तू-मैं
हर कोई, हर एक, सब (लोग), हर किस-ओ-नाक्स
तूती
छोटी जाति का शुक या तोता जिसकी चोंच, पीली, गरदन बैंगनी और पर हरे होते हैं, कनेरी नाम की छोटी सुंदर चिड़िया जो कनारी द्वीप से आती है और बहुत अच्छा बोलती है, इसे लोग पिंजरों में पालते हैं, मटमैले रंग की एक छोटी चिड़िया जो बहुत सुंदर बोलती है, मैना, सारिका, शुक, तोता, जो ‘तूत’ बहुत खाता है
तूफ़ान
पानी की बाढ़, सैलाब, प्लावन, बहुत ही तेज़ आँधी, बहुत ज़ोर की बारिश, कहर, आफ़त, आपदा, विपत्ति, आरोप, लांछन, तोहमत, कोलाहल, हंगामा, शोरोगुल, आपत्ति, मुसीबत
तूज़ुक
सज्जा, सजावट, आराइश, प्रबंध, व्यवस्था, इंतिज़ाम, सैन्यसज्जा, फ़ौज की तर्तीब, राजसभा की सजावट, विधान, क़ानून, अपने क़लम से लिखी हुई अपनी जीवनी, आत्मचरित, खुद-नविश्त हालात ।।
तू-तू मैं-मैं
आपस में अशिष्टतापूर्वक होनेवाली कहा-सुनी या झगड़ा, एक दूसरे को बुरा कहना, कहा-सुनी, वाक्कलह, गाली-गलौज, ज़बानी लड़ाई झगड़ा
तू चल मैं चल
۔(ओ) हलचल होने की जगह। बाग़ में अज़ां हुई या तो एक एक चुप चुप कररहा था अल्लाह अकबर की सदा सुनते ही तोॗ चल में चल एक एक खिसकने लगा
तू चल मैं आया
एक के बाद दूसरे के आने का तांता बंधने और शृंखला न टूटने के मौक़ा पर प्रयुक्त
तू हे और मैं हूँ
अब और कोई नहीं, अब ऐसा बदला लूंगा कि तो भी याद करे
तू आन का तो मैं बान का , तू सूई तो मैं तागा , तू मिर्ज़ा तो मैं ख़ान का
यानी में हर हालत में तुझ से बढ़ चढ़ ही के रहूँगा
तू कहाँ और मैं कहाँ
तेरा मेरा क्या मुक़ाबला है, अगर आला से ख़िताब है तो अपने आप को कमतर और अदना से ख़िताब हो तो अपने आप को अफ़ज़ल ज़ाहिर किया जाता है