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पड़ता

आर्थिक दृष्टि से आय-व्यय आदि का औसत या माध्यम

पड़ती

कोई ऐसी खाली पड़ी हुई जमीन जो कभी जोती-बोई तो न गई हो, मगर प्रयत्नपूर्वक खेतीवाड़ी के योग्य बनाई जा सकती हो

पड़ता

رک : پڑتا (۱).

पकता

पकाने वाला

पकती

पकने की क्रिया या भाव

पकौटा

پکھ (رک) کی تصغیر.

पड़ौता

पोते का बेटा

पड़ौती

बंजर (भूमी), वो खेत जिसमें कभी-कभी काशत हो

पड़ती पड़ना

भुमि का बंजर होना, खराब हो जाना या उत्पादन के योग्य न रहना

पड़ता पड़ना

(ठग्गी) वारदात की कोई चीज़ पहचानी जाना

पड़ता माल गुज़ारी

राजस्व की पर्याप्त राशि, मालगुज़ारी की वह रक़म जिस की दर निर्धारित की जा सके

पड़ता डालना

रुक : पड़त फैलाना, हिस्सा रसदी तक़सीम करना, औसत निकालना

पड़ता खाना

बिक्री-मूल्य इस अनुपात में निर्धारित करना कि कुछ लाभ सुनिश्चित हो

पड़ता बैठना

पड़ता बैठाना (रुक) का लाज़िम

पड़ता फैलाना

इस बात का हिसाब या अंदाज़ा लगाना कि फ़ी बीघा लगान कितना पड़ता है

पड़ता बिठाना

गणना करना, अलुमान लगाना, पड़ता फैलाना

डेढ़ चावल अपने जुदा ही पकाते हैं

सब से अलग काम करते हैं, किसी से सहमति नहीं रखते

गीदड़ के कहने से बेर नहीं पकते

nothing works out in a way one's wishes it to work out

ग़ज़ब में पड़ता

۱. क़हर का निशान बनना, मातूब होना

बहुत मिठाई में कीड़े पड़ते हैं

ज़्यादा मेल-जोल होने से ख़राब परिणाम निकलता है

पुराने चावल खिल के पकते हैं

(शाब्दिक) पुराने चावलों की ख़ूबी, (लाक्षणिक) बूढ़े लोगों के अनुभनी होने की समर्थन में बोलते हैं

कोढ़ी के जूँ नहीं पड़ती

मरे हुए को कोई नहीं मारता, जो स्वयं दुखियारा है उस पर क्या आपदा या आफ़त आएगी

आ बला गले पड़ नहीं पड़ती तो भी पड़

मुसीबत को आमंत्रित करना

आ बला गले पड़ नहीं पड़ती तो भी पड़

मुसीबत को आमंत्रित करना

पल्ले नहीं पड़ता

वसूल नहीं होता, हाथ नहीं आता

आगे जो क़दम रखता हूँ पीछे पड़ता है

छोड़कर जाने को दिल नहीं चाहता

कुछ करते धरते बन नहीं पड़ता

۔عاجز ہونے کے لئے مستعمل ہیں۔ یعینی سمجھ میں نہیں آتا کہ کیاکریں۔

चाँद पर ख़ाक नहीं पड़ती

जब कोई किसी निष्कलंक को दोष के साथ दोषी ठहराए तो कहावत है, अच्छे बुरे नहीं हो सकते, अच्छों को दोष नहीं लग सकता, प्रतिभा छुपाई नहीं छुपती

आदमी को आदमी से सौ दफ़'आ काम पड़ता है

जब कोई किसी का काम करने से बचे तो उसे मनाने के लिए कहते हैं कि मनुष्य ही मनुष्य के काम आता है

वक़्त पर सब कुछ करना पड़ता है

जब मौक़ा आ जाए और ज़रूरत पड़ जाए तो जो कुछ हो सकता हो करना चाहिए, मजबूरी में हर काम करना ही पड़ता है

काैआ टर टराता ही है , धान पकते ही हैं

को्वा तिलमिलाता ही रहता है मगर धान पक्के बगै़र नहीं रहते, दुश्मन के बुरा चाहने से बुरा नहिं होता

वक़्त पर गधे को बाप बनाना पड़ता है

मुसीबत या ज़रूरत के समय घटिया से घटिया और छोटे से छोटे की ख़ुशामद करना पड़ती है

कुछ करते धरते बन नहीं पड़ती

۔عاجز ہونے کے لئے مستعمل ہیں۔ یعینی سمجھ میں نہیں آتا کہ کیاکریں۔

जवानी में क्या पत्थर पड़ते थे जो बुढ़ापे को रोऊँ

सदा से यही हाल है

जफ़ा कफ़ा तो राजाओं पर पड़ती आई है

تکلیف اور مصیبت سے بڑے آدمی نہیں بچتے .

करते धरते बन नहीं पड़ती

۔کچھ کام نہیں ہوسکتا۔ کچھ کرتے بن نہیں پڑتا۔ ماں بے چاری عجیب مشل میں تھی کچھ کرتے دھرتے بن نہ آتی تھی۔

ज़रूरत के वक़्त गधे को भी बाप बनाना पड़ता है

विवशता में हर किसी की चापलूसी करनी पड़ती है, लाचारी की स्थिति में आदमी को सब कुछ करना पड़ता है, विवशता के समय अपने से निम्न व्यक्ति की भी चापलूसी करना पड़ती है

आदमी पर जैसी पड़ती है वैसा सहता है

फ़ारसी की प्रसिद्ध पंक्ति: बरसर-ए-फ़र्ज़ंद आदम हर चे आयद बगुज़रद का अनुवाद उर्दू में प्रयुक्त

चाँद पर ख़ाक डालने से नहीं पड़ती

जब कोई किसी निष्कलंक को दोष के साथ दोषी ठहराए तो कहावत है, अच्छे बुरे नहीं हो सकते, अच्छों को दोष नहीं लग सकता, प्रतिभा छुपाई नहीं छुपती

ग़रज़ के लिए गधे को बाप बनाना पड़ता है

ज़रूरतमंद को मतलबी की भी ख़ुशामद करनी पड़ती है, ज़रूरतमंद को अपमानजनक काम करना पड़ता है

सर का बोझ पाँव पर पड़ता है

हर चीज़ अपनी असल की तरफ़ पलटी है, अपनों का फ़िक्र अपनों ही को होता है

गुड़ भरा हँसिया, न निगलते बन पड़ता है न उगलते

हर तरह मुश्किल है न करते बनती है न छोड़ते

घोड़े की हँसी और बालक का दुख जान नहीं पड़ता

घोड़े की हँसी और बच्चे की तकलीफ़ मा'लूम नहीं होती क्यूँकि ये बता नहीं सकते

चाँद पर ख़ाक डालने से अपने मुँह पर पड़ती हे

रुक : चांद पर (का) थोका मुंह पर आता है

दुधार गाय की दो लातें भी पड़ती हैं

लाभ पहुँचाने वाले की घुड़कियाँ भी सही जाती हैं, काम करने वाले या कमाऊ व्यक्ति की दो कड़वी बातें भी सही जाती हैं

पाएँचे से निकली पड़ती है

۔ (عو) غصے کے مارے آپے سے باہر ہوئی جاتی ہے۔

जो ख़ुदा सर पर दो सींग दे तो वो भी सहने पड़ते हैं

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

सूझ नहीं पड़ता

दिखाई नहीं देता, नज़र नहीं आता

जो ख़ुदा सर पर सींग दे तो वो भी सहने जाते हैं

ईश्वर की डाली मुसीबत सहनी पड़ती है, ईश्वर का दिया कष्ट भी स्वीकार है, ईश्वरेच्छा पर सहमत होना चाहिए

जो ख़ुदा सर पर सींग दे तो वो भी सहने पड़ते हैं

जो परेशानी आए उसे झेलना पड़ता है, ईश्वर की इच्छा पर सहमत होना बहुत अच्छी बात है

दुधार गाय की दो लातें भी सहनी पड़ती हैं

लाभ पहुँचाने वाले की घुड़कियाँ भी सही जाती हैं, काम करने वाले या कमाऊ व्यक्ति की दो कड़वी बातें भी सही जाती हैं

गोद लेते गिरा पड़ता है

ख़ातिरदारी के बावजूद सीधा नहीं होता

कहीं पाँ रखते हैं कहीं पड़ता है

होश-ओ-हवास ठिकाने नहीं, नशा या ज़ोफ़ से ये हालत है कि हर क़दम पर लुढ़कते फिरते हैं

कहीं पाँव रखते हैं कहीं पड़ता है

۔ نشہ یا ضعف سے یہ حالت ہے کہ ہر قدم پر لڑکھڑاتے ہیں اور گرے جاتے ہیں۔ ؎

मुँह से राल टपकी पड़ती है

बहुत लालची आदमी है

क्या काँटों में हाथ पड़ता है

क्या ऐब लगता है, क्या नुक़्सान होता है

घर पड़ती

हर घर में, हर मकान में

पोते पड़ोते

پوتا،پر پوتا یا اس کی اولاد ، اولاد کی اولاد .

आँखें फटी पड़ती हैं

सिर या आँखों में गंभीर का दर्द है

काम दूल्हा दुल्हन ही से पड़ता है

आपस का मामा आपस ही में तै होजाता है

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पड़ता

आर्थिक दृष्टि से आय-व्यय आदि का औसत या माध्यम

पड़ती

कोई ऐसी खाली पड़ी हुई जमीन जो कभी जोती-बोई तो न गई हो, मगर प्रयत्नपूर्वक खेतीवाड़ी के योग्य बनाई जा सकती हो

पड़ता

رک : پڑتا (۱).

पकता

पकाने वाला

पकती

पकने की क्रिया या भाव

पकौटा

پکھ (رک) کی تصغیر.

पड़ौता

पोते का बेटा

पड़ौती

बंजर (भूमी), वो खेत जिसमें कभी-कभी काशत हो

पड़ती पड़ना

भुमि का बंजर होना, खराब हो जाना या उत्पादन के योग्य न रहना

पड़ता पड़ना

(ठग्गी) वारदात की कोई चीज़ पहचानी जाना

पड़ता माल गुज़ारी

राजस्व की पर्याप्त राशि, मालगुज़ारी की वह रक़म जिस की दर निर्धारित की जा सके

पड़ता डालना

रुक : पड़त फैलाना, हिस्सा रसदी तक़सीम करना, औसत निकालना

पड़ता खाना

बिक्री-मूल्य इस अनुपात में निर्धारित करना कि कुछ लाभ सुनिश्चित हो

पड़ता बैठना

पड़ता बैठाना (रुक) का लाज़िम

पड़ता फैलाना

इस बात का हिसाब या अंदाज़ा लगाना कि फ़ी बीघा लगान कितना पड़ता है

पड़ता बिठाना

गणना करना, अलुमान लगाना, पड़ता फैलाना

डेढ़ चावल अपने जुदा ही पकाते हैं

सब से अलग काम करते हैं, किसी से सहमति नहीं रखते

गीदड़ के कहने से बेर नहीं पकते

nothing works out in a way one's wishes it to work out

ग़ज़ब में पड़ता

۱. क़हर का निशान बनना, मातूब होना

बहुत मिठाई में कीड़े पड़ते हैं

ज़्यादा मेल-जोल होने से ख़राब परिणाम निकलता है

पुराने चावल खिल के पकते हैं

(शाब्दिक) पुराने चावलों की ख़ूबी, (लाक्षणिक) बूढ़े लोगों के अनुभनी होने की समर्थन में बोलते हैं

कोढ़ी के जूँ नहीं पड़ती

मरे हुए को कोई नहीं मारता, जो स्वयं दुखियारा है उस पर क्या आपदा या आफ़त आएगी

आ बला गले पड़ नहीं पड़ती तो भी पड़

मुसीबत को आमंत्रित करना

आ बला गले पड़ नहीं पड़ती तो भी पड़

मुसीबत को आमंत्रित करना

पल्ले नहीं पड़ता

वसूल नहीं होता, हाथ नहीं आता

आगे जो क़दम रखता हूँ पीछे पड़ता है

छोड़कर जाने को दिल नहीं चाहता

कुछ करते धरते बन नहीं पड़ता

۔عاجز ہونے کے لئے مستعمل ہیں۔ یعینی سمجھ میں نہیں آتا کہ کیاکریں۔

चाँद पर ख़ाक नहीं पड़ती

जब कोई किसी निष्कलंक को दोष के साथ दोषी ठहराए तो कहावत है, अच्छे बुरे नहीं हो सकते, अच्छों को दोष नहीं लग सकता, प्रतिभा छुपाई नहीं छुपती

आदमी को आदमी से सौ दफ़'आ काम पड़ता है

जब कोई किसी का काम करने से बचे तो उसे मनाने के लिए कहते हैं कि मनुष्य ही मनुष्य के काम आता है

वक़्त पर सब कुछ करना पड़ता है

जब मौक़ा आ जाए और ज़रूरत पड़ जाए तो जो कुछ हो सकता हो करना चाहिए, मजबूरी में हर काम करना ही पड़ता है

काैआ टर टराता ही है , धान पकते ही हैं

को्वा तिलमिलाता ही रहता है मगर धान पक्के बगै़र नहीं रहते, दुश्मन के बुरा चाहने से बुरा नहिं होता

वक़्त पर गधे को बाप बनाना पड़ता है

मुसीबत या ज़रूरत के समय घटिया से घटिया और छोटे से छोटे की ख़ुशामद करना पड़ती है

कुछ करते धरते बन नहीं पड़ती

۔عاجز ہونے کے لئے مستعمل ہیں۔ یعینی سمجھ میں نہیں آتا کہ کیاکریں۔

जवानी में क्या पत्थर पड़ते थे जो बुढ़ापे को रोऊँ

सदा से यही हाल है

जफ़ा कफ़ा तो राजाओं पर पड़ती आई है

تکلیف اور مصیبت سے بڑے آدمی نہیں بچتے .

करते धरते बन नहीं पड़ती

۔کچھ کام نہیں ہوسکتا۔ کچھ کرتے بن نہیں پڑتا۔ ماں بے چاری عجیب مشل میں تھی کچھ کرتے دھرتے بن نہ آتی تھی۔

ज़रूरत के वक़्त गधे को भी बाप बनाना पड़ता है

विवशता में हर किसी की चापलूसी करनी पड़ती है, लाचारी की स्थिति में आदमी को सब कुछ करना पड़ता है, विवशता के समय अपने से निम्न व्यक्ति की भी चापलूसी करना पड़ती है

आदमी पर जैसी पड़ती है वैसा सहता है

फ़ारसी की प्रसिद्ध पंक्ति: बरसर-ए-फ़र्ज़ंद आदम हर चे आयद बगुज़रद का अनुवाद उर्दू में प्रयुक्त

चाँद पर ख़ाक डालने से नहीं पड़ती

जब कोई किसी निष्कलंक को दोष के साथ दोषी ठहराए तो कहावत है, अच्छे बुरे नहीं हो सकते, अच्छों को दोष नहीं लग सकता, प्रतिभा छुपाई नहीं छुपती

ग़रज़ के लिए गधे को बाप बनाना पड़ता है

ज़रूरतमंद को मतलबी की भी ख़ुशामद करनी पड़ती है, ज़रूरतमंद को अपमानजनक काम करना पड़ता है

सर का बोझ पाँव पर पड़ता है

हर चीज़ अपनी असल की तरफ़ पलटी है, अपनों का फ़िक्र अपनों ही को होता है

गुड़ भरा हँसिया, न निगलते बन पड़ता है न उगलते

हर तरह मुश्किल है न करते बनती है न छोड़ते

घोड़े की हँसी और बालक का दुख जान नहीं पड़ता

घोड़े की हँसी और बच्चे की तकलीफ़ मा'लूम नहीं होती क्यूँकि ये बता नहीं सकते

चाँद पर ख़ाक डालने से अपने मुँह पर पड़ती हे

रुक : चांद पर (का) थोका मुंह पर आता है

दुधार गाय की दो लातें भी पड़ती हैं

लाभ पहुँचाने वाले की घुड़कियाँ भी सही जाती हैं, काम करने वाले या कमाऊ व्यक्ति की दो कड़वी बातें भी सही जाती हैं

पाएँचे से निकली पड़ती है

۔ (عو) غصے کے مارے آپے سے باہر ہوئی جاتی ہے۔

जो ख़ुदा सर पर दो सींग दे तो वो भी सहने पड़ते हैं

जो कष्ट आए वो झेलना ही पड़ता है, ईश्वर की प्रसन्नता में प्रसन्न रहना अच्छी बात है

सूझ नहीं पड़ता

दिखाई नहीं देता, नज़र नहीं आता

जो ख़ुदा सर पर सींग दे तो वो भी सहने जाते हैं

ईश्वर की डाली मुसीबत सहनी पड़ती है, ईश्वर का दिया कष्ट भी स्वीकार है, ईश्वरेच्छा पर सहमत होना चाहिए

जो ख़ुदा सर पर सींग दे तो वो भी सहने पड़ते हैं

जो परेशानी आए उसे झेलना पड़ता है, ईश्वर की इच्छा पर सहमत होना बहुत अच्छी बात है

दुधार गाय की दो लातें भी सहनी पड़ती हैं

लाभ पहुँचाने वाले की घुड़कियाँ भी सही जाती हैं, काम करने वाले या कमाऊ व्यक्ति की दो कड़वी बातें भी सही जाती हैं

गोद लेते गिरा पड़ता है

ख़ातिरदारी के बावजूद सीधा नहीं होता

कहीं पाँ रखते हैं कहीं पड़ता है

होश-ओ-हवास ठिकाने नहीं, नशा या ज़ोफ़ से ये हालत है कि हर क़दम पर लुढ़कते फिरते हैं

कहीं पाँव रखते हैं कहीं पड़ता है

۔ نشہ یا ضعف سے یہ حالت ہے کہ ہر قدم پر لڑکھڑاتے ہیں اور گرے جاتے ہیں۔ ؎

मुँह से राल टपकी पड़ती है

बहुत लालची आदमी है

क्या काँटों में हाथ पड़ता है

क्या ऐब लगता है, क्या नुक़्सान होता है

घर पड़ती

हर घर में, हर मकान में

पोते पड़ोते

پوتا،پر پوتا یا اس کی اولاد ، اولاد کی اولاد .

आँखें फटी पड़ती हैं

सिर या आँखों में गंभीर का दर्द है

काम दूल्हा दुल्हन ही से पड़ता है

आपस का मामा आपस ही में तै होजाता है

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