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कंगन

कलाई में पहनने का एक ज़ेवर, चाँदी, सोने आदि का बना हुआ गोलाकार आभूषण, जो स्त्रियाँ कलाई पर पहनती हैं, सिखों के पहनने का लोहे का कड़ा या चक्र

सोने के कंगन

(संकेतात्मक) बहुमूल्य चीज़, अधिक क़ीमती चीज़

कंगना बाँधना

(हिंदू) कलाई में पहना जाने वाला एक गहना, कलावे का डोरा जो शादी में फेरा के समय दूल्हा की दाहिनी कलाई और दुल्हन की बाईं कलाई में शगून के तौर पर बांधते हैं, इस में लोहे का छल्ला, टूटी कोड़ी, सुपारी की डली और काला दाना आदि भी बंधा होता है, कंगन, कड़ा

कंगना खोलना

(हिंदू) शादी की एक रस्म जिसमें फेरों के बाद दूलहा दुल्हन का और दुल्हन दूल्हा का कंगना खौलती है

कंगना खेलना

(हिंदू) दूल्हा दुल्हन का एक दूसरे का कंगना खोलना, शादी की एक प्रथा

कान गूँज जाना

कान में किसी आवाज़ का भर जाना

कंगना

(हिंदु) कलाई में पहना जाने वाला एक गहना, कलावे का डोरा जो शादी में फेरा के समय दूल्हा की दाहिनी कलाई और दुल्हन की बाईं कलाई में शगून के तौर पर बांधते हैं, इस में लोहे का छल्ला, टूटी कोड़ी, सुपारी की डली और काला दाना आदि भी बंधा होता है, कंगन, कड़ा

कंगनी

cornice

कान गुँग करना

बहुत शोर मचाना, बहरा कर देना, कान का पर्दा फाड़ना

कान गूँज जाना

कान में किसी आवाज़ का भर जाना

कान गूँगे होना

कान बहरे होना

कान गुंग होना

कान में ऐसी कैफ़ीयत पैदा होना जिसमें हरवक़त भुन भुन की आवाज़ मालूम हो कान में बहरा होना, कान साएँ साएँ करना

कान गुंग होना

कान में ऐसी कैफ़ीयत पैदा होना, जिसमें हरवक़त भुन भुन की आवाज़ मालूम हो, कान बहरा होना, कान साएँ साएँ करना

कान गुनहगार हैं

۔मैंने सुना है झूट सच्च का ज़िम्मेदार नहीं। बेशतर बुरी बात सुनने के लिए मुस्तामल है।

कान ग़ुंग होना

कान में साँय-साँय होना

कान गूँगा और एक बहरा

(किसी की ओर से) बिलकुल अनजान हो जाना, बिलकुल ध्यान न देना

ईंडवी का कंगन

कलाई में पहनने का वो स्वर्ण कड़ा जो एंडवी का हमशकल गढ़ा हुआ होता है

हाथ कंगन को आरसी क्या ज़रूर

रुक : हाथ कंगन को आरसी किया (है)

हाथ-कंगन

बतौर ज़ेवर औरतों के हाथ में पहनने के कड़े

हाथ कंगन को आरसी क्या

(शाब्दिक) हाथ के कंगन को देखने के लिए आईने की ज़रूरत नहीं होती, अर्थात: जो बात ज़ाहिर हो उसके खोजने करने की क्या ज़रूरत है, जो चीज़ आँखों के सामने हो उसको क्या बयान करना

हात कंगन को आरसी क्या

जो कुछ ज़ाहिर है उसे बयान करने की ज़रूरत नहीं होती (रुक : हाथ कंगन को आरसी किया)

हाथ कंगन के लिए क्या आरसी

रुक : हाथ कंगन को आरसी किया

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कंगन

कलाई में पहनने का एक ज़ेवर, चाँदी, सोने आदि का बना हुआ गोलाकार आभूषण, जो स्त्रियाँ कलाई पर पहनती हैं, सिखों के पहनने का लोहे का कड़ा या चक्र

सोने के कंगन

(संकेतात्मक) बहुमूल्य चीज़, अधिक क़ीमती चीज़

कंगना बाँधना

(हिंदू) कलाई में पहना जाने वाला एक गहना, कलावे का डोरा जो शादी में फेरा के समय दूल्हा की दाहिनी कलाई और दुल्हन की बाईं कलाई में शगून के तौर पर बांधते हैं, इस में लोहे का छल्ला, टूटी कोड़ी, सुपारी की डली और काला दाना आदि भी बंधा होता है, कंगन, कड़ा

कंगना खोलना

(हिंदू) शादी की एक रस्म जिसमें फेरों के बाद दूलहा दुल्हन का और दुल्हन दूल्हा का कंगना खौलती है

कंगना खेलना

(हिंदू) दूल्हा दुल्हन का एक दूसरे का कंगना खोलना, शादी की एक प्रथा

कान गूँज जाना

कान में किसी आवाज़ का भर जाना

कंगना

(हिंदु) कलाई में पहना जाने वाला एक गहना, कलावे का डोरा जो शादी में फेरा के समय दूल्हा की दाहिनी कलाई और दुल्हन की बाईं कलाई में शगून के तौर पर बांधते हैं, इस में लोहे का छल्ला, टूटी कोड़ी, सुपारी की डली और काला दाना आदि भी बंधा होता है, कंगन, कड़ा

कंगनी

cornice

कान गुँग करना

बहुत शोर मचाना, बहरा कर देना, कान का पर्दा फाड़ना

कान गूँज जाना

कान में किसी आवाज़ का भर जाना

कान गूँगे होना

कान बहरे होना

कान गुंग होना

कान में ऐसी कैफ़ीयत पैदा होना जिसमें हरवक़त भुन भुन की आवाज़ मालूम हो कान में बहरा होना, कान साएँ साएँ करना

कान गुंग होना

कान में ऐसी कैफ़ीयत पैदा होना, जिसमें हरवक़त भुन भुन की आवाज़ मालूम हो, कान बहरा होना, कान साएँ साएँ करना

कान गुनहगार हैं

۔मैंने सुना है झूट सच्च का ज़िम्मेदार नहीं। बेशतर बुरी बात सुनने के लिए मुस्तामल है।

कान ग़ुंग होना

कान में साँय-साँय होना

कान गूँगा और एक बहरा

(किसी की ओर से) बिलकुल अनजान हो जाना, बिलकुल ध्यान न देना

ईंडवी का कंगन

कलाई में पहनने का वो स्वर्ण कड़ा जो एंडवी का हमशकल गढ़ा हुआ होता है

हाथ कंगन को आरसी क्या ज़रूर

रुक : हाथ कंगन को आरसी किया (है)

हाथ-कंगन

बतौर ज़ेवर औरतों के हाथ में पहनने के कड़े

हाथ कंगन को आरसी क्या

(शाब्दिक) हाथ के कंगन को देखने के लिए आईने की ज़रूरत नहीं होती, अर्थात: जो बात ज़ाहिर हो उसके खोजने करने की क्या ज़रूरत है, जो चीज़ आँखों के सामने हो उसको क्या बयान करना

हात कंगन को आरसी क्या

जो कुछ ज़ाहिर है उसे बयान करने की ज़रूरत नहीं होती (रुक : हाथ कंगन को आरसी किया)

हाथ कंगन के लिए क्या आरसी

रुक : हाथ कंगन को आरसी किया

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