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जिस का

whose, of whom, of which

जैसा कि

मानो, जैसा कि

जिसकी न फटी हो बिवाई वो क्या जाने पीड़ पराई

one who has not suffered cannot understand the sorrows of others or sympathize with them

जिसकी न फटी हो बिवाई वो क्या जाने पीर पराई

one who has not suffered cannot understand the sorrows of others or sympathize with them

जिसका काम उसी को साजे और करे तो ठेंगा

जिस ने जो काम सीखा है वही उसे अच्छी तरह कर सकता है दूसरे के बस का नहीं

जिसका काम उसी को साझे और करे तो मूँगरा बाजे

जिस ने जो काम सीखा है वही उसे अच्छी तरह कर सकता है दूसरे के बस का नहीं

जिस के मुँह में चावल होते हैं वो ख़ूब चबा-चबा कर बातें करता है

जिसके पास धन होता है वह बहुत घमंड से बातें करता है

जिस के सर पड़ती है वही जानता है

जिस पर परेशानी आती है वही उस का अनुमान कर सकता है

जिस के सर पर पड़ती है वही जानता है

जिस पर परेशानी आती है वही उस का अनुमान कर सकता है

जिस के पास ढबुआ वही हमारा बबुआ

जिस के पास धन होता है हर व्यक्ति उस की चापलूसी करता है

जिस के चार पैसे लो उन्हें हलाल कर के खाओ

जिस की नैकरी करो या जिस से तनख़्वाह लो उस की सेवा अच्छे से करो

जिस के सर पर हथियार उस का क्या ए'तिबार

۔مثل۔ سینگ والے جانور کا کچھ اعتبار نہیں جب چاہے مار بیٹھے۔

जिस के दिल में रहम नहीं वो क़साई है

निर्दयी आदमी क़साई के बराबर होता है

जिस के माँ बाप जीते हैं वो हरामी नहीं कहलाता

जिसके लिए प्रमाण और सबूत मौजूद है, उसे कोई भी विश्वासरहित नहीं कह सकता

जिस के तन को लगी हो वो जाने यार

जिस को तकलीफ़ पहुंचती है वही जानता है, बे दर्द की बला जाने

जिस के पेशा में बाण वो बड़ा शैतान

۔مقولہ۔ جس پیشہ ور کے نام کے ساتھ بان کا لفظ ہوتا ہے وہ بڑا شریر ہوتا ہے۔

जिस के सर पर जूता रख दिया वही बादशाह बन गया

जिस पर कृपा दृष्टि होती है वही तरक़्क़ी पाता है, अपने या किसी और की प्रशंसा में कहते हैं

जिस के माँ बाप जीते हैं वो हराम का नहीं कहलाता

जिसके लिए प्रमाण और सबूत मौजूद है, उसे कोई भी विश्वासरहित नहीं कह सकता

जिस के पेशे में बान वो बड़ा शैतान

जिस पेशावर के नाम के साथ बाण का लफ़्ज़ हो (जैसे : फ़ीलबान, गाड़ी बाण वग़ैरा) वो अक्सर बड़ा शरीर होता है

जिस के कारण पहनी साढ़ी वही टाँग रहे उघाड़ी

जिस काम के लिए सारी तदबीर की थी वही बिगड़ गया यानी सारी मेहनत ज़ाए और बर्बाद हो गई

जिस के हाथ डोई उस का सब कोई

जिससे लाभ होता है उसी के सब शुभأचिंतक होते हैं

जिस के मुँह में चावल होते हैं वो चबा चबा कर ख़ूब बातें करता है

۔مثل جس کے پاس دولت ہوتی ہے وہی اتراتا ہے جس کے گھر کھانے کو ہوتا ہےوہی اترا اترا کر باتیں کرتا ہے۔

जिस के देखे तप आवे , वही मोहे ब्याहन आवे

जिस से नफ़रत हो इसी से बाला बड़े तो कहते हैं

जिस के लिए चोरी की वही कहे है चोर

जिस की ख़ातिर बदनाम हुए वही नफ़रत करता है

जिसके माँ बाप जीते हैं, वह हराम का नहीं कहलाता

सबूत मौजूद हो तो दा'वा ग़लत नहीं ठहराया जाता

जिस के माँ बाप जीते हों वो हराम का नहीं कहलाता

जिसके लिए प्रमाण और सबूत मौजूद है, उसे कोई भी विश्वासरहित नहीं कह सकता

जिस के कारण मूँड मुंडाया वही कहे मुंडा आया

जिस के वास्ते कोई बुरा काम किया वही इल्ज़ाम देता है, एहसानफ़रामोशी की हद है

जिस के कारण जोग लिया वो न मिला

जिस के लिए इतनी मेहनत की वही ना मिल सका

जिस के सर हथियार उस का क्या ए'तिबार

सींग वाले जानवर का कुछ भरोसा नहीं जब चाहे मार बैठे

जिस के पैसा नहीं है पास , उस को मेला लगे उदास

जिस शख़्स के पास पैसा नहीं उसे किसी चीज़ का लुतफ़ नहीं आता

जिस के मुँह में चावल होते हैं वो चबा चबा कर बातें करता है

जिस के पास दौलत होती है वही इतराता है

जिस के पास नहीं पैसा, वो भला मानस कैसा

रुपया से सारी प्रतिष्ठा है

जिस के काटे का मंतर नहीं

वह समस्या जिस का समाधान न हो, एक ऐसा प्रभाव जो लागू न हो सके, ऐसी चीज़ जिस के बराबर कुछ न हो

जिस के पाँव न बिवाई वो क्या जाने पीर पराई

रुक : जिस की ना फटी हो ब्वॉय अलख

जिस के कारण जोग भई वो सय्याँ प्रदेस

जिस से मुहब्बत है उसे पर्वा नहीं

जिस के चार भय्या मरें धौल छीन लें रुपय्या

जमात से ग़लबा होता है

जिस के वास्ते रोए उस आँखों में आँसू भी नहीं

जिस के साथ किसी तकलीफ़ में हमदर्दी की उसे परवाह भी नहीं

जिस के वास्ते रोए उस की आँखों में आँसू भी नहीं

जिस के साथ किसी तकलीफ़ में हमदर्दी की उसे परवाह भी नहीं

जिस के होवें अस्सी वो करे खस्सी

जिस के पास माल-ओ-दौलत जमा हो जाये उसे ज़कात देनी पड़ती है

जिस के पाँव न जाए बिवाई वो क्या जाने पीर पराई

۔(عو) جس کو بذات خود تکلیف نہیںہوئی وہ دوسرے کی تکلیف کو کیا سمجھے گا۔

जिस के लिए

جس کی وجہ سے ، جس کے واسطے ، جس بنا پر.

क्यों न होवे चुड़ैल बनीनी, जिसके बड़े महाजिन हैं

जैसे बुज़ुर्ग वैसी औलाद, जिस के बुज़ुर्ग बड़े जिन होंगे वो यक़ीनन चुड़ैल होगी , बनियों से मज़ाक़ है कि बनीए की बीवी चुड़ैल क्यों ना होगी क्योंकि इस के बुज़ुर्ग महाजन यानी बड़े जिन् हैं

क्यों न होवे चुड़ैल बन्यानी, जिसके बड़े महाजिन हैं

जैसे बुज़ुर्ग वैसी औलाद, जिस के बुज़ुर्ग बड़े जिन होंगे वो यक़ीनन चुड़ैल होगी , बनियों से मज़ाक़ है कि बनीए की बीवी चुड़ैल क्यों ना होगी क्योंकि इस के बुज़ुर्ग महाजन यानी बड़े जिन् हैं

निचंत सोवे हीरो जिसके गाए न गीरो

ग़रीब आदमी बेफ़िकर सविता है

हाथी फिरे गाँव गाँव जिसका हाथी उसका नाँव

रुक : हाथी फिरे गांव गांव अलख

खींचूँगा वो बाल कि जिसकी ख़बर दूर तक जाएगी

इन पोशीदा और छिपे हुए ऐबों का इज़हार करूंगा जिस से तमाम आलम में ज़िल्लत-ओ-रुसवाई हो कर तुम्हारे बुज़ुर्गों की इज़्ज़त-ओ-आबरू ख़ाक में मिल जाएगी, ऐसे ऐब निकालूंगा कि सख़्त रुसवाई होगी

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जिस का

whose, of whom, of which

जैसा कि

मानो, जैसा कि

जिसकी न फटी हो बिवाई वो क्या जाने पीड़ पराई

one who has not suffered cannot understand the sorrows of others or sympathize with them

जिसकी न फटी हो बिवाई वो क्या जाने पीर पराई

one who has not suffered cannot understand the sorrows of others or sympathize with them

जिसका काम उसी को साजे और करे तो ठेंगा

जिस ने जो काम सीखा है वही उसे अच्छी तरह कर सकता है दूसरे के बस का नहीं

जिसका काम उसी को साझे और करे तो मूँगरा बाजे

जिस ने जो काम सीखा है वही उसे अच्छी तरह कर सकता है दूसरे के बस का नहीं

जिस के मुँह में चावल होते हैं वो ख़ूब चबा-चबा कर बातें करता है

जिसके पास धन होता है वह बहुत घमंड से बातें करता है

जिस के सर पड़ती है वही जानता है

जिस पर परेशानी आती है वही उस का अनुमान कर सकता है

जिस के सर पर पड़ती है वही जानता है

जिस पर परेशानी आती है वही उस का अनुमान कर सकता है

जिस के पास ढबुआ वही हमारा बबुआ

जिस के पास धन होता है हर व्यक्ति उस की चापलूसी करता है

जिस के चार पैसे लो उन्हें हलाल कर के खाओ

जिस की नैकरी करो या जिस से तनख़्वाह लो उस की सेवा अच्छे से करो

जिस के सर पर हथियार उस का क्या ए'तिबार

۔مثل۔ سینگ والے جانور کا کچھ اعتبار نہیں جب چاہے مار بیٹھے۔

जिस के दिल में रहम नहीं वो क़साई है

निर्दयी आदमी क़साई के बराबर होता है

जिस के माँ बाप जीते हैं वो हरामी नहीं कहलाता

जिसके लिए प्रमाण और सबूत मौजूद है, उसे कोई भी विश्वासरहित नहीं कह सकता

जिस के तन को लगी हो वो जाने यार

जिस को तकलीफ़ पहुंचती है वही जानता है, बे दर्द की बला जाने

जिस के पेशा में बाण वो बड़ा शैतान

۔مقولہ۔ جس پیشہ ور کے نام کے ساتھ بان کا لفظ ہوتا ہے وہ بڑا شریر ہوتا ہے۔

जिस के सर पर जूता रख दिया वही बादशाह बन गया

जिस पर कृपा दृष्टि होती है वही तरक़्क़ी पाता है, अपने या किसी और की प्रशंसा में कहते हैं

जिस के माँ बाप जीते हैं वो हराम का नहीं कहलाता

जिसके लिए प्रमाण और सबूत मौजूद है, उसे कोई भी विश्वासरहित नहीं कह सकता

जिस के पेशे में बान वो बड़ा शैतान

जिस पेशावर के नाम के साथ बाण का लफ़्ज़ हो (जैसे : फ़ीलबान, गाड़ी बाण वग़ैरा) वो अक्सर बड़ा शरीर होता है

जिस के कारण पहनी साढ़ी वही टाँग रहे उघाड़ी

जिस काम के लिए सारी तदबीर की थी वही बिगड़ गया यानी सारी मेहनत ज़ाए और बर्बाद हो गई

जिस के हाथ डोई उस का सब कोई

जिससे लाभ होता है उसी के सब शुभأचिंतक होते हैं

जिस के मुँह में चावल होते हैं वो चबा चबा कर ख़ूब बातें करता है

۔مثل جس کے پاس دولت ہوتی ہے وہی اتراتا ہے جس کے گھر کھانے کو ہوتا ہےوہی اترا اترا کر باتیں کرتا ہے۔

जिस के देखे तप आवे , वही मोहे ब्याहन आवे

जिस से नफ़रत हो इसी से बाला बड़े तो कहते हैं

जिस के लिए चोरी की वही कहे है चोर

जिस की ख़ातिर बदनाम हुए वही नफ़रत करता है

जिसके माँ बाप जीते हैं, वह हराम का नहीं कहलाता

सबूत मौजूद हो तो दा'वा ग़लत नहीं ठहराया जाता

जिस के माँ बाप जीते हों वो हराम का नहीं कहलाता

जिसके लिए प्रमाण और सबूत मौजूद है, उसे कोई भी विश्वासरहित नहीं कह सकता

जिस के कारण मूँड मुंडाया वही कहे मुंडा आया

जिस के वास्ते कोई बुरा काम किया वही इल्ज़ाम देता है, एहसानफ़रामोशी की हद है

जिस के कारण जोग लिया वो न मिला

जिस के लिए इतनी मेहनत की वही ना मिल सका

जिस के सर हथियार उस का क्या ए'तिबार

सींग वाले जानवर का कुछ भरोसा नहीं जब चाहे मार बैठे

जिस के पैसा नहीं है पास , उस को मेला लगे उदास

जिस शख़्स के पास पैसा नहीं उसे किसी चीज़ का लुतफ़ नहीं आता

जिस के मुँह में चावल होते हैं वो चबा चबा कर बातें करता है

जिस के पास दौलत होती है वही इतराता है

जिस के पास नहीं पैसा, वो भला मानस कैसा

रुपया से सारी प्रतिष्ठा है

जिस के काटे का मंतर नहीं

वह समस्या जिस का समाधान न हो, एक ऐसा प्रभाव जो लागू न हो सके, ऐसी चीज़ जिस के बराबर कुछ न हो

जिस के पाँव न बिवाई वो क्या जाने पीर पराई

रुक : जिस की ना फटी हो ब्वॉय अलख

जिस के कारण जोग भई वो सय्याँ प्रदेस

जिस से मुहब्बत है उसे पर्वा नहीं

जिस के चार भय्या मरें धौल छीन लें रुपय्या

जमात से ग़लबा होता है

जिस के वास्ते रोए उस आँखों में आँसू भी नहीं

जिस के साथ किसी तकलीफ़ में हमदर्दी की उसे परवाह भी नहीं

जिस के वास्ते रोए उस की आँखों में आँसू भी नहीं

जिस के साथ किसी तकलीफ़ में हमदर्दी की उसे परवाह भी नहीं

जिस के होवें अस्सी वो करे खस्सी

जिस के पास माल-ओ-दौलत जमा हो जाये उसे ज़कात देनी पड़ती है

जिस के पाँव न जाए बिवाई वो क्या जाने पीर पराई

۔(عو) جس کو بذات خود تکلیف نہیںہوئی وہ دوسرے کی تکلیف کو کیا سمجھے گا۔

जिस के लिए

جس کی وجہ سے ، جس کے واسطے ، جس بنا پر.

क्यों न होवे चुड़ैल बनीनी, जिसके बड़े महाजिन हैं

जैसे बुज़ुर्ग वैसी औलाद, जिस के बुज़ुर्ग बड़े जिन होंगे वो यक़ीनन चुड़ैल होगी , बनियों से मज़ाक़ है कि बनीए की बीवी चुड़ैल क्यों ना होगी क्योंकि इस के बुज़ुर्ग महाजन यानी बड़े जिन् हैं

क्यों न होवे चुड़ैल बन्यानी, जिसके बड़े महाजिन हैं

जैसे बुज़ुर्ग वैसी औलाद, जिस के बुज़ुर्ग बड़े जिन होंगे वो यक़ीनन चुड़ैल होगी , बनियों से मज़ाक़ है कि बनीए की बीवी चुड़ैल क्यों ना होगी क्योंकि इस के बुज़ुर्ग महाजन यानी बड़े जिन् हैं

निचंत सोवे हीरो जिसके गाए न गीरो

ग़रीब आदमी बेफ़िकर सविता है

हाथी फिरे गाँव गाँव जिसका हाथी उसका नाँव

रुक : हाथी फिरे गांव गांव अलख

खींचूँगा वो बाल कि जिसकी ख़बर दूर तक जाएगी

इन पोशीदा और छिपे हुए ऐबों का इज़हार करूंगा जिस से तमाम आलम में ज़िल्लत-ओ-रुसवाई हो कर तुम्हारे बुज़ुर्गों की इज़्ज़त-ओ-आबरू ख़ाक में मिल जाएगी, ऐसे ऐब निकालूंगा कि सख़्त रुसवाई होगी

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