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पयार
महुए की तरह का मझोले आकार का एक पेड़ जिसके बीजों से निकलने वाली चिरौंजी बादाम और पिसते की तरह मीठी होती है तथा मेवों में शुमार होती है
पियार
एक प्रकार का पेड़ और उसका फल, यह पेड़ महुवे के पेड़ जैसा होता है, इसमें फ़ालसे के समान गोल-गोल फल लगते हैं, एक प्रकार का फल जिसमें मीठे गूदे की पतली परत होती है जिसके नीचे चपटे बीज होते हैं बीजों की गरी स्वाद में बादाम और पिस्ते के जैसा मीठा होता है यह मेवों की श्रेणी में गिना जाता है और चिरौंजी के नाम से बेचा जाता है
पियारांगा
एक गिरहदार और सख़्त जड़ जो दवाओं में इस्तिमाल होती है उंगली के बराबर मोटी और दो बालिशत तक लंबी होती है रंगत ज़र्द माइल बह सुर्ख़ी और मज़ा निहायत तल्ख़ होता है
प्यार का नाम
वह नाम जो प्यार से रख लेते हैं जैसे किसी का नाम अहमद हो और उस को प्यार से चाँद कहने लगें, वह नाम जो बुज़ुर्ग मुहब्बत से पुकारने के लिए रख लेते हैं
ज़मीन का प्यार
अपने वतन या धरती की मुहब्बत, देशभक्ति, स्वदेशानुराग, देशवासियों से प्रेम, अपनी मातृभूमि से लगाव
उस जातक पर प्यार जताओ, मात-पिता बिन जिस को पाओ
अनाथों के साथ अच्छा व्यवहार करो, अनाथ बच्चों से प्यार करना चाहिए, अनाथ पर दया करनी चाहिए
पुरानों को झड़की, नयों का प्यार
रंग बदलने वाले व्यक्ति के प्रति कहते हैं कि पुराने मित्रों से क्रोधित रहता है और नये लोगों से ख़ुश होता है
यार को करूँ प्यार, ख़सम को करूँ भस्म, लड़के को करूँ चटनी
बदचलन ओत के मुताल्लिक़ कहते हैं, बदचलन औरत को ख़ावंद और औलाद की कोई पर्वा नहीं होती
आँख हूई चार दिल में आया प्यार, आँख हूई ओट दिल में आई खोट
आमने-सामने होते ही मन में दूसरों के लिए दया एवं प्यार आ ही जाता है और दृष्टि से ओझल होने पर आदर-भाव शेष नहीं रहता
यार करूँ प्यार करूँ, चूतड़ तले अंगारे धरूँ, जल जाए तो क्या करूँ
इस के मुताल्लिक़ कहते हैं जो ज़ाहिर में दोस्त और बातिन में दुश्मन हो
चाह करूँ प्यार करूँ चूतड़ तले अंगार धरूँ जल जाए तो मैं क्या करूँ
दिखावे की मुहब्बत के मुताल्लिक़ कहते हैं
आँखें हूईं चार दिल में आया प्यार, आँखें हूईं ओट दिल में आई खोट
आमने-सामने होते ही मन में दूसरों के लिए दया एवं प्यार आ ही जाता है और दृष्टि से ओझल होने पर आदर-भाव शेष नहीं रहता
चली चली आई सौत के पेहर
मौत के घर पनाह लेने चली गई, मतलब ये है कि ऐसा काम किया जिसमें नुक़्सान का अंदेशा है
जब आँखें हुईं चार तो दिल में आया प्यार, जब आँखें हुईं ओट दिल में आई खोट
जिस वक़्त आमने सामने हों तो प्रेम जताते हैं मगर अनुपस्थित में कोई परवाह नहीं होती बल्कि बुराई सूझती है
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