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सभी
सब के सब, तमाम, सब, समस्त, सारे, एक साथ, सब लोग
सभेतो
विनम्र, शुद्ध स्वभाव का, सभ्य आदमी
सभीता
शराफ़त, तमीज़, आचार व्यवहार में पवित्रता, अच्छे संस्कार
अच्छों की सभी अच्छी होती है
हसीनाओं या अमीरों की बुरी बात को भी लोग अच्छा ही कहते हैं
कुत्ता घास खाए तो सभी पाल लें
यदि काम सरल हो जाए तो सब ही कर लें, सरल काम सब कर लेते हैं
आता तो सभी भला थोड़ा बहुत कुछ, जाता बस दो ही भले दलिद्दर और दुख
जो मिले अच्छा जो जाए बुरा
मा न मा का जाया सभी लोग पराया
अजनबी मुक़ाम की निसबत बोलते हैं
भूल गए सब ज्ञान शास्त्र पढ़ कर सभी डबोया
लिखे पढ़े निष्क्रियता के संबंध में बोला करते हैं
माँ न माँ का जाया, सभी लोग पराया
अजनबी जगह पर बोलते हैं जहाँ कोई भी अपना जानने वाला न हो
माँ न माँ का जाया, सभी लोक पराया
अजनबी जगह पर बोलते हैं जहाँ कोई भी अपना जानने वाला न हो
अपने बछड़े के दाँत सभी पहचानते हैं
अपने आदमियों के लच्छनों या गुणों से सब सूचित होते हैं
नाऊ की बरात में सभी ठाकुर
जहां सब लोग उच्च श्रेणी से हों और काम करने वाला कोई न हो वहां बोलते हैं
पेट पड़ें रोटियाँ तो सभी गलाँ मोटियाँ
जब आदमी दौलतमंद हो जाये तो इस में बहुत सी बातें आजाती हैं, मआशी बेफ़िकरी में ख़ूब बातें सूझती हैं
पेट बीच पड़ी रोटियाँ तो सभी बातें मोटीयाँ
when the belly is full one talks big
पूरी से पूरी पड़े तो सभी न पूरी खाएँ
अपव्यय अर्थात आवश्यक्ता से अधिक ख़र्च करने से गुज़ारा नहीं होता
साँसा सुध बुध सभी घुटावे , साँसा सुख का खोज मिटावे
फ़िक्र अक़ल मार देती है और चीन इराम खो देती है
मंदिर माँ सभी साँझ से राखो दीपक बाल, साँझ अँधेरे बैठना है इती भौंडी चाल
सर-ए-शाम घर में चिराग़ जलाना चाहिए, क्योंकि शाम ही से अंधेरे में बैठ रहना बहुत भिवंडी बात है
मंदिर माँ सभी साँच से राखो दीपक बाल, साँझ अँधेरे बैठना है इती भौंडी चाल
सर-ए-शाम घर में चिराग़ जलाना चाहिए, क्योंकि शाम ही से अंधेरे में बैठ रहना बहुत भिवंडी बात है