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कूछ

رک : کُچھ مع تحتی الفاظ .

कुछ

थोड़ी संख्या या मात्रा का

कूछा

गोद, बग़ल

कुछ-है

۔۱۔कोई बात है। कोई अंदरूनी बात है। ए २।देखो कुछ नंबर ३।३।बुराई है। खोट है। फ़ासिद ज़दा है। इस के दिल में कुछ है

कुछ हैं

किसी योग्य हैं, किसी शुमार में हैं, किसी संख्या में हैं

कुछ् हो

क्या ही कुछ हो

कुछ-भी

पूरी तरह से, कोई भी, ज़रा भी

कुछ-नहीं

कोई हैसियत या एहमीयत नहीं, कोई बात नहीं, नामुनासिब है

कुछ-कुछ

ज़रा ज़रा, थोड़ा सा, थोड़ा थोड़ा, लगभग, तक़रीबन, थोड़ा बहुत

कुछ तो

अधिक नहीं, ज़्यादा नहीं, थोड़ा ही सही, थोड़ा सा

कुछ तो गेहूँ गीले, कुछ जिंदरी ढीली

बहाने करने वाली औरत के प्रति कहते हैं, काम न करने के सौ बहाने

कुछ तो गेहूँ गीले, कुछ जंदरी ढीली

बहाने करने वाली औरत के प्रति कहते हैं, काम न करने के सौ बहाने

कुछ गेहूँ गीले कुछ जंदरे ढीले

(अविर) हीले करनेवाली और बहानाबाज़ औरत के बारे में कहते हैं

कुछ दिए कुछ दिलाए कुछ का देना ही क्या

टाल मटोल करने वाले आदमी की निसबत कहते हैं

कुछ स्वार्थी कुछ पर मार्थी

कुछ अपने लिए कुछ ख़ुदा के लिए , कुछ दुनिया का काम कुछ आख़िरत का काम , दीन-ओ-दुनिया दोनों का ख़्याल चाहिए

कुछ गेहूँ गीले कुछ जंदरे ढीले

۔جَنْدرےٖ بالفتح وسکون سوم وکسر چہارم۔ چَکّی کے پُرزے۔ جانگر چکّی کے پُرزے) مثل۔ عو۔ بہانہ کرنے والے کی نسبت بولتی ہیں۔

कुछ गेहूँ गीले कुछ जाँगर ढीले

۔جَنْدرےٖ بالفتح وسکون سوم وکسر چہارم۔ چَکّی کے پُرزے۔ جانگر چکّی کے پُرزے) مثل۔ عو۔ بہانہ کرنے والے کی نسبت بولتی ہیں۔

कुछ गेहूँ गीले कुछ जाँगर ढीले

(अविर) हीले करनेवाली और बहानाबाज़ औरत के बारे में कहते हैं

कुछ लेते हो, कहा अपना काम क्या है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं आती

लेने को तैयार, देने से नकारना

कुछ लेते हो, कहा अपना काम यही है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं भाती

लेने को तैयार, देने से नकारना

कुछ ढंग नहीं

कोई सलीक़ा या शिष्टाचार नहीं, कुछ नहीं आता

कुछ-ईंट

۔وہ اینٹ جسے پزادے میں نہ پکایا ہو۔

कुछ भी नहीं

خالی خولی ؛ نا پائیدار ؛ بودا ؛ نازک ؛ بے حیثیت.

कुछ तुम ने समझा, कुछ हम ने समझा, औरों को ख़बर न हुई

किसी बात का तुम्हें ख़याल हुआ किसी बात का हमें, इस प्रकार बात बन गई

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा और कुछ ऊपर से मिला क़ंद

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

कुछ ठीक नहीं

कोई भरोसा ही नहीं है

कुछ जुदा ही तीर मारेंगे

(तंज़न) ये कौनसी बहादुरी करेंगे , यही तो इस मुश्किल काम को सर करेंगे

कुछ हासिल नहीं

कोई लाभ नहीं, कोई फ़ायदा नहीं

कुछ पल्ले नहीं

पास कुछ भी नहीं, ज़िम्मे कुछ भी नहीं, वाजिब नहीं (नक़द रोपे पैसे वग़ैरा)

कुछ आँसू पुछ गए

किसी क़दर तसल्ली हुई

कुछ दूर नहीं

ज़्यादा फ़ासिला नहीं , क्या ताज्जुब कि ऐसा ही हो , कुछ बईद नहीं , ये भी मुम्किन है

कुछ 'अजब नहीं

कोई अचंभे की बात नहीं, कोई हैरत की बात नहीं

कुछ गुड़ ढीला , कुछ बनिया

कुछ इस का क़सूर है कुछ इस का , क़सूर दोनों का है

कुछ चीज़ नहीं

कोई दर्जा नहीं, तुच्छ वस्तु है

कुछ ऊदा ने दिया कुछ पूदा ने दिया हमारा काम चल ही गया

उधर उधर से अपना काम निकाल लेना, थोड़ा थोड़ा बहुत होता है (इस शख़्स की निसबत बोलते हैं जो इधर उधर से अपना काम निकाल ले)

कुछ ऊदे ने दिया कुछ पूदे ने दिया हमारा काम हो ही गया

उधर उधर से अपना काम निकाल लेना, थोड़ा थोड़ा बहुत होता है (इस शख़्स की निसबत बोलते हैं जो इधर उधर से अपना काम निकाल ले)

कुछ न पूछिए

۔۱۔کہنے کی بات نہیں۔ قابل اظہار نہیں۔ جو جو تکلیفیں اس سفر میں ہوئی ہیں کچھ نہ پوچھو۔ ۲۔ تعریفب کے لئے۔ ؎

कुछ पर्वा नहीं

कोई हर्ज नहीं, कोई डर नहीं, कोई परवाह नहीं

कुछ तुम ने ख़्वाब तो नहीं देखा है

जब कोई शख़्स ऐसी बात कहता है जो नामुमकिन होती है तो ये मक़ूला कहा करते हैं

कुछ ख़र्च नहीं होता

۔کچھ نقصان نہیں ہوتا۔ ؎

कुछ खो के ही सीखते हैं

हानि उठा कर के ही सीख मिलती है

कुछ खो ही के सीखते हैं

हानि उठा कर के ही सीख मिलती है

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा और कुछ ऊपर से क़ंद

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा, कुछ ऊपर से डाला क़ंद

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

कुछ बसंत की भी ख़बर है

दुनिया की स्थितियों से भी कुछ सूचित हैं, सावधान करने के लिए बोलते हैं

कुछ हक़ीक़त नहीं

कोई सच्चाई नहीं, कोई हैसियत नहीं

कुछ कान में फूँकना

कोई मंत्र या जादू पढ़ कर कान में फूँकना

कुछ दिनों

چند روز ؛ کچھ عرصہ.

कुछ यूँ ही सा

واجبی سا، سرسری سا

कुछ गिरह में भी है

۔کچھ رقم پاس بھیہے۔ ؎

कुछ की कुछ

رک : کچھ کا کچھ ، اصل سے ہٹ کر ؛ بے بنیاد ؛ بے پرکی.

कुछ तो बावली, कुछ भूतों खदेड़ी

एक तो स्वयं ही पगली फिर मुसीबत की मारी, विपत्ति पर विपत्ति

कुछ एक

थोड़ा सा

कुछ-बहुत

थोड़ी बहुत; कुछ न कुछ

कुछ तो ख़लल है कि जिस से ये ख़लल है

इस ख़राबी या कमी का कोई कारण है

कुछ डर नहीं

۔۱۔ख़ौफ़ ख़तर, अंदेशा का मुक़ाम नहीं। २।कुछ मज़ाइक़ा नहीं

कुछ कम नहीं

बराबरी का दावा है, किसी से कम नहीं हैं

कुछ नहीं रहा

۔۱۔بچنے کی اُمید نہیں۔ دم نہیں رہا۔ ۲۔کوئی کام کی بات نہیں کی۔ ؎ ۳۔بُرا کیا۔ اچھّا نہیں کیا۔ تم نے کچھ نہیں کیا جو اس کو گالیاں دیں۔

कुछ ही हो

۔کچھ ہو کی تاکید کے لئے۔

कुछ नहीं गया

कुछ हानि नहीं हुआ

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कूछ के अर्थदेखिए

कूछ

kuuchhکُوچھ

वज़्न : 21

کُوچھ کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • رک : کُچھ مع تحتی الفاظ .

Urdu meaning of kuuchh

  • Roman
  • Urdu

  • ruk ha kuchh maatahtii alfaaz

कूछ के अंत्यानुप्रास शब्द

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कूछ

رک : کُچھ مع تحتی الفاظ .

कुछ

थोड़ी संख्या या मात्रा का

कूछा

गोद, बग़ल

कुछ-है

۔۱۔कोई बात है। कोई अंदरूनी बात है। ए २।देखो कुछ नंबर ३।३।बुराई है। खोट है। फ़ासिद ज़दा है। इस के दिल में कुछ है

कुछ हैं

किसी योग्य हैं, किसी शुमार में हैं, किसी संख्या में हैं

कुछ् हो

क्या ही कुछ हो

कुछ-भी

पूरी तरह से, कोई भी, ज़रा भी

कुछ-नहीं

कोई हैसियत या एहमीयत नहीं, कोई बात नहीं, नामुनासिब है

कुछ-कुछ

ज़रा ज़रा, थोड़ा सा, थोड़ा थोड़ा, लगभग, तक़रीबन, थोड़ा बहुत

कुछ तो

अधिक नहीं, ज़्यादा नहीं, थोड़ा ही सही, थोड़ा सा

कुछ तो गेहूँ गीले, कुछ जिंदरी ढीली

बहाने करने वाली औरत के प्रति कहते हैं, काम न करने के सौ बहाने

कुछ तो गेहूँ गीले, कुछ जंदरी ढीली

बहाने करने वाली औरत के प्रति कहते हैं, काम न करने के सौ बहाने

कुछ गेहूँ गीले कुछ जंदरे ढीले

(अविर) हीले करनेवाली और बहानाबाज़ औरत के बारे में कहते हैं

कुछ दिए कुछ दिलाए कुछ का देना ही क्या

टाल मटोल करने वाले आदमी की निसबत कहते हैं

कुछ स्वार्थी कुछ पर मार्थी

कुछ अपने लिए कुछ ख़ुदा के लिए , कुछ दुनिया का काम कुछ आख़िरत का काम , दीन-ओ-दुनिया दोनों का ख़्याल चाहिए

कुछ गेहूँ गीले कुछ जंदरे ढीले

۔جَنْدرےٖ بالفتح وسکون سوم وکسر چہارم۔ چَکّی کے پُرزے۔ جانگر چکّی کے پُرزے) مثل۔ عو۔ بہانہ کرنے والے کی نسبت بولتی ہیں۔

कुछ गेहूँ गीले कुछ जाँगर ढीले

۔جَنْدرےٖ بالفتح وسکون سوم وکسر چہارم۔ چَکّی کے پُرزے۔ جانگر چکّی کے پُرزے) مثل۔ عو۔ بہانہ کرنے والے کی نسبت بولتی ہیں۔

कुछ गेहूँ गीले कुछ जाँगर ढीले

(अविर) हीले करनेवाली और बहानाबाज़ औरत के बारे में कहते हैं

कुछ लेते हो, कहा अपना काम क्या है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं आती

लेने को तैयार, देने से नकारना

कुछ लेते हो, कहा अपना काम यही है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं भाती

लेने को तैयार, देने से नकारना

कुछ ढंग नहीं

कोई सलीक़ा या शिष्टाचार नहीं, कुछ नहीं आता

कुछ-ईंट

۔وہ اینٹ جسے پزادے میں نہ پکایا ہو۔

कुछ भी नहीं

خالی خولی ؛ نا پائیدار ؛ بودا ؛ نازک ؛ بے حیثیت.

कुछ तुम ने समझा, कुछ हम ने समझा, औरों को ख़बर न हुई

किसी बात का तुम्हें ख़याल हुआ किसी बात का हमें, इस प्रकार बात बन गई

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा और कुछ ऊपर से मिला क़ंद

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

कुछ ठीक नहीं

कोई भरोसा ही नहीं है

कुछ जुदा ही तीर मारेंगे

(तंज़न) ये कौनसी बहादुरी करेंगे , यही तो इस मुश्किल काम को सर करेंगे

कुछ हासिल नहीं

कोई लाभ नहीं, कोई फ़ायदा नहीं

कुछ पल्ले नहीं

पास कुछ भी नहीं, ज़िम्मे कुछ भी नहीं, वाजिब नहीं (नक़द रोपे पैसे वग़ैरा)

कुछ आँसू पुछ गए

किसी क़दर तसल्ली हुई

कुछ दूर नहीं

ज़्यादा फ़ासिला नहीं , क्या ताज्जुब कि ऐसा ही हो , कुछ बईद नहीं , ये भी मुम्किन है

कुछ 'अजब नहीं

कोई अचंभे की बात नहीं, कोई हैरत की बात नहीं

कुछ गुड़ ढीला , कुछ बनिया

कुछ इस का क़सूर है कुछ इस का , क़सूर दोनों का है

कुछ चीज़ नहीं

कोई दर्जा नहीं, तुच्छ वस्तु है

कुछ ऊदा ने दिया कुछ पूदा ने दिया हमारा काम चल ही गया

उधर उधर से अपना काम निकाल लेना, थोड़ा थोड़ा बहुत होता है (इस शख़्स की निसबत बोलते हैं जो इधर उधर से अपना काम निकाल ले)

कुछ ऊदे ने दिया कुछ पूदे ने दिया हमारा काम हो ही गया

उधर उधर से अपना काम निकाल लेना, थोड़ा थोड़ा बहुत होता है (इस शख़्स की निसबत बोलते हैं जो इधर उधर से अपना काम निकाल ले)

कुछ न पूछिए

۔۱۔کہنے کی بات نہیں۔ قابل اظہار نہیں۔ جو جو تکلیفیں اس سفر میں ہوئی ہیں کچھ نہ پوچھو۔ ۲۔ تعریفب کے لئے۔ ؎

कुछ पर्वा नहीं

कोई हर्ज नहीं, कोई डर नहीं, कोई परवाह नहीं

कुछ तुम ने ख़्वाब तो नहीं देखा है

जब कोई शख़्स ऐसी बात कहता है जो नामुमकिन होती है तो ये मक़ूला कहा करते हैं

कुछ ख़र्च नहीं होता

۔کچھ نقصان نہیں ہوتا۔ ؎

कुछ खो के ही सीखते हैं

हानि उठा कर के ही सीख मिलती है

कुछ खो ही के सीखते हैं

हानि उठा कर के ही सीख मिलती है

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा और कुछ ऊपर से क़ंद

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा, कुछ ऊपर से डाला क़ंद

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

कुछ बसंत की भी ख़बर है

दुनिया की स्थितियों से भी कुछ सूचित हैं, सावधान करने के लिए बोलते हैं

कुछ हक़ीक़त नहीं

कोई सच्चाई नहीं, कोई हैसियत नहीं

कुछ कान में फूँकना

कोई मंत्र या जादू पढ़ कर कान में फूँकना

कुछ दिनों

چند روز ؛ کچھ عرصہ.

कुछ यूँ ही सा

واجبی سا، سرسری سا

कुछ गिरह में भी है

۔کچھ رقم پاس بھیہے۔ ؎

कुछ की कुछ

رک : کچھ کا کچھ ، اصل سے ہٹ کر ؛ بے بنیاد ؛ بے پرکی.

कुछ तो बावली, कुछ भूतों खदेड़ी

एक तो स्वयं ही पगली फिर मुसीबत की मारी, विपत्ति पर विपत्ति

कुछ एक

थोड़ा सा

कुछ-बहुत

थोड़ी बहुत; कुछ न कुछ

कुछ तो ख़लल है कि जिस से ये ख़लल है

इस ख़राबी या कमी का कोई कारण है

कुछ डर नहीं

۔۱۔ख़ौफ़ ख़तर, अंदेशा का मुक़ाम नहीं। २।कुछ मज़ाइक़ा नहीं

कुछ कम नहीं

बराबरी का दावा है, किसी से कम नहीं हैं

कुछ नहीं रहा

۔۱۔بچنے کی اُمید نہیں۔ دم نہیں رہا۔ ۲۔کوئی کام کی بات نہیں کی۔ ؎ ۳۔بُرا کیا۔ اچھّا نہیں کیا۔ تم نے کچھ نہیں کیا جو اس کو گالیاں دیں۔

कुछ ही हो

۔کچھ ہو کی تاکید کے لئے۔

कुछ नहीं गया

कुछ हानि नहीं हुआ

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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