"रेखागणित" टैग से संबंधित शब्द
"रेखागणित" से संबंधित उर्दू शब्द, परिभाषाओं, विवरणों, व्याख्याओं और वर्गीकरणों की सूची
अज्साम
दो से अधिक (पशु, वनस्पति, कोशिकीय या आकाशीय) शरीर
अब'आद-ए-सलासा
(हिंदसा) जिस्म के तीनों अतराफ़, तूल अर्ज़ और उमुक़
अर्ब'ई
(हिंदसा) जिस्म सही की छः किस्मों में से एक, वो जिस्म जिस को चार सतह मसल्स मुतसावी अलाज़िलाइ अहाता किए हूँ
इक्लील
(उक़्लीदस) महिराबी या मसल्स ख़त
इमदादी-ज़ाविया
(हिंदसा) वो ज़ावीया जो किसी सवाल को हल करने के लिए बनाया जाये
'इमाद
ज्यामिति: वो सीधी रेखा जो एक महास के पूर्ण बिंदु में से गुज़रे और इसपर संरेखित हो
इर्तिफ़ा'
वह रेखा जो आधार से स्पर्शरेखा की बिंदु तक लंबवत खींची गई रेखा
क़त'-ए-दाइरा
(ज्यामिति) एक वृत्त का खंड
क़त'-ए-नाक़िस
(हिंदसा) वो हिन्दसी शक्ल जो मख़रूत को तिर्छा तराशने से पैदा होती है, अण्डाकार आकृति
क़ुत्ब
पृथ्वी का धुरा, ध्रुव, एक तारा जो अपने स्थान पर स्थिर रहता है, ध्रुव तारा, एक प्रकार के मुसलमान ऋषि जिनके सिपुर्द कोई बड़ा इलाक़ा होता है
क़ुत्बी-ख़त
(हिंदसा) वो ख़त-ए-मुनहनी जो क़ुतब-ए-शिमाली या क़ुतब-ए-जुनूबी से एक मुक़र्ररा निसबत रखता हो
क़ुतरी
(तबीअयात) किनारे की जानिब, शुवाई तर्तीब से, शुवाओं के या निस्फ़ क़ुतर के ख़तों की मिसल, इशआई
क़र्न
एक के बाद दूसरा गिरोह नीज़ नसल
कसीर-उल-अज़्ला'
(संख्या) वह क्षेत्र जिसमें बहुत सी भुजाएँ हों, बहुभुज क्षेत्र
क़ाइमुज़्ज़ाविया
(उक़्लीदस) नव्वे (९०) दर्जे का ज़वाया, ज़ावी-ए-क़ायमा, वो मसल्स जिस का एक ज़ावीया क़ायमा हो
काना-ख़त
(हिंदसा) वलकीर जिस में मुसत्तह मुस्तवी ना गुज़र सके, टेढ़ा, तिर्छा
क़ित'अ-ए-दाइरा
रुक : क़ता दायरा, (उक़्लीदस) दायरे का वो हिस्सा जो वित्र या किसी क़ौस से मुहीत हो
ख़त
किसी चीज़ की सतह पर निशान या चिह्न, खरोंच, बद्धी अर्थात बाँधने की कोई चीज़
खेत
खेत में खड़ी हुई फसल, बुआई वाली धरती, खेत में उगी हुई चीज़, खेती, चौड़ा मैदान,
ख़त-ए-'उमूदी
लंबवत रेखा, सीधा लकीर, वह खड़ी रेखा जो किसी पड़ी रेखा पर गिरकर 90 अंश का कोण बनाये, वह खड़ी लकीर जो ऊपर से नीचे खींची जाए और बराबर के दो कोण पैदा करें
ख़त-ए-मफ़रूश
(हिन्दसा) क़ायदा, आड़ी लकीर जो बिछी हुई शक्ल में हो
ख़त-कश
चपटी लकड़ी लोहा या प्लास्टिक का एक उपकरण या औज़ार जिस के सहारे से सीधी सीधी लकीरें खींचते हैं
ख़त्त-ए-मुतवाज़ी
वह रेखा जो दूसरी रेखा से बराबर अंतर पर हो, समानांतर रेखा
ख़ुतूत-ए-मुतवाज़ी
(हिंदसा) ऐसी दो लकीरें जिन का दरमयानी फ़ासिला पर जगह बराबर हो और जिन को इन की सीध में जहां तक चाहें बढ़ाते चले जाएं मगर वो आपस में ना मिलें
ख़त्त-ए-मुन्हनी
टेढ़ी रेखा, टेढ़ी लकीर, बारीक या सुक्ष्म रेखा
ख़त्त-ए-मुमास
संपात रेखा, वो रेखा जो दायरे को छुए मगर उस काटे न
ख़ारिज करना
۔۱۔निकालना। बाहर करना। जुदा करना। अलैहदा करना। २।(क़ानून) मुक़द्दमा डिसमिस करना। दरख़ास्त नामंज़ूर करना
चहार-ज़ाविया
(हिंदसा) वो शक्ल जो चार ज़ावियों पर मुश्तमिल हो, तरबीअएह
जया
अरणी, जयंती तथा शमी के वृक्षों | की संज्ञा।
ज़ाविया
ख़लवतगाह, गोशा, कुंज-ए-तनहाई
तक़लीब
(हयानियात) (कीड़ों वग़ैरा का) रूप बदलना
तशाकुल
(नबातीयात) मस्नद गुल की तादाद का बराबर या मुतनासिब होना, मौज़ूनियत
देखत भूली जाली
(इलम-ए-हिंदिस) कई शक्लों के जोड़ और तर्तीब से बनाई हुई ऐस हेरफेर की जाली जिन के ख़ुतूत का सिलसिला आसानी से नज़र में ना जमे और निशान पर से निगाह चूओक जाये
दो बाज़ू बराबर
किसी आकार के दो विपरीत पक्ष बराबर होना जैसे आयत
नुक़्ता
(तसव्वुफ़) ज़ात इबहत और मर्तबा-ए- सल्ब इसफ़ात को कहते हैं जो मुनक़ते अलाशारा है और इस को नुक्ता-ए-ज़ात कहते हैं कि नुक्ता-ए- बाइ बिसमिल्लाह से ज़ात मुराद लेते हैं
नुक़्ता-ए-तमास
(नबातीयात (पौदे में दो ख़लीयों को मिलाने वाला नुक़्ता जहां ज़वाजों से मिलाप कर के जोग बज़र्रा तैय्यार होता है उन के तमास पर की दीवार के जज़ब होजाने पर एक छोटी सी संजोग नली बनती है
नुक़्ता-ए-मुमास
(उक़्लीदस) सतह को एक नुक़्ते पर छूने वाला (ख़त) जो मतिका ता ना हो, ख़त-ए-तक़सीस, जो किसी क़ौस या ख़म या सतह को छूता हो, रुक:नुक़्ता तमास
नुक़ात-तमास
(संख्या) दो रेखाओं का आपस में एक बिंदु पर मिलना
नाक़िस
जिसमें अपूर्णता या त्रुटि हो।
निस्फ़-क़ुतर
(उक़्लीदस) ख़त जो दायरे के मर्कज़ से निकल कर मुहीत दायरे तक पहुंचे, दायरे के मर्कज़ से इस के मुहीत तक का फ़ासिला
निस्फ़-दाइरा
अर्द्धवृत्त, अर्ध गोला, एक वृत्त का आधा भाग
निस्फ़-दौर
(उक़्लीदस) मुहीत का निस्फ़, किसी दायरे के गर्द का आधा हिस्सा, किसी गर्दिश फ़लकी का आधा हिस्सा
पैमाइश
नापने या मापने की क्रिया, भू-सर्वेक्षण के लिए की जाने वाली भवनों, खेतों, ज़मीनों आदि का नाप
फ़स्ला
(हिंदसा) नुक़्ता-ए-तक़ातो से इस अमूद का फ़ासिला जो दो अली अलक़वाइम ख़ुतूत में से किसी एक पर एक नुक़्ते से गिराया जाये
बरपेचा
(रेखागणित)) वह वक्र जिसकी स्पर्श रेखा दूसरे वक्र का आधार हो
बर-पेचा
वो मुनहनी जिस का मुमास दूसरे मुनहनी का इमादा हो
भुजा
(हिंदसा) क़ायम इलिज़ा व्य मसल्स का सब से छोटा ज़िला
मु'अद्दिल
(तिब्ब) अख़्लात को एतिदाल पर लाने वाला
मक़तू'
(उक़्लीदस)
ख़त या ज़िला जो काटा या क़ता किया गया हो
मकर
मगर या घड़ियाल नामक प्रसिद्ध जल-जंतु जो कामदेव की ध्वजा का चिह्न और गंगा जी तथा वरुण का वाहन माना गया है।
मक़लूब
(उक़्लीदस) मर्कज़ या नुक़्ते से वापिस लौटा हुआ ख़त
मुका'अब
वो मुजस्सम शक्ल जिस की छः मुरब्बा-ओ-मुतवाज़ी सतुवा हूँ
मुख़म्मस
जिसमें पाँच कोने या अंग हों
मुज़ल्लल
साया किया गया, जिस पर साया किया जाये, साया डाला हुआ, सायादार
मुजस्सम
भारी, बोझिल, मोटा, मोटा-ताज़ा, भारी-भरकम शरीर वाला
मुतबादिला
रुक : मुतबादिल , (उक़्लीदस) दो ख़ुतूत-ए-मुतवाज़ी पर गिरे हुए तीसरे ख़त के दोनों तरफ़ के दाख़िली ज़ावीए बशर्तिके वो मतसला ना हूँ
मुंतबिक़
मुताबिक़ किया गया, उचित या चिपका हुआ
मुतम्मिम
समांतर चतुर्भुज का स्तर जो समांतर चतुर्भुज के स्तर को पूरा करता है, पूरक कहलाता है
मुतवाज़ी
एक-दूसरे के बराबर चलने वाला, एक-दूसरे से बराबर अन्तर रखनेवाला, वह रेखा जो किसी रेखा के बराबर अन्तर पर चले, समानान्तर
मुतवाज़ी-उल-अज़ला'
वो चोकोन जिस के मुक़ाबिल के अज़ला मुतवाज़ी हूँ , खेत बराबर कौन
मुतस्सा'
(उक़्लीदस) ऐसी शक्ल जिस के नौ अज़ला हूँ
मुतसाविउस्साक़ैन
वह त्रिभुज जिसकी दोनों भुजाएँ बराबर हों, समद्विवाहुक त्रिभुज
मुतसावियुल-अज़ला'
त्रिभुज जिसकी भुजाएँ समान हों
मुदव्वरी
(तसव्वुफ़) सर, कासा-ए- सर, खोपड़ी
मुनहनी
टेढ़ा, तिर्छा, झुका हुआ, कुबड़ा
मुनहनी-ख़त
टेढ़ी लकीर; (रेखागणित) धनुष के आकर की रेखा, टेढ़ी लकीर
मुनहरिफ़
विमुख, बरगश्तः, अवज्ञाकारी, नाफ़र्मान, सरकश, फिरा हुआ, भटका हुआ, विकृत व्यवहार करने वाला, विद्रोही, बाग़ी, टेढ़ा, तिर्छा हो जाने वाला, तिर्छा,
मुंफ़रिजा
चौड़ा, चकला, वह कोण जो ९० अंश से अधिक हो, अधिक कोण।
मुमास
छूने वाला, छूता हुआ, प्रतीकात्मक: लगा हुआ, क़रीब, मिला हुआ
मुमास्सा
गणित में वह सीधी रेखा जो किसी वृत्त की परिधि के किसी एक विंदु को स्पर्श करती हुई खींची जाए, जैसे: में क, ख, ग अर्धवृत्त है, च और उसके खविंदु को स्पर्श करती हुई जो घ च रेखा है, वह रेखा स्पर्शरेखा कही जाती है
मुमासी
मुमास (रुक) से मंसूब, मुमास का , (हिंदसा) दायरे, सतह वग़ैरा को सिर्फ़ एक नुक़्ते पर छूने वाला (ख़त)
मरकज़
किसी चीज़ का बीच का हिस्सा, बीचों-बीच, बिल्कुल मध्य में, बीच का, मध्य, केंद्रीय भाग
मुरत्तब
तैयार किया या बनाया हुआ। प्रस्तुत किया हुआ। संपा दित।
मुरब्बा'
वह समकोण चतुर्भुज जिसकी सब रेखाएँ बराबर हों, वर्गाकार, चौखटा, चौकोर ठोस जिसके चारों कोण समान हों और चारों कोण स्थायी हों.(गणित)
मैलान
आकर्षण, प्रवृत्ति या रुचि, पड़ाव, ढलवां होना, ढाल, तवज्जोह
मुस्तक़ीम-उल-अज़ला'
वह शक्ल जिसकी सब रेखाएँ सीधी हों, सरल रेखाओं वाला
मुसत्तहात
(रेखागणित) उन तत्वों की ज्ञान जो बिना गहराई के आयाम तथा लंबाई और चौड़ाई रखता हो
मुस्तवी
(मामारी) ऐसे तर्ज़ तामीर से मुताल्लिक़ जो डाटदार या महिराबी तर्ज़ से मुख़्तलिफ़ हो (Trabeata)
मुस्तवी-तराश
(इलम-ए-हिंदिस) कर्राह की सतह को एक दायरा पर क़ता करना, किसी मुहीत के क़ुतर को दो इंतिहाई नुक़्तों के मर्कज़ से क़ता करना
मुसद्दस
शायरी में 6 पक्तियों वाला काव्य
मुसद्दस-सहीह
(ज्यामिति) वृत्त के अंदर की वो आकृति जिसके छः भाग करके सीधी रेखाओं से मिला दें
मुसब्बा'
(शायरी) वो नज़म जिस के हर बंद में सात मिसरे हूँ
मुसल्लस
त्रिकोण, त्रिभुज, तीन कोनों वाला, तिकोना, तीन पंक्तियों वाली कविता, एक पकार की शराब जो सुद्ध करने के बाद एक तिहाई रह जाती है, मशक, संदल और काफ़ूर से मिश्रित एक ख़ुशबू
मुसल्लस मुख़्तलिफ़-उल-अज़ला'
वो त्रिकोण जिसकी तीनों रेखाएं आपस में बराबर न हों, विषमबाहु त्रिकोण
मुसल्लस मुतसावी-उल-अज़्ला'
वह त्रिभुज जिसके तीनों कोने आपस में समान हों
मुसल्लस हाद्दुज़-ज़ाविया
वह त्रिभुज जिसका हर कोण नब्बे डिग्री के अंश से कम हो
मुसल्लस-कुरवी
(ज्यामिति) वह त्रिभुज जो तीन बड़े घेरों (जो एक दूसरे को काटते हों) के धनुषाकार से बन जाए
मुसल्लस-क़ाइमुज़्ज़ाविया
(उक़्लीदस) वो मसल्स जिस का एक ज़ावीया क़ायमा हो
मुसल्लस-मुतसाविउस्साक़ैन
(उक़्लीदस) वो मसल्स जिस के दो ज़िले आपस में बराबर हूँ
मुसल्लस-मुंफ़रिजुज़-ज़ाविया
(उक़्लीदस) वो मसल्स जिस में एक ज़ावीया क़ायमा से बड़ा हो
मुसावियुल-अज़ला'
वह शक्ल जिसकी सब भुजाएँ बराबर हों, समभुज क्षेत्र
मुहीत
(तशरीह) किसी उज़ू को घेरने वाला अज़ला
मासिका
(इल्म-ए-हिंदसा) साबित नुक़्ता
मौज़ू'
(लाक्षणिक) (किसी काम के लिए) बना हुआ, ठहराया हुआ
यक़ीनियात
वास्तविकता, तथ्य, सत्य, निश्चितता
वतर
प्रत्यंचा, धनुष की डोरी, बाजे को तार ।
वतर-ख़ास
(हिंदसा) वो दुगना मुईन मासिका (साबित नुक़्ता (स)) में से गुज़रता है, मोतदिल (अंग : Letus rectum)
वदन
शरीर पर बनाए जाने वाले तिलक आदि चिह
वर्टेक्स
(हिंदसा) वो नुक़्ता जहां दो ख़ुतूत के मिलने से ज़ावीया बने, रासी नुक़्ता (Vertex)
वसतानिया
(शुमारियात) मालूमा सिलसिले में दरमयानी अदद या क़ीमत
शक्ल-ए-बैज़वी
(गणित) अंडे की तरह का कोई ख़ाका
शक्ल-ए-मामूनी
(उक़्लीदस) पहले मक़ाले की पांचवीं शक्ल, ये शक्ल ख़लीफ़ा मामून अलरशीद को इस क़दर पसंद थी कि वो अपनी पोशाक पर इस को बनवाता था
शक्ल-ए-हिमारी
(उक़्लीदस) पहले मक़ाले के बीसवीं शक्ल जिस से ये साबित होता है कि मसल्स के कोई दो ज़िले तीसरे से बड़े होते हैं (ये इतनी आसान है कि अगर किसी की समझ में ना आए तो वो निहायत अहमक़ है
शबीह-बकुरा
(उक़्लीदस) बैज़वी शक्ल का जिस्म
सत्ह
किसी वस्तु का ऊपरी भाग या विस्तार, बाहर या ऊपर का फैलाव, स्तर, समतल, तल, (लेबिल) जैसे जमीन या समुद्र की सतह, जैसे- सत्हे आब, जलतल, पटल, दर्जा, हैसियत, छत, फ़र्श, परत
सत्ह-ए-तज़्लील
(ज्यामिति) एक बिंदु से सीधी रेखाएँ खींचना जो किसी कल्पित या दिए गए आकार के प्रत्येक बिंदु से होकर गुजरती है और एक सतह को प्रतिच्छेद करती है और इस प्रकार एक विपरीत आकृति बनाती है
सत्ह-ए-मुस्तवी
सत्हे हमवार, सत्हे बराबर, समतल
साक़
टख़ने से घुटने तक का हिस्सा, पिंडली, डंडी, डंठल जिस की जड़ ज़मीन में हो, चप्पल
हाद्दा
(शाब्दिक) सिकुड़ा हुआ, तंग, संकुचित