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आज-आज

(समय) आज का दिन, रोज़, जो गुज़र रहा है, गुज़रती हुई घड़ियाँ (अधिकतर शब्द जार या अलिफ़ के साथ)

'आज

हाथीदांत, हस्तिदंत, हाथी के दांत से बनी हुई कोई चीज़

आज

वर्तमान दिन, आज का बीतता हुआ दिन, आज, आज का दिन, उपस्थित, वर्तमान समय, मौजूदा लम्हा, मौजूदा दिन, मौजूदा ज़माना, रोज़ जो गुज़र रहा है

आज आज का बिच्छू कल का साँप

जो अब थोड़ा हानि पहुँचा सकता है वह आने वाले कल में अधिक हानि भी पहुँचा सकता है, यह बच्चु मियाँ नहीं बिच्छू मियाँ है

आज कूँ

आज, ऐसे अवसर पर, ऐसे दिनों में (अक्सर पछतावा एवं इच्छा के अवसर पर प्रयुक्त)

आज से

हाल में, फ़िलहाल, वर्तमान में

आज को

आज, ऐसे अवसर पर, ऐसे दिनों में (अक्सर पछतावा एवं इच्छा के अवसर पर प्रयुक्त)

आज की

आज के

आज का

नया, जदीद, वर्तमान का

आज की आज, आज की बरस दिन में

जो अब हाल या दशा है वही वर्ष दिन बाद होगा

'आज-बर

वो जिस का जिस्म हाथी दांत की तरह सफ़ेद हो, सुन्दर, साफ़ सुथरा

'आज-ए-दंदाँ

संग-ए-'आज

हाथी का दाँत, यह पत्थर हाथी के दाँत की तरह सफ़ेद होता है कुछ के विचार में 'संग-ए-जराहत' को कहते हैं, औषधियों में प्रयोग होता है

आज-तक

तख़्त-ए-'आज

बुरादा-ए-'आज

हाथी-दाँत का बुरादा जो दवा में चलता है।

आज नहीं कल

टाल मटोल करना

आज के आज और सौ बरस में

जो बात होने वाली है ज़रूर होगी, आज ना हो सौ बरस में हो लेकिन होगी ज़रूर

आज के थपे आज ही नहीं जलते

आज के थापे उपले आज ही नहीं जलते अर्थात उन्हें सूखने में समय लगता है

आज कल में

बहुत जल्द, दो-एक दिन में, इसी ज़माने में

आज के रोज़

आज, इन दिनों

आज का काम आज ही करना चाहिए

जो काम आज करने का है उसे दूसरे समय पर उठा नहीं रखना चाहिए

आज कल से

चंद रोज़ से, कुछ ज़माने से, अब से

कुछ आज से नहीं

हमेशा से, प्राचीन काल से

आज गए कल आए

कुछ दिनों की बात है, ज़्यादा वक़्त नहीं लगा या नहीं लगता, चंद रोज़ की बात है, जल्द वापस आने के अवसर पर पर्युक्त

आज मैं, कल तू

आज मेरी बारी है तो कल तुम्हारी, चेतावनी के तौर पर मृत्यु से संबंधित कहते हैं कि वह अवश्य आएगी अर्थात सबको एक दिन इस संसार से जाना है

आज से कल नज़दीक है

आज के बाद कल ही आएगा अथवा कल आते क्या देर लगती है, जल्दी ही परिणाम आ जाएगा

आज किधर चाँद निकला

आज किधर आ निकले, क़रीब होने या रहने की बावजूद बहुत दिनों में मिलने और चेहरा दिखाने वाले व्यक्ति के लिए शिकायत के तौर पर प्रयुक्त

आज है सो कल नहीं

दिन प्रतिदिन बरबादी है, बुरा समय आता जाता है, संसार परिवर्तनशील है, जो स्थिति आज है वह कल नहीं होगी

आज किधर से चाँद निकला

आज किधर आ निकले, क़रीब होने या रहने के बावजूद बहुत दिनों में मिलने और चेहरा दिखाने वाले व्यक्ति के लिए शिकायत के तौर पर प्रयुक्त, आज किधर का चाँद निकला

आज से कल करना

देर लगाना, टालना, झूठा वादा करके टालना, टालमटोल करना, आज-कल करना

आज आए कल चले

ठहराव अस्थायी है, स्थिरता नहीं

ज़बान आज खुली कल बंद

ज़िंदगी का कोई भरोसा नहीं

आज बसेरवा नियार कल बसेरवा दूर

आज जीवित कल मृत

आज मैं नहीं या वह नहीं

आज में अपनी जान दे दूँगा या उसकी (तुम्हारी) जान ले लूँगा (अत्यधिक क्रोध एवं शत्रुता के स्थान पर

आज नसीबों से हाथ लगे हो

क़िस्मत की ख़ूबी से आज मुलाक़ात होगई है

आज मुए कल दूसरा दिन

मृत्यु के बाद सब भूल जाएँगे, सब ज्यों के त्यों अपने अपने काम धंधे में लग जाएँगे

आज बरस के फिर न बरसूँ

बारिश की झड़ी लगी है, बराबर से जा रहा है

आज मैं हूँ और तुम हो

पूछ-ताछ और प्रतिकार के प्रयास में कोई कसर न छोड़ूँगा

'इज़्ज़त कल जाती आज जाए

आज मैं हूँ और वो है

पूछ-ताछ और प्रतिकार के प्रयास में कोई कसर न छोड़ूँगा

आज किधर का चाँद निकला

आज किधर आ निकले, क़रीब होने या रहने की बावजूद बहुत दिनों में मिलने और चेहरा दिखाने वाले व्यक्ति के लिए शिकायत के तौर पर प्रयुक्त

परसों मोई सासू आज क्यों आए आँसू

रुक : पर को मोय सासू आज क्यों आए आँसू

आज के बनिये कल के सेठ

युग की क्रांति है कि जो कल धनवान था वह आज निर्धन हो गया

आज करेगा कल पाएगा

जो जीवन में बुरा कार्य करेगा उसको पुनरुत्थान के दिन अवश्य दंडित किया जाएगा, जो ज़िंदगी में बुरा काम करेगा उसकी सज़ा क़यामत के दिन ज़रूर मिलेगी

आज सूरज किधर से निकला था

आज किधर भूल पड़ा

निकट होने या रहने के अतिरिक्त वर्षों में मिलने और चेहरा दिखाने वाले व्यक्ति के लिए निंदा के तौर पर प्रयुक्त

आज किधर भूल पड़े

निकट होने या रहने के अतिरिक्त वर्षों में मिलने और चेहरा दिखाने वाले व्यक्ति के लिए निंदा के तौर पर प्रयुक्त

आज हमारी कल तुम्हारी देखो लोगो फेरा-फारी

धन किसी व्यक्ति के पास सदा नहीं रहता, कभी किसी का और कभी किसी का, समय या युग बदलता रहता है, आज उन्नति तो कल अवनति

आज सुब्ह किस का मुँह देखा था

प्रातः काल को किस अशुभ का नाम मुँह से निकला था कि दिन भर भुखा रहना पड़ा

आज मरा कल दूसरा दिन

जीवन अविश्वसनीय और अस्थिर है, उम्र का क्या भरोसा

आज मरे कल दूसरा दिन

आज सुब्ह किस कंजूस का मुँह देखा था

प्रातःकाल को प्रथम बार किस अभागे का नाम मुँह से निकला था कि दिन भर भूखा रहना पड़ा

आज तक पड़े हींग हग रहे हैं

अभी तक दशा बिगड़ी हुई है, अब तक दुर्दशा है

आज सुब्ह किस कंजूस का नाम लिया था

प्रातःकाल को प्रथम बार किस अभागे का नाम मुँह से निकला था कि दिन भर भूखा रहना पड़ा

पर के मूई सासू , आज क्यों आए आँसू

गुज़री बातों का गला शिकवा करने या मुसीबत गुज़र जाने क बाद रंज-ओ-अलम करने के मौक़ा पर बोलते हैं

गाढ़ी छने गी आज किसी सब्ज़ा रंग से

भंग पीने वाले भंग पीते हुए गाते हैं , मुराद : ये कि माशूक़ से आज बहुत बेतकल्लुफ़ी होगी

आज ज़बान खुली है कल बंद है

जीवन का भरोसा नहीं अभी भले चंगे थे और अभी चल बसे (सीख दिलाने, जीवन पर भरोसा न करने और सच्चाई का विश्वास दिलाने के अवसर पर प्रयुकत)

आज चल के फिर न चलूँगी

हवा बहुत ज़ोर शोर से चल रही है, अंधियाव है, झुक्कड़ चल रहे हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में आज-आज के अर्थदेखिए

आज-आज

aaj-aajآج آج

वज़्न : 2121

आज-आज के हिंदी अर्थ

क्रिया-विशेषण

  • (समय) आज का दिन, रोज़, जो गुज़र रहा है, गुज़रती हुई घड़ियाँ (अधिकतर शब्द जार या अलिफ़ के साथ)

آج آج کے اردو معانی

فعل متعلق

  • ۱. صرف آج جیسے: آج آج اور ٹھہر جاؤ کل چلے جانا.

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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