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क्या क्या न किया

۔सब कुछ किया। कौन सी कसर उठा रखी। (मज़मून) हम ने किया क्या ना तिहरे इशक़ में महबूब किया। सब्र एवबऑ किया गिरिया-ए-याक़ूब किया

क्या किया

۔۱۔ بڑا غضب کیا۔ بڑا ستم کیا۔ بڑی حیرت ہے۔ نہایت شرم کی بات ہے۔ ؎ ۲۔ کوئی بے جا بات نہیں کی۔ اُنھوں نے خط واپس کردیا تو کیا کیا۔ ۳۔ کس صرف میں لایا۔ ؎

क्या

अभिप्रेत अथवा उदृिष्ट परंतु अव्यक्त तत्त्व, बात या वस्तु की ओर संकेत करने के लिए। जैसे-मैं अच्छी तरह समझता हूँ कि तुम्हारे मन में क्या है ?

क्या क्या

(استفہام کے لیے) کیا کچھ ، کون کون ، کون سا کون سا (چیز ، کام وغیرہ).

क्या हो

क्या सत्य है, क्या चीज़ हो, क्या सामर्थ्य है

क्या है

क्या वस्तु है, वासतविक्ता क्या है

है क्या

क्या है, वास्तविक्ता क्या है, वास्तव में क्या है

क्या ही

(बहुतायत एवं प्रचुरया के लिए प्रयुक्त) बहुत ही, अत्यधिक, बहुत ज़्यादा, बेहिसाब, क्या ही काम बना है

ये क्या किया

۔ बहुत बुरा किया की जगह।

तो क्या

कुछ फ़ायदा ना हुआ, बेसूद ही रहा

क्या क्या न हुआ

कौन सी बात रह गई, कौन सा अपमान न हुआ, कौन सी रुसवाई न हुई

क्या था

क्या ज़रूरी था, ग़ैर ज़रूरी था

क्या ग़ज़ब किया

۔बड़ा क़हर किया। बड़ा सितम किया।

क्या क्या न हो गया

कौन सी बात रह गई, कौन सी रुसवाई ना हुई, बहुत कुछ हुआ

क्या करता क्या न करता

(मजबूरी-ओ-बेबसी के मौक़ा पर मुस्तामल) चारा नहीं था

ये क्या

यह कितनी अनुचित बात है, यह कौन सी बात है, यह कोई बात में बात है, क्यों, यह अनोखी बात है, पछतावा, आश्चर्य के अवसर पर अर्थात किसी असाधारण बात या काम के होने पर कहते हैं

क्या हाल किया

कैसा क्रूर व्यवहार किया, कैसा ज़ालिमाना बरताव किया, कैसा बुरा हाल किया, क्या दुरगत बनाई

क्या न चाहिए

कौन सी चीज़ है जिसकी आवश्यक्ता नहीं, क्या कहना है, क्या बात है सब कुछ चाहिए, सब ही चीज़ की ज़रूरत है, सब कुछ मौजूद है फिर भला किस चीज़ की ज़रूरत है

किसी ने क्या किया

۔طنز سے کہتے ہیں یعنی کسی نے کیا نقصان پہونچایا۔ میری تمھارا۔ اُن کا کے ساتھ استعمال میں ہے۔ ؎

क्या रहा

कुछ हालत बाक़ी नहीं रही, आस टूट गई, कुछ कसर बाक़ी नहीं रही

क्या न चाहिए

what is not wanting (to me), what do I not want, I want everything, nothing is wanting (to me), I have everything

क्या रहेगी

क्या इज़्ज़त रहेगी, बेइज़्ज़ती हो जाएगी, बदनामी होगी

हम क्या

हमारी कोई हैसियत नहीं है, में कुछ भी नहीं

मरते क्या न करते

(रुक : मरता किया ना करता जिस की ये जमा है) बेबसी की हालत में सब कुछ करना पड़ता है

मरता क्या न करता

जिस की जान पर आ बनती है वो सब कुछ कर गुज़रता है, विवशता की स्थिति में सब कुछ करना पड़ता है

क्या कहूँ

मजबूर हूँ, विवश हूँ, कुछ नहीं कह सकता

हुआ क्या

क्या हुआ, कहाँ गया, कहाँ खो गया और कोई बात नहीं

क्या हुआ

यूं हुआ की जगह (उमूमन किसी वाक़िया को धराते वक़्त मुस्तामल)

क्या कहीं

۔ (مجبوری اور بے بسی ظاہر کرنے کے لئے) کیا بیان کریں۔ کیا شکایت کریں۔ قابل بیان نہیں۔ (درد) ہوا جو کچھ کہ ہونا تھا۔) کہیں کیا جی کو رو بیٹھے۔

कया

काढ़नेवाला।

काया

कायस्थ (जाति)

किया

करना का भूतकालिक रूप, समास में प्रयुक्त

काई

एक जल्दी बीमारी जिस में जल्द पर खुजली बहुत होती है जो ख़ास किस्म के क्रम से पैदा होती है

क्या लोगे

क्या फ़ाइदा हासिल करोगे, कुछ हाथ नहीं आएगा

क्या कहा

(जब कोई अनुचित रूप से कुछ कहता है, तो उसे व्यंग्य में कहते है) फिर से कहना, सही नहीं कहा

क्या कहने

रुक : क्या कहना, क्या बात है (बेशतर तंज़न मुस्तामल)

क्या कहना

सुब्हान अल्लाह, प्रशंसा के लिए, प्रशंसा नहीं होसकती, व्यंग के लिए (कटाक्ष एवं प्रशंसा दोनों के लिए प्रयुक्त)

क्या कहिए

(मजबूरी और बेबसी के लिए) कुछ नहीं कह सकते, जाने दीजीए

क्या कहेंगे

क्या सोचेंगे, क्या शक करेंगे, बुरा कहेंगे, क्या ख़्याल करेंगे, क्या शुबह करेंगे

क्या भीड़ क्या भीड़ की लात

۔ مثل کیاحقیقت ہے یعنی بےاصلشے ہے۔

क्या लिया

क्या नुक़्सान क्या, क्या बिगाड़ा था

क्या करें

कैसे करें, नहीं कर सकते, मजबूरी है

क्या करूँ

अचंभित हूँ, कुछ समझ में नहीं आता, मजबूर हूँ, विवश हूँ

मेरा क्या

मेरा क्या नुक़सान, मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा

भूका मरता क्या न करता

कंगाल आदमी निम्न से निम्न काम के लिए भी तैयार हो जाता है

क्या कहेगा

लॉन तान करेगा, हंसी उड़ाएगा, शर्मिंदा करेगा

मुर्ग़ा न होगा तो क्या अज़ान न होगी

कोई भी कार्य किसी विशेष व्यक्ति पर आश्रित या टिका, ठहरा या रुका हुआ नहीं है, रहती दुनिया तक काम होते ही रहेंगे

'आशिक़ी न कीजिए तो क्या घास खोदिये

जिसने प्रेम नहीं किया वह घसियारे के समान है

क्या करे

क्या उपचार करे

दोस क्या दीजिए चोर को साहब, बंद जब आप घर का दर न किया

जब ख़ुद हिफ़ाज़त नहीं की तो चोर का क्या क़सूर

क्या जाता

क्या बिगड़ता, क्या हानि होती

क्या जाने

मालूम नहीं, ख़बर नहीं, में नहीं जानता, ख़ुदा जानने (लाइलमी ज़ाहिर करने के लिए मुस्तामल)

देखने में न सो चखने में क्या

जो चीज़ देखने में अच्छी नहीं वह खाने में कैसे अच्छी होगी

आदमी क्या जो आदमी को ना पहचाने

इंसान और मनुष्य को अच्छे और बुरे में भेद करना चाहिए, वह आदमी ही नहीं जो आदमी को न पहचाने

दम का क्या भरोसा है, आया न आया

जीवन का कोई भरोसा नहीं

जहाँ मुल्ला न होगा क्या वहाँ सवेरा न होगा

रुक: जहां मुर्ग़ नहीं बोल क्या वहां सुबह नहीं होती

आदमी क्या जो आदमी की क़द्र न करे

मनुष्य के पास मानवतावादी ज्ञान होना आवश्यक है, मनुष्य के पास कुशल लोगों का मित्र होना आवश्यक है

क्या करेगा

रुक : क्या कर लेगा, कुछ नहीं कर सकता

मुर्ग़ा बाँग न देगा तो क्या सुब्ह न होगी

कोई भी कार्य किसी विशेष व्यक्ति पर आश्रित या टिका, ठहरा या रुका हुआ नहीं है, रहती दुनिया तक काम होते ही रहेंगे

मुर्ग़ बाँग न देगा तो क्या सुब्ह न होगी

कोई काम किसी की ज़ात इख़ास पर मौक़ूफ़ नहीं, दुनिया का काम वक़्त पर होता रहेगा

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में 'इमाद के अर्थदेखिए

'इमाद

'imaadعِماد

स्रोत: अरबी

वज़्न : 121

एकवचन: 'इमाद

मूल शब्द: 'अम्द

टैग्ज़: रेखागणित

शब्द व्युत्पत्ति: अ-म-द

'इमाद के हिंदी अर्थ

संज्ञा, पुल्लिंग, बहुवचन

  • ज्यामिति: वो सीधी रेखा जो एक महास के पूर्ण बिंदु में से गुज़रे और इसपर संरेखित हो
  • विश्वसनीय, भरोसेमंद,
  • इमादः का बहु, छत को सहारने वाली लंबी लकड़ी जो सीधी खड़ी की जाये, सुतून, खंबा, सहारा देने वाली चीज़

English meaning of 'imaad

Noun, Masculine, Plural

عِماد کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مذکر، جمع

  • بھروسے مند، قابل اعتماد
  • عماد کی جمع، چھت کو سہارنے والی لمبی لکڑی جو عموداً کھڑی کی جائے، ستون، کھمبا، سہارا دینے والی چیز، اڑواڑ
  • ہندسہ: وہ خط مستقیم جو ایک محاس کے نقطۂ تماس میں سے گزرے اور اس پر علی القوائم ہو

Urdu meaning of 'imaad

  • Roman
  • Urdu

  • bharosemand, kaabil-e-etimaad
  • imaadaa kii jamaa, chhat ko sahaarne vaalii lambii lakk.Dii jo amuudan kha.Dii kii jaaye, satuun, khambaa, sahaara dene vaalii chiiz, a.Dvaa.D
  • hindsaah vo Khat-e-musatqiim jo ek mahaas ke nuqta-e-tamaas me.n se guzre aur is par alii alaqvaa.im ho

'इमाद के पर्यायवाची शब्द

'इमाद के यौगिक शब्द

खोजे गए शब्द से संबंधित

क्या क्या न किया

۔सब कुछ किया। कौन सी कसर उठा रखी। (मज़मून) हम ने किया क्या ना तिहरे इशक़ में महबूब किया। सब्र एवबऑ किया गिरिया-ए-याक़ूब किया

क्या किया

۔۱۔ بڑا غضب کیا۔ بڑا ستم کیا۔ بڑی حیرت ہے۔ نہایت شرم کی بات ہے۔ ؎ ۲۔ کوئی بے جا بات نہیں کی۔ اُنھوں نے خط واپس کردیا تو کیا کیا۔ ۳۔ کس صرف میں لایا۔ ؎

क्या

अभिप्रेत अथवा उदृिष्ट परंतु अव्यक्त तत्त्व, बात या वस्तु की ओर संकेत करने के लिए। जैसे-मैं अच्छी तरह समझता हूँ कि तुम्हारे मन में क्या है ?

क्या क्या

(استفہام کے لیے) کیا کچھ ، کون کون ، کون سا کون سا (چیز ، کام وغیرہ).

क्या हो

क्या सत्य है, क्या चीज़ हो, क्या सामर्थ्य है

क्या है

क्या वस्तु है, वासतविक्ता क्या है

है क्या

क्या है, वास्तविक्ता क्या है, वास्तव में क्या है

क्या ही

(बहुतायत एवं प्रचुरया के लिए प्रयुक्त) बहुत ही, अत्यधिक, बहुत ज़्यादा, बेहिसाब, क्या ही काम बना है

ये क्या किया

۔ बहुत बुरा किया की जगह।

तो क्या

कुछ फ़ायदा ना हुआ, बेसूद ही रहा

क्या क्या न हुआ

कौन सी बात रह गई, कौन सा अपमान न हुआ, कौन सी रुसवाई न हुई

क्या था

क्या ज़रूरी था, ग़ैर ज़रूरी था

क्या ग़ज़ब किया

۔बड़ा क़हर किया। बड़ा सितम किया।

क्या क्या न हो गया

कौन सी बात रह गई, कौन सी रुसवाई ना हुई, बहुत कुछ हुआ

क्या करता क्या न करता

(मजबूरी-ओ-बेबसी के मौक़ा पर मुस्तामल) चारा नहीं था

ये क्या

यह कितनी अनुचित बात है, यह कौन सी बात है, यह कोई बात में बात है, क्यों, यह अनोखी बात है, पछतावा, आश्चर्य के अवसर पर अर्थात किसी असाधारण बात या काम के होने पर कहते हैं

क्या हाल किया

कैसा क्रूर व्यवहार किया, कैसा ज़ालिमाना बरताव किया, कैसा बुरा हाल किया, क्या दुरगत बनाई

क्या न चाहिए

कौन सी चीज़ है जिसकी आवश्यक्ता नहीं, क्या कहना है, क्या बात है सब कुछ चाहिए, सब ही चीज़ की ज़रूरत है, सब कुछ मौजूद है फिर भला किस चीज़ की ज़रूरत है

किसी ने क्या किया

۔طنز سے کہتے ہیں یعنی کسی نے کیا نقصان پہونچایا۔ میری تمھارا۔ اُن کا کے ساتھ استعمال میں ہے۔ ؎

क्या रहा

कुछ हालत बाक़ी नहीं रही, आस टूट गई, कुछ कसर बाक़ी नहीं रही

क्या न चाहिए

what is not wanting (to me), what do I not want, I want everything, nothing is wanting (to me), I have everything

क्या रहेगी

क्या इज़्ज़त रहेगी, बेइज़्ज़ती हो जाएगी, बदनामी होगी

हम क्या

हमारी कोई हैसियत नहीं है, में कुछ भी नहीं

मरते क्या न करते

(रुक : मरता किया ना करता जिस की ये जमा है) बेबसी की हालत में सब कुछ करना पड़ता है

मरता क्या न करता

जिस की जान पर आ बनती है वो सब कुछ कर गुज़रता है, विवशता की स्थिति में सब कुछ करना पड़ता है

क्या कहूँ

मजबूर हूँ, विवश हूँ, कुछ नहीं कह सकता

हुआ क्या

क्या हुआ, कहाँ गया, कहाँ खो गया और कोई बात नहीं

क्या हुआ

यूं हुआ की जगह (उमूमन किसी वाक़िया को धराते वक़्त मुस्तामल)

क्या कहीं

۔ (مجبوری اور بے بسی ظاہر کرنے کے لئے) کیا بیان کریں۔ کیا شکایت کریں۔ قابل بیان نہیں۔ (درد) ہوا جو کچھ کہ ہونا تھا۔) کہیں کیا جی کو رو بیٹھے۔

कया

काढ़नेवाला।

काया

कायस्थ (जाति)

किया

करना का भूतकालिक रूप, समास में प्रयुक्त

काई

एक जल्दी बीमारी जिस में जल्द पर खुजली बहुत होती है जो ख़ास किस्म के क्रम से पैदा होती है

क्या लोगे

क्या फ़ाइदा हासिल करोगे, कुछ हाथ नहीं आएगा

क्या कहा

(जब कोई अनुचित रूप से कुछ कहता है, तो उसे व्यंग्य में कहते है) फिर से कहना, सही नहीं कहा

क्या कहने

रुक : क्या कहना, क्या बात है (बेशतर तंज़न मुस्तामल)

क्या कहना

सुब्हान अल्लाह, प्रशंसा के लिए, प्रशंसा नहीं होसकती, व्यंग के लिए (कटाक्ष एवं प्रशंसा दोनों के लिए प्रयुक्त)

क्या कहिए

(मजबूरी और बेबसी के लिए) कुछ नहीं कह सकते, जाने दीजीए

क्या कहेंगे

क्या सोचेंगे, क्या शक करेंगे, बुरा कहेंगे, क्या ख़्याल करेंगे, क्या शुबह करेंगे

क्या भीड़ क्या भीड़ की लात

۔ مثل کیاحقیقت ہے یعنی بےاصلشے ہے۔

क्या लिया

क्या नुक़्सान क्या, क्या बिगाड़ा था

क्या करें

कैसे करें, नहीं कर सकते, मजबूरी है

क्या करूँ

अचंभित हूँ, कुछ समझ में नहीं आता, मजबूर हूँ, विवश हूँ

मेरा क्या

मेरा क्या नुक़सान, मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा

भूका मरता क्या न करता

कंगाल आदमी निम्न से निम्न काम के लिए भी तैयार हो जाता है

क्या कहेगा

लॉन तान करेगा, हंसी उड़ाएगा, शर्मिंदा करेगा

मुर्ग़ा न होगा तो क्या अज़ान न होगी

कोई भी कार्य किसी विशेष व्यक्ति पर आश्रित या टिका, ठहरा या रुका हुआ नहीं है, रहती दुनिया तक काम होते ही रहेंगे

'आशिक़ी न कीजिए तो क्या घास खोदिये

जिसने प्रेम नहीं किया वह घसियारे के समान है

क्या करे

क्या उपचार करे

दोस क्या दीजिए चोर को साहब, बंद जब आप घर का दर न किया

जब ख़ुद हिफ़ाज़त नहीं की तो चोर का क्या क़सूर

क्या जाता

क्या बिगड़ता, क्या हानि होती

क्या जाने

मालूम नहीं, ख़बर नहीं, में नहीं जानता, ख़ुदा जानने (लाइलमी ज़ाहिर करने के लिए मुस्तामल)

देखने में न सो चखने में क्या

जो चीज़ देखने में अच्छी नहीं वह खाने में कैसे अच्छी होगी

आदमी क्या जो आदमी को ना पहचाने

इंसान और मनुष्य को अच्छे और बुरे में भेद करना चाहिए, वह आदमी ही नहीं जो आदमी को न पहचाने

दम का क्या भरोसा है, आया न आया

जीवन का कोई भरोसा नहीं

जहाँ मुल्ला न होगा क्या वहाँ सवेरा न होगा

रुक: जहां मुर्ग़ नहीं बोल क्या वहां सुबह नहीं होती

आदमी क्या जो आदमी की क़द्र न करे

मनुष्य के पास मानवतावादी ज्ञान होना आवश्यक है, मनुष्य के पास कुशल लोगों का मित्र होना आवश्यक है

क्या करेगा

रुक : क्या कर लेगा, कुछ नहीं कर सकता

मुर्ग़ा बाँग न देगा तो क्या सुब्ह न होगी

कोई भी कार्य किसी विशेष व्यक्ति पर आश्रित या टिका, ठहरा या रुका हुआ नहीं है, रहती दुनिया तक काम होते ही रहेंगे

मुर्ग़ बाँग न देगा तो क्या सुब्ह न होगी

कोई काम किसी की ज़ात इख़ास पर मौक़ूफ़ नहीं, दुनिया का काम वक़्त पर होता रहेगा

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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