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हाथों के न बातों के

बेक़ाबू, आपे से बाहर

न हाथों के , न बातों के

जो किसी की कही ना सुनता हो, ना मानता हो, ऐसे शख़्स के मुताल्लिक़ कहते हैं

बातों के क़ुर्बान

बातों के चिकने कामों के ख़्वार

बातें तो ख़ूब बनाता है परंतु करता कराता कुछ नहीं

ज़माने के हाथों

वक़्त के हाथों

समय के कारण, वक़्त की वजह से, ज़माने के गुज़रने से

घर के हुए न दर के

बातों के दफ़्तर खोलना

बातों के तोते उड़ाना

किसी बात को हँसी में नज़रअंदाज कर देना, टालना, सुन कर हँस देना और कुछ जवाब न देना

के हाथों

न ज़मीन के, न आसमान के

कहीं का ना रहना

फूँके के न फाँके के, टाँग उठा के तापे के

काम नहीं करता परंतु आराम चाहता है, स्वार्थी एवं सुस्त व्यक्ति के संबंध में कहते हैं

हाथों के तोते ऊड़ाना

हवासबाख़ता करना, बदहवास कर देना, हैरत-ज़दा कर देना

हाथों के मोर उड़ना

रुक : हाथों के तोते/ तोते उड़ जाना/उड़ना

हाथों के तोते उड़ना

हवासबाख़ता होजाना, बदहवास होजाना, हैरत-ज़दा हो जाना

हाथों के तोते उड़ाना

हवासबाख़ता करना, बदहवास कर देना, हैरत-ज़दा कर देना

हाथों के तोते उड़ाना

हवासबाख़ता करना, बदहवास कर देना, हैरत-ज़दा कर देना

फूकने के न फाँकने के , टाँग उठा के तापने के

ख़ुदग़रज़ की निसबत बोलते हैं

न गाय के थन न गोसाईं के भाँडा

दोनों मुफ़लिस क़ल्लाश हैं, दोनों नाकार

न दौड़ के चलो, न फिसल के गिरो

रुक : ना दौड़ चलो ना गरपड़ो

न गाय के थन न किसान के भाँडा

दोनों मुफ़लिस क़ल्लाश हैं, दोनों नाकार

किसी के हाथों से तंग आना

किसी के कारण विवश होना, मजबूर होना, दम घुटना Sorry! Please Check your Input Text and try again OR The requested Service is not available.

लातों के भूत बातों से नहीं मनते

जूती ख़ौरा ज़बानी समझाने से नहीं समझता, बद आदमी पट्टे बगै़र नहीं मानता, शरीर या सरकश मार पीट ही दरुस्त होता है

बातों के तोता मैना उड़ाना

लातों के देव बातों से नहीं मनते

जूती ख़ौरा ज़बानी समझाने से नहीं समझता, बद आदमी पट्टे बगै़र नहीं मानता, शरीर या सरकश मार पीट ही दरुस्त होता है

मीठे के वास्ते न सलोने के वास्ते

बिना किसी लोभ के, बिना वजह

गधे के खाए खेत न हरलू के न परलू के

नालायक़ के साथ सुलूक करने से कोई फ़ायदा नहीं

हाथों के मोर उड़ गए

ख़ौफ़ से बदहवास हो गए

जन्नत के हुए न दोज़ख़ के

किसी ओर के न हुए

लात का आदमी बातों से नहीं मानता، लातों के भूत बातों से नहीं मानते

उसके बारे में कहा जाता है कि जिसकी दुष्टता और अवज्ञा बिना सख़्ती के न जाए, दुष्ट आदमी जूते या मार से ही ठीक रहता है

लातों के भूत बातों से नहीं सीधे होते

रुक : लातों के भूत बातों से नहीं मानते जो ज़्यादा मुस्तामल और फ़सीह है

बातों के तोता मैना उड़ाना

हाथों के तोते उड़ जाना

हवासबाख़ता होजाना, बदहवास होजाना, हैरत-ज़दा हो जाना

हाथों के तोते उड़ जाना

हवासबाख़ता होजाना, बदहवास होजाना, हैरत-ज़दा हो जाना

हाथों के मोर उाड़ जाना

रुक : हाथों के तोते/ तोते उड़ जाना/उड़ना

दीन के हुए न दुनिया के

दुनिया और अक़बा दोनों ख़राब, ना इधर के हुए ना उधरके

गधा खाए खेत , न हरलो के न परलो के

नालायक़ के साथ सुलूक करने से कोई फ़ायदा नहीं होता

न ख़ुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम, न इधर के रहे न उधर के रहे

ऐसा काम किया गया कि हर तरह हानि हुई, कोई काम पूरा नहीं हुआ

लुंग के ज़ेर लुंग के बाला, न ग़म-ए-दुज़्द न ग़म-ए-काला

जो आदमी लंगोट से भी महरूम हो उस को चोर का क्या ख़ौफ़, नंगे भूके बेनवा आदमी को चोर चक्कार का क्या डर

न ख़ान में , न ख़ान के ऊँटों में

कोई हैसियत नहीं, किसी शुमार क़तार में नहीं

सेहरे के फूल न सूखना

शादी हुई ज़्यादा ज़माना ना होना, ब्याह को ज़्यादा मुद्दत ना गुज़रना, नई नई शादी होना

न दौड़ के चले, न गिरे

रुक : ना दौड़ चलो ना गिर पढ़ो

न किसी के लेने में , न देने में

अद्धी के बेर भी उस के हाथ के न खावे

बड़ा ज़लील शख़्स है

जैसे ऊधो वैसे ख़ान, न उन के चोटी न उन के कान

दोनों एक से हैं

कौड़ियों के मोल न लेना

मुफ़्त भी ना लेना, बला क़ीमत भी लेने का इरादा ना करना, अज़हद निकम्मा और नाकारा और बेक़दर समझना

आज बरस के फिर न बरसूँ

बारिश की झड़ी लगी है, बराबर से जा रहा है

के नज़दीक न जाना

हिल के पानी न माँगना

फ़ौरन मर जाना, बिल्कुल हिलने-डुलने में सक्षम न हो सकना, पानी माँगने तक को न हिल सकना, बिलकुल न तड़पना

फिर के पस-ए-पुश्त न देखना

दवा के तईं न मिलना

रुक : दवा को ना मिलना

अपना के जुड़े न उनका के दानी

अपने पास तो कुछ नहीं दूसरों को देने का वचन

किसी के सामने चराग़ न जलना

एहमीयत ना होना, किसी के आगे पेश ना चलना, आला के आगे अदना को फ़रोग़ ना होना

सरक न चुंगी डाल के भुस में

रुक : भुस में चुनगी डाल अलख

न दो सर पकड़ के रो

अपनी मुसीबत का कोई भी शरीक नहीं है

किसी के पास न फटकने पाना

रसाई के लिए दस्तरस या मक़दूर ना होना, किसी तक पहुंचना सख़्त दुशवार होना

मुड़ के न देखना

मुँह मोड़ कर ना देखना, दुबारा ना देखना , तवज्जा ना करना, रुख़ ना करना , बात ना पूछना, ख़ातिर में ना लाना

काले के काटे का जंतर न मंतर

जिसे नाग डस ले उस का कोई उपचार नहीं

पराए गंडों के भरोसे पर न रहना

दूसरे की सहायता पर भरोसा न करना, स्वयं साहस करो

नेक बीबियों के साथ हश्र न हो

(ओ) बख़शिश ना हो (एक कोसना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में हाथों के न बातों के के अर्थदेखिए

हाथों के न बातों के

haatho.n ke na baato.n keہاتھوں کے نَہ باتوں کے

कहावत

हाथों के न बातों के के हिंदी अर्थ

  • बेक़ाबू, आपे से बाहर

ہاتھوں کے نَہ باتوں کے کے اردو معانی

  • بے قابو ، آپے سے باہر .

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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