खोजे गए परिणाम
",oBUS" शब्द से संबंधित परिणाम
बस
काफ़ी, पर्याप्त मात्रा में
'अबस
बेकार, व्यर्थ, निरर्थक, फ़ुज़ूल, अकारण
मेरे मियाँ के दो कपड़े, सुथना नाड़ा बस
बहुत निर्धन है केवल एक पाजामा और बस
बाँस चढ़े गुड़ खाय
अश्लीलता अपनाना मतलब हासिल हो
बाँस चढ़ी गुड़ खाय
अश्लीलता अपनाना मतलब हासिल हो
मेरे मियाँ के दो कपड़े, सुत्थन नाड़ और बस
बहुत निर्धन है केवल एक पाजामा और बस
मेरे मियाँ के दो कपड़े, सुत्थन नाड़ा और बस
बहुत निर्धन है केवल एक पाजामा और बस
उल्टे बाँस पहाड़ चढ़े
मुआमला उलट गया (ख़िलाफ़ महल काम करने के मौक़ा पर तंज़न मुस्तामल
बस में पड़ना
क़ाबू में आ जाना, नियंत्रण में होना
लेना देना साढे़ बीस
फ़ैसला कर लेने के अवसर पर कहते हैं
अल्लाह बस, बाक़ी हवस
अल्लाह के अतिरिक्त बाक़ी सारा संसार तुच्छ एवं मिट जाने वाला है, दुनिया से कोई आस नहीं केवल अल्लाह पर भरोसा है (दुनिया से बेदिली या मायूसी के अवसर पर प्रयुक्त)
'आक़िलाँ रा इशारा बस
बुद्धिमान व्यक्ति संकेत से बात समझ जाता है
बस कर मियाँ बस कर, देखा तेरा लश्कर
अधिकतर व्यंग्यात्मक) ज़्यादा डींगें न मारो, चुप रहो
कुँवों में बाँस पड़ना
कुंवों में बाँस डालना (रुक) का लाज़िम, बड़ी शिद्दत से जुस्तजू-ओ-तलाश होना, बेकरारी-ओ-परेशानी के साथ जुस्तजू करना
कुँवें में बाँस पड़ना
परिश्रमपूर्वक खोज करना, बहुत तलाश होना
लेना देना साढे़ बाईस
फ़ैसला कर लेने के अवसर पर कहते हैं
नौ कोड़ी बाँस लगवाना
बहुत पिटवाना, सख़्त सज़ा दिलवाना, बहुत मार लगवाना, ज़ुलम करवाना
सास बड़ी बाँस , नंद बग़ल गंद
सास और नंद मालूम होती हैं, बहू की, सास और नंद से नहीं बनती इस लिए उन्हें बुरा समझती है
बाँस बढ़े झुक जाए अरंड बढ़े टूट जाए
जो ٰघमंड करे हानि उठाता है जो विनम्रता करे वह विकास करता है
सांभर में पड़ा और बस गला
जैसी सोहबत हो वैसा ही इंसान होजाता है, बद सोहबत जलद असर करती है
कड़ाकड़ बाजें थोथे बाँस
बने लिया क़ुत्ती में ताली बहुत होती है, कमज़र्फ़ ज़्यादा शोर मचाता है
गोली बीस क़दम' और चालीस क़दम
कमाल, होशयार या चालाकी ज़ाहिर करने के मौक़ा पर ज़रा से इशारे से तलब ताड़ जाना
बिस चढ़ना
ज़हर का प्रभाव होना, ज़हर का पूरे शरीर में फैल जाना
बा'इस-ए-अफ़्ज़ाइश-ए-दर्द-ए-दरूँ
cause of increase in the pain within
बाँस पड़ना
लाठी से पीटा जाना, बुरी तरह पिटना, अधिक यातना पहुँचना
खेड़े बसें
(दुआ) गांव आबाद हूँ, बहुत सी औलाद हो
'आक़िल रा इशारा बस
बुद्धिमान इशारे से बात समझ जाता है
बाँसों चढ़ना
दरिया के पानी का अत्यधिक चढ़ाव पर होना
बाँसों बढ़ना
बहुत ज़्यादा ख़ुशी, उमंग और उत्साह पैदा होना, हौसले और हिम्मत में वृद्धि हो जाना
दीवाना रा होवे बस अस्त
فارسی کہاوت اردو میں مستعمل ، جسے کسی بات کی دُھن یا شوق ہو وہ ذرا سی شہ پر کر پھر ہمہ تن اسی میں لگ جاتا ہے اور من مانی کرنے لگتا ہے کسی بات کے شوقین کو ذرا سی شہ کافی ہے.
बाँस का घोड़ा
वह बाँस का डंडा जिसे बच्चे अपनी दोनों टाँगों के बीच में डाल कर पिछला किनारा ज़मीन पर और अगला अपने हाथ में रखते और इसी तरह उस पर सवार हो कर दौड़ते फिरते हैं
दिल में याद बस जाना
किसी का हर वक़्त ध्यान होना, ख़्याल में होना
शाह 'अब्बास का 'अलम टूटे
(अविर) हज़रत अब्बास इबन अली के इल्म की मार पड़े, तबाह हो, बर्बाद हो (कलमा-ए-बददुआ
बाँस-फोड़
कारीगर जो बाँस की तीलियों से विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ (टोकरियाँ आदि) बनाते हैं
बँस-फोड़
बाँस आदि से विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ बनाने वाला पेशेवर कारीगर
च्यूँटी को मौत का तरेड़ा बस है
थोड़ी विपदा भी निर्धन को बर्बाद कर देती है
'इराक़ी पर बस न चला गधे के कान ऐंठे
ज़बरदस्त पर बस ना चला तो ग़रीब को मारने / सताने लगे, धोबी से बस ना चले गधे के कान उमेठे
आता तो सभी भला थोड़ा बहुत कुछ, जाता बस दो ही भले दलिद्दर और दुख
जो मिले अच्छा जो जाए बुरा
हवा-बाश-तनफ़्फ़ुस
(نباتیات) پودوں کا آکسیجن کے ذریعے توانائی حاصل کرنے یا زندہ رہنے کا عمل ، تکسیدی تحلیل (انگ : Aerobic respiration) ۔
मुर्ग़ी को तकले का दाग़ बस काफ़ी है
ग़रीब और मुफ़लिस आदमी के लिए थोड़ा नुक़्सान ही बहुत है
बांस की जड़ में घमोय जमे हुए
अच्छी वस्तु को त्रुटि या दोष लगा हुआ
बांस की जड़ में घमोय जामे हुए
अच्छी वस्तु को त्रुटि या दोष लगा हुआ
नौ कोड़ी बाँस बरसाना
बहुत पिटाई करना, सख़्त सज़ा देना, ज़ुलम करना
बाँस चढ़ी तो अब घूँगट कैसा
अपनी बेपर्दगी पर घूंघट या इज़्ज़त को कहाँ तक सँभालेगा, बेपर्दा होने पर घूंगट और इज़्ज़त क़ायम नहीं रह सकती
फ़े'ल-ए-'अबस
व्यर्थ का काम, निरर्थक कार्य, जिस काम में कोई लाभ न हो, बेफ़ाइदा काम, फ़ुज़ूल काम
उन्नीस बीस का फ़र्क़
बहुत थोड़ा सा फ़र्क़, मामूली सा अंतर, ज़रा सी कमी बेशी
ज़बरदस्त के बिस्वे बीस
शक्तिशाली एवं प्रभावी व्यक्ति हमेशा विजयी रहता है
गुड़ से मरे तो बिस काहेको दीजिए
जो काम नरमी से निकले तो उस में सख़्ती क्यूँ की जाये अथवा मिठास से काम चल जाए तो सख़्ती क्यूँ की जाए
जहाँ बालों का बैठना वहाँ भूतों का बास
कहते हैं कि बच्चों पर भूतों का असर जल्दी होता है इस लिए जहाँ बच्चे रहें वहाँ भूतों के आने का डर होता है