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कहाँ हो कहाँ न हो

कहाँ से कहाँ

यहाँ न वहाँ ये बला कहाँ

ख़ानाबदोश आदमी है एक जगह नहीं टिकता

मैं कहाँ तुम कहाँ

एक दूसरे के बीच एक बड़ा अंतर या दूरी है

कहाँ का कहाँ

बे-ठिकाने, काले-कोसों

कहाँ-कहाँ

कहाँ ये कहाँ वो

इन का क्या मुक़ाबला, उन का कोई मुक़ाबला नहीं

कहाँ बी-बी कहाँ बाँदी

छोटे दर्जे के व्यक्ति को ऊँचे दर्जे के व्यक्ति से क्या संबंध, बड़े और छोटे का क्या समानता, मालिक और नौकर की बराबरी कैसे हो सकती है

तू कहाँ और मैं कहाँ

तेरा मेरा क्या मुक़ाबला है, अगर आला से ख़िताब है तो अपने आप को कमतर और अदना से ख़िताब हो तो अपने आप को अफ़ज़ल ज़ाहिर किया जाता है

मैं कहाँ और वो कहाँ

रुक : में कहाँ तुम कहाँ

निकाही न बियाही मंडो बहू कहाँ से आई

किसी नापसंदीदा शख़्स के ख़्वाहमख़्वाह किसी से मुतवस्सिल हो जाने पर या ख़्वाहमख़्वाह रिश्तेदारी जताने पर कहते हैं

कहाँ से कहाँ ले ठिकाने

कहाँ राम राम , कहाँ टें टें

रुक: कहाँ राजा भोज कहाँ गंगा तीली

बात कहाँ से कहाँ जा पहुँचना

कहाँ-कहाँ की

कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली

कहाँ राजा भोज , कहाँ गंगवा तेली

कहाँ बुढ़िया, कहाँ राज कन्या

निम्न और उच्च के बीच क्या संबंध, बड़े और छोटे के बीच क्या प्रतियोगिता, एक बूढ़ी निर्धन महिला के साथ राजक की तुलना क्या?

कहाँ गंगा तेली और कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा / गंग॒वा, तीली

कहाँ राजा भोज और कहाँ गांगना तेली

छोटे का बड़े से किया मुक़ाबला, अदना को आला से किया निसबत, अच्छे का बुरे से कोई मुक़ाबला नहीं

कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा तेली

छोटे का बड़े से किया मुक़ाबला, अदना को आला से किया निस्बत, अच्छे का बुरे से कोई मुक़ाबला नहीं

कहाँ गंगू तेली और कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा / गंवा तीली

कहाँ राजा भोज और कहाँ कंगवा तेली

छोटे का बड़े से किया मुक़ाबला, अदना को आला से किया निसबत, अच्छे का बुरे से कोई मुक़ाबला नहीं

कहाँ गंगवा तेली और कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा / गंवा तीली

कहाँ राजा भोज और कहाँ गाँगला तेली

छोटे का बड़े से किया मुक़ाबला, अदना को आला से किया निसबत, अच्छे का बुरे से कोई मुक़ाबला नहीं

कहाँ जाऊँ

क्या ईलाज करूं, क्या तदबीर करूं

ये मुँह कहाँ

۔ये हौसला नहीं।

कहाँ की बात कहाँ ले जाना

किसी बात का ग़लत मतलब निकालना, ग़लत मफ़हूम लेना

कहाँ का आना कहाँ का जाना

कैसा आना जाना कैसा मिलना जुलना, कैसी मुलाक़ात, कैसा वास्ता, अर्थात : न कहीं आना है न कहीं जाना है

आएँ तो जाएँ कहाँ

रुक : आव तो जाऐ कहाँ

कहाँ जाऊँ

कहाँ मुँह

किसी लायक़ नहीं, किसी किस्म की लियाक़त नहीं, जुर्रत या हौसला नहीं

पश्म-कंदा न हो सकना

कुछ ना बिगड़ सकना, ज़र्रा भर नुक़्सान ना पहुंचना, कुछ ना हो सकना

कहाँ राजा भोज कहाँ ननवा तेली

सर कहाँ फोड़ूँ

किस जगह तलाश या खोज करूँ, किस से आग्रह करूँ, किस से फ़रियाद करूँ

कहाँ के हैं

कौन सी सरज़मीन और कौन से मुल॒क के रहने वाले हैं, किस मख़फ़ी शहर के हैं, ऐसे कौन हैं

कहाँ ननवा तेली, कहाँ राजा भोग

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा तीली

कहाँ ननवा तेली, कहाँ राजा भोज

रुक : कहाँ राजा भोज और कहाँ गंगा तीली

कहाँ गए थे , कहीं नहीं , कहाँ से आए , कहीं से नहीं

करना ना करना सब बेकार हो गया, ना कहीं आए और ना कहीं गए, वहीं के वहीं रहे

कहीं ऐसा न हो जाए

ख़िलाफ़-ए-तवक़्क़ो बात ना हो जाये उमूमन अंदेशे के मौक़ा पर बोलते हैं

हाँसी में खाँसी न हो जाए

ख़ुशी में रंज ना हो जाये

कहाँ ला कर फंसाया

बुरे से पाला डाला, बुरी जगह गिरफ़्तार कराया, किस मुसीबत में डाला, किस बला में मुबतला किया

इन तिलों में तेल कहाँ

आग में धुवाँ कहाँ

हर बात की बुनियाद ज़रूर होती है, हर इल्लत के लिए मालूल ज़रूर है

कहाँ से

किधर से, कैसे, किस तरह, क्यों कर

नसीब कहाँ

हासिल नहीं, मुक़द्दर में नहीं, मयस्सर नहीं

क्यूँ न हो

शाबाश, क्या कहना, अवश्य, ज़रूर, वाह वाह, क्यों नहीं, ऐसा ज़रूर हो

कहाँ राजा भोज और कहाँ भुजवा तेली

छोटे का बड़े से किया मुक़ाबला, अदना को आला से किया निसबत, अच्छे का बुरे से कोई मुक़ाबला नहीं

कहाँ राजा भोज और कहाँ ननवा तेली

छोटे का बड़े से किया मुक़ाबला, अदना को आला से किया निसबत, अच्छे का बुरे से कोई मुक़ाबला नहीं

वहाँ मारिए जहाँ पानी न हो

रुक : वहां गर्दन मारीए अलख

कहाँ-की

पी-कहाँ

पपीहे की आवाज़

कहाँ से रंगा के आए हैं

(तंज़न) आप में कौनसी ख़ूबी है

चील के घोंसले में मास कहाँ

फ़ुज़ूलखर्च के पास रुपया मिलना दुशवार है, मुस्रिफ़ हमेशा तंगदस्त रहता है

मुँह कहाँ है

कहाँ के तीस मार ख़ाँ हैं

कहाँ के ज़बरदस्त दिलावर हैं

दुश्मन कहाँ , बग़ल में

पेट इंसान का बड़ा दुश्मन है सब कुछ कराता है

झूटों के पैर कहाँ

रुक : झूट के पांव कहाँ

आए तो जाए कहाँ

रुक: आओ तो जाओ कहाँ

इन तिलों तेल कहाँ

बेमुरव्वत या बख़ील हैं, पसेजते नहीं, रखाई करते हैं, असर क़बूल नहीं करते

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कहाँ हो कहाँ न हो के अर्थदेखिए

कहाँ हो कहाँ न हो

kahaa.n ho kahaa.n na hoکَہاں ہو کَہاں نَہ ہو

English meaning of kahaa.n ho kahaa.n na ho

  • who knows where (he, etc.) may be

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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