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में-ही

आँखों ही आँखों में

निगाहों में, निकट, सामने

बातों ही बातों में

तक : बातों बातों में

एक ही फेर में

नज़रों ही नज़रों में

आँखों-आँखों में, आमने-सामने, मुँह पर

निगाहों ही निगाहों में

आँखों ही आँखों में; बहुत ख़ामोशी से, इशारों किनायों में, गुपचुप तरीक़े से

चुटकियों ही चुटकियों में

होंठों ही होंठों में

मुँह ही मुँह में

मुँह ही मुँह में

चुपके चुपके, होंठों ही होंठों में, धीरे धीरे, आहिस्ता आहिस्ता

मुँह ही मुँह में बताना

चुपके ही चुपके बुरा भला बताना या कहना

हिंटों ही होंटों में मुस्कुराना

ज़ेर-ए-लब मुस्कुराना, खुल कर ना हँसना, दबी हुई हंसी हँसना

मुँह ही मुँह में सुनाना

मुँह ही मुँह में सुनाना

चुपके चुपके बुरा भला कहना, चुपके चुपके गालियां कोसने देना

नज़र ही नज़र में

सेर में हुई ही नहीं

जितनी मिक़दार दर का है इस का क़लील से क़लील हिस्सा भी ना हुए की जगह (मुस्ताल

मुँह ही मुँह में बोलना

मुँह ही मुँह में बकना

(घृणा से) बड़बड़ाना

मुँह ही मुँह में कहना

मुँह ही मुँह में कहना

इस तरह आहिस्ता बोलना कि दूसरा न सुने, चुपके चुपके बात करना या बड़बड़ाना, बुदबुद करना कि दूसरा पूरी तरह सुन न सके

शर' में शर्म काहे ही

साफ़ बात कहने या जायज़ काम करने में पिस-ओ-पेश ना करना चाहिए

रात आँखों ही आँखों में काट देना

रुक : रात आँखों में काटना

बिटौरे में उपले ही निकलेंगे

बुरों से बुरे ही लच्छन ज़ाहिर होंगे, किसी को बुरे से अच्छे की उम्मीद नहीं करनी चाहिए

रात आँखों ही आँखों में काटना

रुक : रात आँखों में काटना

मुँह ही मुँह में बातें करना

बड़बड़ाना, ज़ेर-ए-लब बातें करना, ख़ुद से बातें करना

पहले ही लुक़्मे में बाल आया

प्रारंभ ही में अपशगुन हो जाए तो परिणाम कैसे अच्छा हो

लोहे की मंडी में मार ही मार

बुरों के बुरे ही काम, अत्याचारियों की बैठक में कष्ट एवं पीड़ा ही का चर्चा

मुँह ही मुँह में बड़बड़ाना

मुँह ही मुँह में पढ़ना

धीमे स्वर में पढ़ना, इस तरह पढ़ना कि कोई और आवाज़ न सुने

हमारे नमक में ही जस नहीं

दिल ही दिल में कोसना

चुपके चुपके कोसना, अंदर ही अंदर बुरा भला कहना, श्राप देना

जी ही जी में बातें करना

आप ही आप बातें करना

दिल ही दिल में भुन्ना

चुपके चुपके रंज सहना, सदमा बर्दाश्त करना

पापी के मन में पाप ही बसे

उद्दंड व्यक्ति हर समय उद्दंडता ही की बातें सोचता रहता है

सब एक ही नाव में सवार हैं

सब की हालत एक ही जैसी हो तो कहते हैं

सारे घर में दो ही धुंकर-भुंकर

सारे शहर में कमीने लोग बस्ते हैं

सरकार से मिले तेल, पल्ले ही में मेल

सरकार से जो मिले ले लेना चाहिये

दिल ही दिल में ख़ुश होना

ख़ुशी का इज़हार खुलकर न करना, जी ही जी में ख़ुश होना, दिल में हँसना

घर ही में बैद, मरे कैसे?

जब व्यवस्था हो सकती थी तो नुक़्सान कैसे हुआ

शर्म ही शर्म में काम तमाम हुआ

लिहाज़ या सील में नुक़्सान उठाया या काम बिगड़ गया

सोना चाँदी आग ही में परखे जाते हैं

इंसान के औसाफ़-ओ-ख़ूओबयां आफ़त मुसीबत में ज़ाहिर होती हैं

सारी देग में एक ही चावल टटोल्ते हैं

जुज़ु को देख कर कल का हाल मालूम कर लेते हैं

सारे डील में ज़बान ही हलाल है

मनुष्य को अपनी बातों की लाज रखनी चाहिए

डाढ़ी खसोटते ही बग़ल में बैठना

किसी को क्षति पहुँचाने के बाद हमदर्दी, सहानुभूति, दया और ईमानदारी व्यक्त करने के अवसर पर प्रयुक्त

नाइयों की बरात में सब ठाकुर ही ठाकुर

रुक : नाई की बरात में सब ही ठाकुर

सारी फ़ौज में ऐक ही सूरमा होता है

सब एक जैसे नहीं होते, बहुत लोगों में कोई एक बहुत अच् होता है

फ़क़ीर अपनी कमली ही में मस्त है

ग़रीब थोड़े ही सामान में प्रसन्न है

देग में से ऐक ही चावल टटोलते हैं

एक से सब की जांच हो जाती है, इंसान की पहचान ख़ानदान के फ़र्द से होती है

दिल ही दिल में दु'आएँ देना

चुपके चुपके किसी की बेहतरी के वास्ते दुआएं माँगना, भलाई चाहना

पूत कपूत पंगोड़ों में ही पहचाने जाते हैं

बच्चे में शुरू से अच्छे या बुरे होने के आसार पाए जाते हैं

बन में उपजे सब कोई खाए, घर में उपजे घर ही खाए

फूट जंगल में पैदा हो तो सब खाएँ लेकिन घर में पैदा हो जाए तो घर ही तबाह हो जाए

घोड़ी भुसेले ही में दम लेगी

घोड़ी पर फिर कर अपने अड्डे या जाये सुकूनत ही पर आजाएगी , उस शख़्स के बारे में बोलते हैं जो घर से ज़्यादा दिन दूर ना रह सके

मियान में से निकले ही पड़े है

बहुत उग्र स्वभाव है, बहुत तेज़ मिज़ाज है, बात बात पर लड़ता है

नाई की बरात में सब ही ठकुर

वहां मुस्तामल है जहां हर शख़्स काम करने को अपनी इमतियाज़ी हैसियत से पस्त समझता हो, अपने घर या क़ौम में सब इज़्ज़तदार होते हैं

देग में से ऐक ही चावल देखते हैं

एक से सब की जांच हो जाती है, इंसान की पहचान ख़ानदान के फ़र्द से होती है

ज़ात की बेटी ज़ात ही में जाती है

कुलीन का रिश्ता कुलीन में ही होता है, कुलीन का विवाह कुलीन के साथ ही होता है

फूल बाग़ ही में ख़ूब खिलता है

रुक : फूल अपने ही बाग़ अलख

वो कमली ही नहीं जिस में तिल बँधते थे

रुक : वो कम्बल ही गए अलख , अब वो चीज़ नहीं रही, वो ज़माना ना रहा

आई न गई छू-छू घर ही में रही

पूत के पाँव पालने में ही पहचाने जाते हैं

(किसी किये) बुराई भलाई शुरू ही में आसार से दरयाफ़त करली जाती है, नेक बुख़ती बदबख़ती का हाल बचपन या आग़ाज़ ही में हरकात-ओ-सकनात से खुल जाता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में में-ही के अर्थदेखिए

में-ही

me.n-hiiمیں ہی

वज़्न : 22

मूल शब्द: में

میں ہی کے اردو معانی

فعل متعلق

  • اسی طرح، اسی ڈھنگ پر، اسی کی مانند، اسی حالت میں، جوں کے توں، بغیر کسی تبدیلی کے

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