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न आए की , न गए की

आने जाने वालों की, किसी की कोई इज़्ज़त नहीं

आए की शादी न गए का ग़म

न किसी चीज़ के मिलने की ख़ुशी है न चले जाने का दुख है, सदैव प्रसन्न रहना

गए का ग़म, न आए की ख़ुशी

किसी के आने जाने की कोई पर्वा नहीं, बेपर्वाई या लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

गए का ग़म, न आए की शादी

किसी के आने जाने की कोई पर्वा नहीं, बेपर्वाई या लाताल्लुक़ी ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

साख गए फिर हाथ न आए

एतबार एक दफ़ा जाता है तो फिर नहीं आता

सब से भले हम, न रहे की शादी न गए का ग़म

निश्चिंत आज़ाद व्यक्ति को न किसी की ख़ुशी न दुख या चिंता, वह हर चीज़ से निस्पृह होता है

चीं-चपट न की

केउज़र मान लिया

फ़रिश्तों की न सुनना

बड़े से बड़े की बात ना मानना , ज़बरदस्त से ज़बरदस्त बात की पर्वा ना करना , निहायत सरकश होना

बोले की न चाले की, मैं तो सोते की भली

बहू की सुस्ती एवं काम न करने पर कहते हैं

इस की न सही

ये निश्चित न था, उसकी बुराई न थी, यह अनियमित और सिद्धांत के विरुद्ध है

सावन की न सीत भली, बालक की न पीत भली

सावन में छाछ पीना अच्छा नहीं और बच्चे की मुहब्बत का कोई भरोसा नहीं

सर की सुध न पाँव की बुध

कुछ होश नहीं, ला पर्वा आदमी है, हालत ख़राब है

अंधे की दाद न फ़रियाद

अक्षम की ग़लती पकड़ने के योग्य नहीं होती, विवश का कार्य पकड़ के योग्य नहीं

सौंठ की नास न लेना

मींह की आँख न लगना

लगातार बारिश होना

बुड्ढे की न मरे जोरू, बाले की न मरे माँ

बुड्ढे की बीवी और बच्चे की माँ मर जाए तो दोनों का सहारा ख़त्म हो जाता है अथवा दोनों पर बड़ी विपदा आ जाती है

मर गए मर्दूद जिन की फ़ातिहा न दुरूद

बद-म'आश और बुरे व्यक्ति को कोई शुभ नाम से याद नहीं करता

फ़रिश्तों की दाल न गलना

किसी की भी पैठ न होना, किसी की भी पहुँच न होना

गिनों न गोथों में दूल्हा की ख़ाला

रज़ील की दो न अशराफ़ की सौ

कमीने की दो गालियां भी शरीफ़ की सौ गालियों से बढ़ कर होती हैं

जूती की बराबर न समझना

(ओ) हक़ीर समझना, ज़रा ख़ातिर में ना लाना, पर्वा ना करना

आप की न कहिये

संबोधन करने वाला बहुत ही मूर्ख है, बेवक़ूफ़ है

फ़रिश्ते की भी न सुनना

मोहब्बत की निगाहें न छुपना

प्यार और स्नेह का न छुप पाना, मुहब्बत और प्यार नज़रों से प्रकट होना

बात थल की न बेड़े की

वचन कभी पूरा नहीं होता, कथन पर स्थिर नहीं रहते (जिसका मूड स्थिर न हो उसके लिए प्रयुक्त)

मूत की धार न सूझना

कुछ दिखाई न देना, कुछ नज़र न आना, नज़र कमज़ोर होना

तुम्हारी बात थल की न बेड़े की

जिसकी बात का कुछ भरोसा न हो उसकी और बकवास करने वाले के संबंध में बोलते हैं

साझे की माँ गंगा न पावे

हिंदू धर्म में बेटे के ज़िम्मेदारी है कि माता-पिता की क्रिया-कर्म करें लेकिन जहाँ बहुत बेटे हों वह एक दूसरे की तरफ़ देखते रहते हैं और माँ क्रिया-कर्म से रो जाती है यह कि भागेदारी में नुक़्सान रहता है

की तरफ़ मुँह न करना

चूतड़ों की ख़बर न होना

आगे पीछे का होश न रहना

चूतड़ों की ख़बर न रहना

आगे पीछे का होश न रहना

रूप न सिंगार खत्रानी की साध

न रूप है न बनाव-श्रंगार है और खतरानी का भेस बनाती है

पाँव की मेहंदी न घिस जाती

गाँड़ की सुध न रहना

(फ़ुहश , बाज़ारी) रुक : गाँड़ की ख़बर ना रहना

माँ की सोत न बाप की यारी, किसी नाते की तू मन्हारी

(ओ) कोई ख़्वाहमख़्वाह का रिश्ता जताए तो कहती हैं कि तरह हम से कोई ताल्लुक़ नहीं है

दानी की भाका ख़ाली न जाए

दानशील आदमी की बात पूरी हुए बिना नहीं रहती

बुरे की बुराई में न भले की भलाई में

सब से आज़ाद

न तीन में न तेरा में, सुतली की गिरह में

रुक : ना तीन में ना तेराह में

किसी तरफ़ की न रहना

रुक : कहीं का ना रहना

मरने की फ़ुर्सत न होना

अत्यधिक व्यस्त होना, बेहद मसरूफ़ होना, काम की अधिकता के कारण ज़रा भी मोहलत न मिलना

मरने की फ़ुर्सत न मिलना

जरा भी फुर्सत न होना

संगत भली न साध की और एक गेंदे की बास

न साधू का साथ अच्छा होता है और न गेंदे की ख़ुश्बू

मुँह से दूदा की बू न जाना

अभी बच्चा होना, नादान होना

न जीने की ख़ुशी, न मरने का ग़म

किसी बात की पर्वा नहीं, किसी किस्म की उमनग बाक़ी नहीं

कौड़ी की न रहना

बेकार होजाना, किसी काम का ना रहना, बेवुक़त होना, ज़लील-ओ-ख़ार होजाना

साझे की नाओ गंगा न पावे

रुक : साझे की हंडिया चौराहे में फूटे

घर की आधी न बाहर की सारी

घर की आधी न बाहर की सारी

अपने देश में रह कर अगर कम आमदनी भी हो तो विदेश की अधिक आमदनी से बेहतर है, घर की कम आमदनी बाहर की ज़्यादा आमदनी से बेहतर है

सर पाँव की ख़बर न होना

बिलकुल बेहोश और ग़ाफ़िल होजाना, होशोहवास बजा ना रहना

गाँड़ की ख़बर न रहना

(फ़ुहश , बाज़ारी) निहायत ग़ाफ़िल हो कर सो जाना

गाँड़ की ख़बर न होना

(अश्लील, बाज़ारी) पूर्णरूप से अनजान और बेहोश होना, कुछ सुध-बुध न रहना, मदहोश होना, बिलकुल ग़ाफ़िल होना

न ख़ुदा का ख़ौफ़ और न रसूल की शर्म

इंतिहाई ढीट, बदकार-ओ-बेहिस हो जाने वाले के मुताल्लिक़ कहते हैं

सर उठाने की फ़ुर्सत न होना

सर खुजाने की फ़ुर्सत न होना

सर खुजाने की फ़ुर्सत न मिलना

अदीम अलफ़रसत होना, बहुत मसरूफ़ होना

पलंग की पट्टी न छोड़ना

हर वक़्त पास बैठे रहना

मुँह दिखाने की सूरत न रहना

मुँह दिखाने की सूरत न होना

शर्मिंदगी होना, शर्मिंदगी से सामना ना कर सकना, नदामत होना

मुँह दिखाने की सूरत न रहना

शर्मिंदगी होना, शर्मिंदगी से सामना ना कर सकना, नदामत होना

न जीने की शादी, न मरने का ग़म

किसी बात की पर्वा नहीं, किसी किस्म की उमनग बाक़ी नहीं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में न आए की , न गए की के अर्थदेखिए

न आए की , न गए की

na aa.e kii , na ga.e kiiنَہ آئے کی ، نَہ گَئے کی

वाक्य

न आए की , न गए की के हिंदी अर्थ

  • आने जाने वालों की, किसी की कोई इज़्ज़त नहीं

نَہ آئے کی ، نَہ گَئے کی کے اردو معانی

  • آنے جانے والوں کی ، کسی کی کوئی عزت نہیں

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