हैं" शब्द से संबंधित परिणाम

सब दिन ख़ुदा के हैं

जब सौभाग्य और दुर्भाग्य को किसी विशेष दिन से निर्धारित करते हैं तब कहते हैं

ये दिन सब के लिये है

मरना सब को है, ये दिन लाज़िमी है , रुक : ये दिन सब को धरा है

सब दिन चंगा 'ईद के दिन नंगा

जब कोई वक़्त के मुनासिब और इस के मुताबक़ काम नहीं करता तो इस के मुताल्लिक़ कहते हैं

सब दिन चंगा तेहवार के दिन नंगा

जब कोई वक़्त के मुनासिब और इस के मुताबक़ काम नहीं करता तो इस के मुताल्लिक़ कहते हैं

ये दिन सब के वास्ते है

सब को मरना है, यह दिन सब के लिए है

अपने घर के सब बादशाह हैं

अपने घर के सब मालिक हैं चाहे जो करें, अपने घर में सब बड़े हैं

चार हाथ पाँव सब के हैं

हर व्यक्ति को कुछ न कुछ सामर्थ्य प्राप्त है

जीते जी के सब हैं

ज़िंदगी के सब साथी हैं

बनी के सब यार हैं

अच्छे समय में सब दोस्त होते हैं बुरे समय में कोई ख़बर नहीं लेता

दिन के तीन सो साठ दिन हैं

आज बदला न ले सके तो उम्र पड़ी है कभी न कभी बदला लेने का अवसर मिल ही जाएगा

हल्वा खाने के दिन हैं

दाँत टूट चुके ही, बुढ़ापा आगया है बहुत बूढ़े आदमी की निसबत कहते हैं

चार हाथ पाँव तो सब के हैं

हर व्यक्ति को कुछ न कुछ सामर्थ्य प्राप्त है

काल के मुँह में सब हैं

सबको मौत आकर रहती है

आग के आगे सब भसम हैं

आग के उगे जो चीज़ आ जाएगी जल कर रहेगी

काल के आगे सब लाचार हैं

मृत्यु सब को विवश कर देती है

सब अपनी गों के यार होते हैं

सभी अपने मतलब के होते हैं

सब ऐक ही नाव के सवार हैं

सब की हालत एक ही जैसी हो तो कहते हैं

कभी घूरे के दिन भी फिरते हैं

ज़माना बदलता रहता है, कभी ग़रीबों और कमज़ोरों का ज़माना भी बदल जाता है, उन के भी अच्छे दिन आ जाते हैं, ग़रीब और कमज़ोर हमेशा ग़रीब कमज़ोर नहीं रहते, बारह बरस में घूरे के भी दिन फिर जाते हैं

बारह बरस पीछे कूड़ी के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

जीते के सब हैं मरे का कोई नहीं

जीवित का साथ दिया जाता है, मरने के बाद कोई किसी को नहीं पूछता

जब च्यूँटी के मरने के दिन क़रीब आते हैं तो उस के पर निकलते हैं

आदमी ख़ुद अपनी मुसीबत को दावत देता है, ऐसा काम करने के मौक़ा पर बोलते हैं जिस का अंजाम ख़राबी हो

बारह बरस के बा'द घूरे के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

बारह बरस के बा'द घूरे के भी दिन फिरे हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

सब ऐक ही थैली के बट्टे हैं

जहाँ सबके स्वार्थ एक जैसे हों अथवा सब एक जैसी ही बात कहते हों वहाँ कहा जाता है

अपने बछड़े के दाँत सब को मा'लूम होते हैं

अपने आदमियों के लच्छनों या गुणों से सब सूचित होते हैं

बनी के सब साथी हैं, बिगड़ी का कोई नहीं

अच्छे समय में सब दोस्त होते हैं बुरे समय में कोई ख़बर नहीं लेता

मरे का कोई नहीं, जीते के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

धन के पंद्रह मकर के पचीस, चिल्ले के दिन हैं चालीस

धन उस बुर्ज का नाम है जिस को क़ौस कहते हैं और मकर को हदी बोलते हैं, जब सूर्य इन बुर्जों में आता है तो हिंद में सर्दी का मौसम होता है

सब ऐक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं

जहाँ सबके स्वार्थ एक जैसे हों अथवा सब एक जैसी ही बात कहते हों वहाँ कहा जाता है

बारह बरस बा'द कूड़े के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

मरे का कोई नहीं, जीते जी के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

बेटा बन के सब खाते हैं, बाप बन के किसी ने नहीं खाया

छोटा बन कर मतलब निकाला जाता है बड़ा बन कर नहीं

सौ बरस बा'द कूड़े घूरे के दिन भी बहोरते फिरते हैं

कोई शैय सदा एक हाल पर नहीं रहती, बुरे दिनों के बाद भले दिन भी आते हैं

धर्म बाप सब मनुख के धोवत है इस तौर जल साबुन जों धोवत हैं सब कपड़न घोर

पुन गुनाहों को इस तरह साफ़ करता है जिस तरह साबुन और पानी कपड़ों को साफ़ कर देता है, नेकी से गुनाह ज़ाइल होजाते हैं

तुलसी पैसा पास का सब से नीको होय, होते के सब कोय हैं, अन-होते की जोय

गाँठ का पैसा ही काम आता है

ख़ुदा के घर में सब कुछ

ईश्वर के लिए हर बात संभव है

ख़ुदा सब के लिए और बंदा अपने लिए

आदमी ख़ुदग़रज़ होता है, ख़ुदा सब का मुरब्बी-ओ-निगहबान होता है

मुँह देखी सब कहते हैं, ख़ुदा लगती कोई नहीं कहता

सब चापलूसी और तरफ़दारी की बात करते हैं सच्च और इंसाफ़ की कोई नहीं कहता

ख़ुदा लगती कोई नहीं कहता, मुँह लगती सब कहते हैं

सब चापलूसी और तरफ़दारी की बात करते हैं सच्च और इंसाफ़ की कोई नहीं कहता

ख़ुदा लगती कोई नहीं कहता , मुँह देखी सब कहते हैं

सब चापलूसी और तरफ़दारी की बात करते हैं सच्च और इंसाफ़ की कोई नहीं कहता

तुलसी पैसा पास का सब से नेको होए, होते के बहन और बाप हैं, अन-होते की जोए

गाँठ का पैसा ही काम आता है

सब जीते जी के झगड़े हैं ये तेरा ये मेरा है जब चल बसे इस दुनिया से ना तेरा है ना मेरा है

मौत के वक़्त कोई चीज़ साथ नहीं जाती, यह सब ज़िंदगी के ही झगड़े हैं

ख़ुदा के हाँ से जवाब हो चुका अपनी ख़ूशी जीते हैं

(ज़िंदगी के दिन पूरे हो गए हैं) नाउम््ीदी की हालत में ज़िंदगी बसर करना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में सब दिन ख़ुदा के हैं के अर्थदेखिए

सब दिन ख़ुदा के हैं

sab din KHudaa ke hai.nسَب دِن خُدا کے ہیں

कहावत

सब दिन ख़ुदा के हैं के हिंदी अर्थ

  • जब सौभाग्य और दुर्भाग्य को किसी विशेष दिन से निर्धारित करते हैं तब कहते हैं

سَب دِن خُدا کے ہیں کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • جب سعادت و نحوست کو کسی خاص دن سے مخصوص کرتے ہیں تو کہتے ہیں.

Urdu meaning of sab din KHudaa ke hai.n

  • Roman
  • Urdu

  • jab sa.aadat-o-nahuusat ko kisii Khaas din se maKhsuus karte hai.n to kahte hai.n

खोजे गए शब्द से संबंधित

सब दिन ख़ुदा के हैं

जब सौभाग्य और दुर्भाग्य को किसी विशेष दिन से निर्धारित करते हैं तब कहते हैं

ये दिन सब के लिये है

मरना सब को है, ये दिन लाज़िमी है , रुक : ये दिन सब को धरा है

सब दिन चंगा 'ईद के दिन नंगा

जब कोई वक़्त के मुनासिब और इस के मुताबक़ काम नहीं करता तो इस के मुताल्लिक़ कहते हैं

सब दिन चंगा तेहवार के दिन नंगा

जब कोई वक़्त के मुनासिब और इस के मुताबक़ काम नहीं करता तो इस के मुताल्लिक़ कहते हैं

ये दिन सब के वास्ते है

सब को मरना है, यह दिन सब के लिए है

अपने घर के सब बादशाह हैं

अपने घर के सब मालिक हैं चाहे जो करें, अपने घर में सब बड़े हैं

चार हाथ पाँव सब के हैं

हर व्यक्ति को कुछ न कुछ सामर्थ्य प्राप्त है

जीते जी के सब हैं

ज़िंदगी के सब साथी हैं

बनी के सब यार हैं

अच्छे समय में सब दोस्त होते हैं बुरे समय में कोई ख़बर नहीं लेता

दिन के तीन सो साठ दिन हैं

आज बदला न ले सके तो उम्र पड़ी है कभी न कभी बदला लेने का अवसर मिल ही जाएगा

हल्वा खाने के दिन हैं

दाँत टूट चुके ही, बुढ़ापा आगया है बहुत बूढ़े आदमी की निसबत कहते हैं

चार हाथ पाँव तो सब के हैं

हर व्यक्ति को कुछ न कुछ सामर्थ्य प्राप्त है

काल के मुँह में सब हैं

सबको मौत आकर रहती है

आग के आगे सब भसम हैं

आग के उगे जो चीज़ आ जाएगी जल कर रहेगी

काल के आगे सब लाचार हैं

मृत्यु सब को विवश कर देती है

सब अपनी गों के यार होते हैं

सभी अपने मतलब के होते हैं

सब ऐक ही नाव के सवार हैं

सब की हालत एक ही जैसी हो तो कहते हैं

कभी घूरे के दिन भी फिरते हैं

ज़माना बदलता रहता है, कभी ग़रीबों और कमज़ोरों का ज़माना भी बदल जाता है, उन के भी अच्छे दिन आ जाते हैं, ग़रीब और कमज़ोर हमेशा ग़रीब कमज़ोर नहीं रहते, बारह बरस में घूरे के भी दिन फिर जाते हैं

बारह बरस पीछे कूड़ी के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

जीते के सब हैं मरे का कोई नहीं

जीवित का साथ दिया जाता है, मरने के बाद कोई किसी को नहीं पूछता

जब च्यूँटी के मरने के दिन क़रीब आते हैं तो उस के पर निकलते हैं

आदमी ख़ुद अपनी मुसीबत को दावत देता है, ऐसा काम करने के मौक़ा पर बोलते हैं जिस का अंजाम ख़राबी हो

बारह बरस के बा'द घूरे के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

बारह बरस के बा'द घूरे के भी दिन फिरे हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

सब ऐक ही थैली के बट्टे हैं

जहाँ सबके स्वार्थ एक जैसे हों अथवा सब एक जैसी ही बात कहते हों वहाँ कहा जाता है

अपने बछड़े के दाँत सब को मा'लूम होते हैं

अपने आदमियों के लच्छनों या गुणों से सब सूचित होते हैं

बनी के सब साथी हैं, बिगड़ी का कोई नहीं

अच्छे समय में सब दोस्त होते हैं बुरे समय में कोई ख़बर नहीं लेता

मरे का कोई नहीं, जीते के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

धन के पंद्रह मकर के पचीस, चिल्ले के दिन हैं चालीस

धन उस बुर्ज का नाम है जिस को क़ौस कहते हैं और मकर को हदी बोलते हैं, जब सूर्य इन बुर्जों में आता है तो हिंद में सर्दी का मौसम होता है

सब ऐक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं

जहाँ सबके स्वार्थ एक जैसे हों अथवा सब एक जैसी ही बात कहते हों वहाँ कहा जाता है

बारह बरस बा'द कूड़े के भी दिन फिरते हैं

कंगाली या परेशान हाली हमेशा नहीं रहती

मरे का कोई नहीं, जीते जी के सब लागू हैं

मित्रता और संबंध सब जीवन के साथ है, मृत्यु के पश्चात कोई साथ नहीं देता

बेटा बन के सब खाते हैं, बाप बन के किसी ने नहीं खाया

छोटा बन कर मतलब निकाला जाता है बड़ा बन कर नहीं

सौ बरस बा'द कूड़े घूरे के दिन भी बहोरते फिरते हैं

कोई शैय सदा एक हाल पर नहीं रहती, बुरे दिनों के बाद भले दिन भी आते हैं

धर्म बाप सब मनुख के धोवत है इस तौर जल साबुन जों धोवत हैं सब कपड़न घोर

पुन गुनाहों को इस तरह साफ़ करता है जिस तरह साबुन और पानी कपड़ों को साफ़ कर देता है, नेकी से गुनाह ज़ाइल होजाते हैं

तुलसी पैसा पास का सब से नीको होय, होते के सब कोय हैं, अन-होते की जोय

गाँठ का पैसा ही काम आता है

ख़ुदा के घर में सब कुछ

ईश्वर के लिए हर बात संभव है

ख़ुदा सब के लिए और बंदा अपने लिए

आदमी ख़ुदग़रज़ होता है, ख़ुदा सब का मुरब्बी-ओ-निगहबान होता है

मुँह देखी सब कहते हैं, ख़ुदा लगती कोई नहीं कहता

सब चापलूसी और तरफ़दारी की बात करते हैं सच्च और इंसाफ़ की कोई नहीं कहता

ख़ुदा लगती कोई नहीं कहता, मुँह लगती सब कहते हैं

सब चापलूसी और तरफ़दारी की बात करते हैं सच्च और इंसाफ़ की कोई नहीं कहता

ख़ुदा लगती कोई नहीं कहता , मुँह देखी सब कहते हैं

सब चापलूसी और तरफ़दारी की बात करते हैं सच्च और इंसाफ़ की कोई नहीं कहता

तुलसी पैसा पास का सब से नेको होए, होते के बहन और बाप हैं, अन-होते की जोए

गाँठ का पैसा ही काम आता है

सब जीते जी के झगड़े हैं ये तेरा ये मेरा है जब चल बसे इस दुनिया से ना तेरा है ना मेरा है

मौत के वक़्त कोई चीज़ साथ नहीं जाती, यह सब ज़िंदगी के ही झगड़े हैं

ख़ुदा के हाँ से जवाब हो चुका अपनी ख़ूशी जीते हैं

(ज़िंदगी के दिन पूरे हो गए हैं) नाउम््ीदी की हालत में ज़िंदगी बसर करना

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

सुझाव दीजिए (सब दिन ख़ुदा के हैं)

नाम

ई-मेल

प्रतिक्रिया

सब दिन ख़ुदा के हैं

चित्र अपलोड कीजिएअधिक जानिए

नाम

ई-मेल

प्रदर्शित नाम

चित्र संलग्न कीजिए

चित्र चुनिए
(format .png, .jpg, .jpeg & max size 4MB and upto 4 images)

सूचनाएँ और जानकारी प्राप्त करने के लिए सदस्यता लें

सदस्य बनिए
बोलिए

Delete 44 saved words?

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा

Want to show word meaning

Do you really want to Show these meaning? This process cannot be undone